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जमशेदपुर: जेल में बंद कैदियों को राखी नहीं बांध पाई बहनें, मायूस होकर लौटी - जमशेदपुर में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया

जमशेदपुर में कोरोना संक्रमण के कारण घाघीडीह सेंट्रल जेल में सजा काट रहे कैदियों को उनकी बहनें राखी नहीं बांध पाई. सोमवार की सुबह से कई बहनें राखी लेकर सेंट्रल जेल पहुंचीं, लेकिन उन्हें अपने भाई को राखी बांधे बिना ही वापस लौटना पड़ा.

Sisters could not tie rakhi to prisoner in Jamshedpur
जमशेदपुर में जेल में बंद कैदियों को राखी नहीं बांध पाई बहनें
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Published : Aug 3, 2020, 5:20 PM IST

जमशेदपुर: घाघीडीह सेंट्रल जेल में भाई-बहन के रिश्ते के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन के दिन जेल में बंद कैदियों को उनकी बहनें राखी नहीं बांध पाई. कोरोना संक्रमण को देखते हुए जेल प्रशासन द्वारा पूर्व में ही नोटिस लगाया गया था कि बाहर से किसी भी सामान के अंदर जाने पर अगले आदेश तक रोक लगाई गई है. सोमवार की सुबह से कई बहनें राखी लेकर सेंट्रल जेल पहुंचीं, लेकिन उन्हें अपने भाई को राखी बांधे बिना ही वापस लौटना पड़ा है.

बता दें कि वर्तमान में घाघीडीह सेंट्रल जेल में 1700 कैदी सजा काट रहे हैं, जिनमें महिला कैदी भी शामिल हैं इनकी संख्या 60 के लगभग है. कोविड 19 को देखते हुए जेल प्रशासन द्वारा कैदियों से मिलने के उनके परिजनों के लिए ई मुलाकात की सुविधा मुहैया कराई गई है. जेल में मुलाकात करने पर पूरी तरह रोक लगाई गई है. घाघीडीह सेंट्रल जेल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार जेल संक्रमण न फैले इसके लिए ऐतिहात बरते जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: देवघर: रक्षाबंधन और सावन की अंतिम सोमवारी आज, शुभ योग में करें भगवान शिव की पूजा

यही वजह है कि अभी तक कोई भी कैदी संक्रमित नहीं पाया गया है. इसके साथ ही जेलकर्मी भी सक्रमित नहीं हुए हैं. सुरक्षा को देखते रक्षाबंधन में सावधानी बरतते राखी को अंदर भेजने और अंदर जाकर बंधने पर रोक लगाई है, जिससे जेल में मौजूद कैदी सुरक्षित रह सके.

जमशेदपुर: घाघीडीह सेंट्रल जेल में भाई-बहन के रिश्ते के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन के दिन जेल में बंद कैदियों को उनकी बहनें राखी नहीं बांध पाई. कोरोना संक्रमण को देखते हुए जेल प्रशासन द्वारा पूर्व में ही नोटिस लगाया गया था कि बाहर से किसी भी सामान के अंदर जाने पर अगले आदेश तक रोक लगाई गई है. सोमवार की सुबह से कई बहनें राखी लेकर सेंट्रल जेल पहुंचीं, लेकिन उन्हें अपने भाई को राखी बांधे बिना ही वापस लौटना पड़ा है.

बता दें कि वर्तमान में घाघीडीह सेंट्रल जेल में 1700 कैदी सजा काट रहे हैं, जिनमें महिला कैदी भी शामिल हैं इनकी संख्या 60 के लगभग है. कोविड 19 को देखते हुए जेल प्रशासन द्वारा कैदियों से मिलने के उनके परिजनों के लिए ई मुलाकात की सुविधा मुहैया कराई गई है. जेल में मुलाकात करने पर पूरी तरह रोक लगाई गई है. घाघीडीह सेंट्रल जेल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार जेल संक्रमण न फैले इसके लिए ऐतिहात बरते जा रहे हैं.

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यही वजह है कि अभी तक कोई भी कैदी संक्रमित नहीं पाया गया है. इसके साथ ही जेलकर्मी भी सक्रमित नहीं हुए हैं. सुरक्षा को देखते रक्षाबंधन में सावधानी बरतते राखी को अंदर भेजने और अंदर जाकर बंधने पर रोक लगाई है, जिससे जेल में मौजूद कैदी सुरक्षित रह सके.

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