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जमशेदपुरः कबडड्डी खिलाड़ी की मदद को आगे आया रोटरी क्लब, आर्थिक तंगहाली के चलते बेच रहा डोसा - रोटरी क्लब ने दी कबडड्डी खिलाड़ी को मदद

जमशेदपुर के राष्ट्रीय स्तर के कबडड्डी खिलाड़ी प्रमोद कुमार की मदद के लिए रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर ने पहल की है. गरीबी के चलते डोसा बेचने को मजबूर प्रमोद कुमार को रोटरी क्लब ने ई-रिक्शा मुहैया कराया है.

कबडड्डी खिलाड़ी की मदद
कबडड्डी खिलाड़ी की मदद
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Published : Dec 17, 2020, 6:40 PM IST

जमशेदपुरः सोनारी निवासी एक राष्ट्रीय स्तर के कबडड्डी खिलाड़ी के डोसा बेचने की सूचना पर रोटरी क्लब ने उनकी वित्तीय हालात सुधारने की दिशा में मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. ताकि कुछ तो उसकी जिदंगी पर फर्क पड़े. गुरुवार को रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर के प्रतिनिधियों ने पूर्व विधायक सह प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी की उपस्थिति में पूर्व कबड्डी खिलाड़ी प्रमोद कुमार को ई-रिक्शा भेंट किया.

जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट के पास बाजार में प्रमोद कुमार डोसा का स्टॉल लगाते हैं. वे एक समय में राष्ट्रीय स्तर के कबड्डी खिलाड़ी रह चुके हैं, लेकिन नौकरी न मिलने से डोसा बेचने को मजबूर हैं. कोरोना काल में इनकी हालत और भी खराब हो गई क्योंकि पहले जहां डोसा के अलावे छोटी-मोटी नौकरी मिल जाती थी जिससे काम चल जाता था वहीं अब नौकरी के लाले हैं.

1987-88 में जिला और राष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी खेलने की शुरूआत करने वाले प्रमोद कुमार ने सालों तक पीछे मुड़कर नहीं देखा. जूनियर वर्ग में जहां उन्होंने 1990 में महाराष्ट्र में आयोजित राष्ट्रीय कबड्डी में गोल्ड मेडल जीता, वहीं राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में अविभाजित बिहार की टीम के सदस्य के रूप में भी शिरकत की.

कई बड़ी प्रतियोगताओं में लिया था भाग

प्रमोद कुमार बिहार टीम और जापान की टीम के बीच 1994 में हुए दोस्ताना मैच का भी हिस्सा थे, लेकिन अब ये पुरानी यादें हो चुकी हैं. फ़िलहाल डोसा ही उनकी जीविका का सहारा है. गुरुवार सुबह रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर की ओर से जब उन्हें ई-रिक्शा दिया गया तो उन्हें उम्मीद जगी कि अब आर्थिक हालात कुछ सुधरेंगे क्योंकि डोसा का स्टॉल सुबह या शाम को लगता है.

दिन में उनके पास समय है पर काम नहीं है. अब वे ई-रिक्शा के माध्यम से कुछ और पैसे कमा पाएंगे. दरअसल अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू के माध्यम से प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाडंगी को प्रमोद कुमार के हालात की जानकारी मिली तो उन्होंने रोटरी क्लब से संपर्क किया जो जरूरतमंदों को ई-रिक्शा देने की योजना बना रहे थे.

यह भी पढ़ेंः वह गांव जहां थी मूलभूत सुविधाओं की कमी, वहां विधायक और डीसी ने योजनाओं की झड़ी लगा दी

रोटरी क्लब तुरंत तैयार हो गया और आज प्रमोद को ई-रिक्शा देते ही उस अभियान का शुभारंभ हो गया है, लेकिन पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने सरकार से गुजारिश की है कि ऐसे खिलाड़ियों के लिए एक नीति बनाकर उनके लिए बेहतर रोजगार की व्यवस्था की जाए.

दरअसल शहर के जाने माने अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू भी कभी कबड्डी खेला करते थे. उस समय से वे प्रमोद कुमार को जानते हैं और उन्हें दुख होता है कि एक सितारा इस तरह डोसा बेचने को मजबूर है.

