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जमशेदपुर में किन्नरों ने नम आंखों से मां को दी विदाई, सिंदूर खेलकर एक दूसरे को दी बधाई

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Published : Oct 26, 2020, 5:00 PM IST

आज भक्त नम आंखों से मां दुर्गा को विदाई दे रहे हैं. जमशेदपुर के किन्नरों ने भी अपने घरों में मां की पूजा की, अब उन्होंने भी मां की प्रतिमा का विसर्जन किया.

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किन्नरों का दुर्गा पूजा

जमशेदपुर: सोमवार को दुर्गा पूजा संपन्न हो गया है. नौ दिन मां दुर्गा की पूजा अर्चना के बाद महादशमी के दिन नम आंखों से भक्त उन्हें विदाई दे रहे हैं. जमशेदपुर के गोलमुरी के रहने वाले किन्नर अमरजीत ने भी अपने घर दुर्गा पूजा का आयोजन किया था. सोमवार के दिन उन्होंने भी अपने समाज के लोगों के साथ मिलकर सिंदूर खेला और मां दुर्गा को विदाई दी.

देखें पूरी खबर

अमरजीत ने बताया कि उसके घर में मां की पूजा करीब पंद्रह साल से हो रही है और मां दुर्गा की प्रतिमा खुद बनाती हैं. उन्होंने बताया कि प्रतिमा में लगने वाली मिट्ठी कोलकोता से मंगाया जाता है और प्रतिमा को बनाकर पूरे विधि विधान से पूजा करती है, पूजा के अंतिम दिन अमरजीत अपने समाज के सभी लोगों को बुलाती है और एक दूसरे को सिंदूर लगाकर बधाई देती है. वहीं मां दुर्गा की पूजा में अमरजीत के समाज के लोग भी उन्हें भरपूर सहयोग देते हैं. किन्नरों का कहना है कि दुर्गा पूजा में कन्या पूजन भी कराया जाता है.

इसे भी पढे़ं:- कोरोना ने छीनी दुर्गा पूजा की रौनक, युवाओं में मायूसी


अमरजीत के इस कार्य में उसकी मां और बहन भी साथ देती हैं. उनकी मां का कहना है कि अमरजीत की खुशी में हमारी खुशी है, अमरजीत को बचपन से पूजा पाठ का शौक है और बचपन में भी वो इसी तरह मूर्ति बनाकर पूजा करती थी. वहीं उसकी बहन भी दशमी के दिन अमरजीत के पूजा में जरूर आकर भाग लेती हैं.

जमशेदपुर: सोमवार को दुर्गा पूजा संपन्न हो गया है. नौ दिन मां दुर्गा की पूजा अर्चना के बाद महादशमी के दिन नम आंखों से भक्त उन्हें विदाई दे रहे हैं. जमशेदपुर के गोलमुरी के रहने वाले किन्नर अमरजीत ने भी अपने घर दुर्गा पूजा का आयोजन किया था. सोमवार के दिन उन्होंने भी अपने समाज के लोगों के साथ मिलकर सिंदूर खेला और मां दुर्गा को विदाई दी.

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अमरजीत ने बताया कि उसके घर में मां की पूजा करीब पंद्रह साल से हो रही है और मां दुर्गा की प्रतिमा खुद बनाती हैं. उन्होंने बताया कि प्रतिमा में लगने वाली मिट्ठी कोलकोता से मंगाया जाता है और प्रतिमा को बनाकर पूरे विधि विधान से पूजा करती है, पूजा के अंतिम दिन अमरजीत अपने समाज के सभी लोगों को बुलाती है और एक दूसरे को सिंदूर लगाकर बधाई देती है. वहीं मां दुर्गा की पूजा में अमरजीत के समाज के लोग भी उन्हें भरपूर सहयोग देते हैं. किन्नरों का कहना है कि दुर्गा पूजा में कन्या पूजन भी कराया जाता है.

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अमरजीत के इस कार्य में उसकी मां और बहन भी साथ देती हैं. उनकी मां का कहना है कि अमरजीत की खुशी में हमारी खुशी है, अमरजीत को बचपन से पूजा पाठ का शौक है और बचपन में भी वो इसी तरह मूर्ति बनाकर पूजा करती थी. वहीं उसकी बहन भी दशमी के दिन अमरजीत के पूजा में जरूर आकर भाग लेती हैं.

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