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फिल्म महोत्सव में दिखाई गई नेपाल की महिला द्वारा बनाई संथाली भाषा की मूवी, देखने पहुंचे आदिवासी - दसवां क्षेत्रीय भाषा संथाली फिल्म महोत्सव

जमशेदपुर में बिस्टुपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में दसवां क्षेत्रीय भाषा संथाली फिल्म महोत्सव का विधिवत उद्दघाटन किया गया. इस महोत्सव में झारखंड के विभिन्न जिले से आदिवासी महिला और पुरुष संथाली फिल्म को देखने पहुंचे.

दसवां संथाली फिल्म महोत्सव का हुआ आगाज.
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Published : Sep 9, 2019, 3:44 AM IST

जमशेदपुर: क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को अंतराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने वाले ऑल इंडिया संथाली फिल्म एसोसिएशन द्वारा दसवां संथाली फिल्म महोत्सव का आगाज माइकल जॉन ऑडिटोरियम में किया गया. महोत्सव में नेपाल की रहने वाली महिला द्वारा निर्देशित फिल्म की प्रस्तुति की गई.

दरअसल, बिस्टुपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में दसवां क्षेत्रीय भाषा संथाली फिल्म महोत्सव का विधिवत उद्दघाटन किया गया. इस महोत्सव में झारखंड के विभिन्न जिले से आदिवासी महिला और पुरुष संथाली फिल्म को देखने पहुंचे. महोत्सव की शुरुआत नेपाल की रहने वाली महिला गंगा थापा द्वारा निर्देशित फिल्म के द्वारा की गई. इस दौरान महिला द्वारा क्षेत्रीय फिल्म का निर्माण चर्चा का विषय बना रहा.

दसवां संथाली फिल्म महोत्सव का हुआ आगाज.

आपको बता दें कि नेपाल की गंगा थापा पिछले कुछ वर्षों से झारखंड में रहकर संथाली भाषा सीखने के बाद आदिवासी क्षेत्र के कलाकारों को मंच देने की कोशिश में हैं. उनका कहना है कि झारखंड में सरकार द्वारा सपोर्ट मिलने से एक बेहतर माहौल बना है. क्षेत्रीय भाषा की फिल्में बड़ी संख्या में बन रही हैं. वहीं, पिछले 30 वर्षों से क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता दशरथ हांसदा का कहना है कि पहले से क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को पहचान मिल रही है. झारखंड सरकार का सपोर्ट मिल रहा है. गांव से पर्दे तक का सफर करने वाली डगर सोरेन ने बताया है कि फिल्म महोत्सव के जरिए अब आदिवासी लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ रहा है और रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं.

जमशेदपुर: क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को अंतराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने वाले ऑल इंडिया संथाली फिल्म एसोसिएशन द्वारा दसवां संथाली फिल्म महोत्सव का आगाज माइकल जॉन ऑडिटोरियम में किया गया. महोत्सव में नेपाल की रहने वाली महिला द्वारा निर्देशित फिल्म की प्रस्तुति की गई.

दरअसल, बिस्टुपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में दसवां क्षेत्रीय भाषा संथाली फिल्म महोत्सव का विधिवत उद्दघाटन किया गया. इस महोत्सव में झारखंड के विभिन्न जिले से आदिवासी महिला और पुरुष संथाली फिल्म को देखने पहुंचे. महोत्सव की शुरुआत नेपाल की रहने वाली महिला गंगा थापा द्वारा निर्देशित फिल्म के द्वारा की गई. इस दौरान महिला द्वारा क्षेत्रीय फिल्म का निर्माण चर्चा का विषय बना रहा.

दसवां संथाली फिल्म महोत्सव का हुआ आगाज.

आपको बता दें कि नेपाल की गंगा थापा पिछले कुछ वर्षों से झारखंड में रहकर संथाली भाषा सीखने के बाद आदिवासी क्षेत्र के कलाकारों को मंच देने की कोशिश में हैं. उनका कहना है कि झारखंड में सरकार द्वारा सपोर्ट मिलने से एक बेहतर माहौल बना है. क्षेत्रीय भाषा की फिल्में बड़ी संख्या में बन रही हैं. वहीं, पिछले 30 वर्षों से क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता दशरथ हांसदा का कहना है कि पहले से क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को पहचान मिल रही है. झारखंड सरकार का सपोर्ट मिल रहा है. गांव से पर्दे तक का सफर करने वाली डगर सोरेन ने बताया है कि फिल्म महोत्सव के जरिए अब आदिवासी लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ रहा है और रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं.

Intro:जमशेदपुर।


क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को अंतराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने वाला ऑल इंडिया संथाली फ़िल्म एसोसिएशन द्वारा दसवां संथाली फ़िल्म महोत्सव का आगाज़ माइकल जॉन ऑडिटोरियम में किया गया ।महोत्सव में नेपाल की रहने वाली महिला निर्देशित फील्म की प्रस्तुति की गई।महिला निर्देशक ने बताया है कि एक चुनौती है फ़िल्म बनाना प्रयास है आदिवासी क्षेत्र के युवा पीढ़ी को एक मंच मिल सके ।


Body:जमशेदपुर के बिस्टुपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में दसवां क्षेत्रीय भाषा संथाली फ़िल्म महोत्सव का विधिवत उद्दघाटन किया गया ।इस महोत्सव में झारखंड के बिभिन्न ज़िला से आदिवासी महिला पुरुष संथाली फ़िल्म को देखने पहुंचे ।
महोत्सव की शुरुआत नेपाल की रहने वाली महिला गंगा थापा निर्देशित फ़िल्म की प्रस्तुति की गई ।महिला द्वारा क्षेत्रीय फ़िल्म का निर्माण जो चर्चा का विषय बना रहा ।
आपको बता दे कि नेपाल की गंगा थापा पिछले कुछ वर्षों से झारखंड में रहकर संथाली भाषा सीखने के बाद आदिवासी क्षेत्र के कलाकारों को मंच देने की कोशिश में है।वो कहती हैं की झारखंड में सरकार द्वारा स्पोर्ट मिलने से एक बेहतर माहौल बना है क्षेत्रीय भाषा की फिल्में बड़ी संख्या में बन रही है।
बाईट डगर थापा संथाली फ़िल्म निर्देशक।
वहीं पिछले 30 वर्षों से क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता दशरथ हांसदा का कहना है पहले से क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को पहचान मिल।रही है झारखंड सरकार का स्पोर्ट मिल रहा है ।जबकि गांव से पर्दे तक का सफर करने वाली डगर सोरेन ने बताया है कि फ़िल्म महोत्सव के जरिये अब आदिबासी लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ रहा है रोजगार के अवसर भी मिल रहे है।
बाईट दशरथ हांसदा अभिनेता
बाईट डगर सोरेन महिला अभिनेत्री





Conclusion:बहरहाल 14 सितंबर तक चलने वाला संथाली फ़िल्म महोत्सव के जरिये वर्तमान पीढ़ी को मनोरंजन के साथ अपनी भाषा से स्कृति को समझने का।मौला।बजी मिलेगा।
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