रोटरी क्लब के अध्यक्ष डीके जाना ने कहा कि क्लब ने आज महज शुरूआत की है. उनकी योजना है कि हर सप्ताह वे किसी जरूरतमंद तक ई-रिक्शा पहुंचाएं. उसके लिए इनकी योजना बन रही है. इस मौके पर रोटरी क्लब के ज्ञान तनेजा, शरत चंद्रन, एम.एल. अग्रवाल, विजय वैद्यनाथन, विनोद मेनन, अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू, नम्या फ़ाउंडेशन की सदस्य अक्षरा आलोक मौजूद थीं.

जमशेदपुरः सोनारी निवासी एक राष्ट्रीय स्तर के कबडड्डी खिलाड़ी के डोसा बेचने की सूचना पर रोटरी क्लब ने उनकी वित्तीय हालात सुधारने की दिशा में मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. ताकि कुछ तो उसकी जिदंगी पर फर्क पड़े. गुरुवार को रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर के प्रतिनिधियों ने पूर्व विधायक सह प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी की उपस्थिति में पूर्व कबड्डी खिलाड़ी प्रमोद कुमार को ई-रिक्शा भेंट किया.

जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट के पास बाजार में प्रमोद कुमार डोसा का स्टॉल लगाते हैं. वे एक समय में राष्ट्रीय स्तर के कबड्डी खिलाड़ी रह चुके हैं, लेकिन नौकरी न मिलने से डोसा बेचने को मजबूर हैं. कोरोना काल में इनकी हालत और भी खराब हो गई क्योंकि पहले जहां डोसा के अलावे छोटी-मोटी नौकरी मिल जाती थी जिससे काम चल जाता था वहीं अब नौकरी के लाले हैं.

1987-88 में जिला और राष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी खेलने की शुरूआत करने वाले प्रमोद कुमार ने सालों तक पीछे मुड़कर नहीं देखा. जूनियर वर्ग में जहां उन्होंने 1990 में महाराष्ट्र में आयोजित राष्ट्रीय कबड्डी में गोल्ड मेडल जीता, वहीं राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में अविभाजित बिहार की टीम के सदस्य के रूप में भी शिरकत की.

कई बड़ी प्रतियोगताओं में लिया था भाग

प्रमोद कुमार बिहार टीम और जापान की टीम के बीच 1994 में हुए दोस्ताना मैच का भी हिस्सा थे, लेकिन अब ये पुरानी यादें हो चुकी हैं. फ़िलहाल डोसा ही उनकी जीविका का सहारा है. गुरुवार सुबह रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर की ओर से जब उन्हें ई-रिक्शा दिया गया तो उन्हें उम्मीद जगी कि अब आर्थिक हालात कुछ सुधरेंगे क्योंकि डोसा का स्टॉल सुबह या शाम को लगता है.

दिन में उनके पास समय है पर काम नहीं है. अब वे ई-रिक्शा के माध्यम से कुछ और पैसे कमा पाएंगे. दरअसल अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू के माध्यम से प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाडंगी को प्रमोद कुमार के हालात की जानकारी मिली तो उन्होंने रोटरी क्लब से संपर्क किया जो जरूरतमंदों को ई-रिक्शा देने की योजना बना रहे थे.

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रोटरी क्लब तुरंत तैयार हो गया और आज प्रमोद को ई-रिक्शा देते ही उस अभियान का शुभारंभ हो गया है, लेकिन पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने सरकार से गुजारिश की है कि ऐसे खिलाड़ियों के लिए एक नीति बनाकर उनके लिए बेहतर रोजगार की व्यवस्था की जाए.

दरअसल शहर के जाने माने अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू भी कभी कबड्डी खेला करते थे. उस समय से वे प्रमोद कुमार को जानते हैं और उन्हें दुख होता है कि एक सितारा इस तरह डोसा बेचने को मजबूर है.

रोटरी क्लब के अध्यक्ष डीके जाना ने कहा कि क्लब ने आज महज शुरूआत की है. उनकी योजना है कि हर सप्ताह वे किसी जरूरतमंद तक ई-रिक्शा पहुंचाएं. उसके लिए इनकी योजना बन रही है. इस मौके पर रोटरी क्लब के ज्ञान तनेजा, शरत चंद्रन, एम.एल. अग्रवाल, विजय वैद्यनाथन, विनोद मेनन, अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू, नम्या फ़ाउंडेशन की सदस्य अक्षरा आलोक मौजूद थीं.

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