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टाटा लीज और सरकारी जमीन पर बसे लोगों को मालिकाना हक दिलाने की मुहिम, मंत्री सरयू राय लड़ेंगे लड़ाई

जमशेदपुर की सरकारी और टाटा लीज की जमीन पर बसे लोगों को मलिकाना हक दिलाने की मुहिम में मंत्री सरयू राय एक बार फिर से जुट गए हैं. लंबे समय से सरकारी जमीन पर घर बना कर रह रहे लोगों को संवैधानिक हक दिलाने के लिए मंत्री सरकारी स्तर पर वकालत कर रहे हैं.

सरयू राय
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Published : Sep 23, 2019, 10:40 AM IST

जमशेदपुर: लंबे समय से जमीन के मालिकाना हक की लड़ाई लड़ रहे शहरवासियों को खाद्य आपूर्ति मंत्री का समर्थन एकबार फिर से मिलना शुरू हो गया है. टाटा और सरकार की जमीन पर लंबे समय से रह रहे लोगों को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए मंत्री सरयू राय ने प्रयास शुरू कर दिया है.

देखें पूरी खबर

सरकारी और टाटा लीज की जमीन पर बहुत दिनों से बसे लोग जमीन के मालिकाना के लिए लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं. सरकार की ओर से इन जगहों पर रह रहे लोगों को बिजली और पानी जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं, लेकिन उन्हें इन जमीनों पर संवैधानिक हक नहीं मिल रहा है. इन जगहों पर रह रहे लोग सरकार को टैक्स भी दे रहे हैं, लेकिन इनके घरों को अवैध कहा जाता है. जिसके लिए खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय दोबारा से इन लोगों के समर्थन में उतर आए हैं.

लोगों के लिए संवैधानिक लड़ाई लड़ेंगे सरयू राय

रविवार को मंत्री सरयू राय ने कहा कि मैं सरकारी स्तर पर जमशेदपुर के लोगों की मदद के लिए हमेशा प्रयासरत हूं. सरकारी और टाटा लीज की जमीन पर लंबे समय से रह रहे परिवारों के हक की लड़ाई में हमेशा साथ हूं. उन्होंने कहा कि वे इसके लिए सरकारी स्तर पर पहल कर रहे हैंं और उन्हें इसका हक जरूर दिलाएंगे. अपने मालिकाना हक के लिए ऐसे लोग आगे आएं और अपना आवेदन डीसी को दें.

ये भी पढ़ें:- संथाल के 18 विधानसभा सीटों में भाजपा करेगी जीत दर्ज: सत्यानंद झा बाटुल

सुप्रीम कोर्ट फैसले के अनुसार विभागीय सचिव ने कुछ दिन पहले उपायुक्त को एक पत्र लिखकर इस मामले में वर्तमान स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी है. अब जिन लोगों के पास भी अवैध दखल का खतियान है वह पारित करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. साथ ही उनके आवेदन को स्वीकृति के बाद बंदोबस्ती के 2 नंबर की रजिस्टर में नाम चढ़ाए.

जमशेदपुर: लंबे समय से जमीन के मालिकाना हक की लड़ाई लड़ रहे शहरवासियों को खाद्य आपूर्ति मंत्री का समर्थन एकबार फिर से मिलना शुरू हो गया है. टाटा और सरकार की जमीन पर लंबे समय से रह रहे लोगों को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए मंत्री सरयू राय ने प्रयास शुरू कर दिया है.

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सरकारी और टाटा लीज की जमीन पर बहुत दिनों से बसे लोग जमीन के मालिकाना के लिए लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं. सरकार की ओर से इन जगहों पर रह रहे लोगों को बिजली और पानी जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं, लेकिन उन्हें इन जमीनों पर संवैधानिक हक नहीं मिल रहा है. इन जगहों पर रह रहे लोग सरकार को टैक्स भी दे रहे हैं, लेकिन इनके घरों को अवैध कहा जाता है. जिसके लिए खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय दोबारा से इन लोगों के समर्थन में उतर आए हैं.

लोगों के लिए संवैधानिक लड़ाई लड़ेंगे सरयू राय

रविवार को मंत्री सरयू राय ने कहा कि मैं सरकारी स्तर पर जमशेदपुर के लोगों की मदद के लिए हमेशा प्रयासरत हूं. सरकारी और टाटा लीज की जमीन पर लंबे समय से रह रहे परिवारों के हक की लड़ाई में हमेशा साथ हूं. उन्होंने कहा कि वे इसके लिए सरकारी स्तर पर पहल कर रहे हैंं और उन्हें इसका हक जरूर दिलाएंगे. अपने मालिकाना हक के लिए ऐसे लोग आगे आएं और अपना आवेदन डीसी को दें.

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सुप्रीम कोर्ट फैसले के अनुसार विभागीय सचिव ने कुछ दिन पहले उपायुक्त को एक पत्र लिखकर इस मामले में वर्तमान स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी है. अब जिन लोगों के पास भी अवैध दखल का खतियान है वह पारित करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. साथ ही उनके आवेदन को स्वीकृति के बाद बंदोबस्ती के 2 नंबर की रजिस्टर में नाम चढ़ाए.

Intro:जमशेदपुर ।
काफी दिनों के बाद एक बार फिर जमशेदपुर में जमीन का मालिकाना हक देने का जिन बाहर निकल आया है इस बार मंत्री सरयू राय ने इस मुद्दा को उठाया है सरयू राय ने कहा है कि जमशेदपुर के लोगों को संवैधानिक तरीके से मालिकाना दिलाने का उन्होंने प्रयास शुरू कर दिया है। टाटा लीज या सरकार की जमीन पर लोग बहुत दिनों से बसे हुए हैं ।सरकार ने उनको बिजली पानी सहित तमाम सुविधाएं दे दी ।है यह लोग सरकार को टैक्स भी दे रहे हैं ।लेकिन उनके घरों को अवैध कहा जाता है इस को वैध कराने के लिए प्रयासरत हूं।उन्होने कहा वे इसके लिए पहल कर रहे है और उन्हें इसका हक ज़रूर दिलवाएगे।लेकिन इसके लिए वैसे लोगो को आगे आना होगा।और अपना आवेदन जिले के डीसी को देना होगा।


Body:सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार विभागीय सचिव ने अभी जमशेदपुर के उपायुक्त को भी एक पत्र लिखा है और एक रिमाइंडर भी दिया है विभागीय सचिव के पत्र के अनुसार इस मामले की क्या वस्तुस्थिति है।उसे अवगत कराया जाए।
अब जिन लोगों के पास भी अवैध दखल का खतियान है वह पारित करने में आवेदन करें ।उनके आवेदन को स्वीकृत करते बंदोबस्ती करते हुए रजिस्टर 2 मे नाम चढाए।


Conclusion:na
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