जमशेदपुर: स्टील सिटी के नाम से जाने जाने वाला शहर जमशेदपुर कभी नौ किलोमीटर का होता था, लेकिन अब शहर का दायरा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. जमशेदपुर की आबादी करीब 23 लाख के आस पास पहुंच चुकी है. आबादी के बढ़ने के साथ साथ शहर की सड़कों का चौड़ीकरण भी होते जा रहा है, लेकिन शहर में कहींं भी फ्लाईओवर नहीं बना है. शहर के देखरेख टाटा स्टील की सहयोगी संस्था जुस्को करती है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में फ्लाईओवर का नहीं होने का सबसे बड़ा कारण टाटा स्टील है, शहर का विस्तारीकरण हुआ, जनसंख्या बढ़ी, सड़कें भी चौड़ी हुई, लेकिन फ्लाईओवर नहीं बना, शहर मे आए दिन जाम के साथ-साथ दुर्घटनाएं भी होते रहती है. उन्होंने बताया कि शहर के सबसे व्यस्ततम इलाका बिष्टुपूर मुख्य सड़क, साकची कालीमाटी रोड, मानगो पुल और गोलमुरी चौक में सबसे ज्यादा परेशानी लोगों को होती है, यहां हमेशा जाम रहती है. स्थानीय लोगों का मानना है कि जमशेदपुर में कम से कम चार जगहों पर फ्लाईओवर की जरूरत है, फ्लाईओवर बन जाने से दुर्घटना की संभावना काफी कम रहेगी.
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आंकड़ों के अनुसार जमशेदपुर में सड़क दुर्घटना की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. 2019 के आंकड़ों के अनुसार 349 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 225 लोगों ने अपनी जान गंवाई, जबकि 265 लोग गंभीर रूप से घायल हुए.
2019 | दुर्घटना | मृतकों की संख्या | घायलों की संख्या |
जनवरी | 32 | 20 | 21 |
फरवरी | 35 | 23 | 22 |
मार्च | 25 | 13 | 33 |
अप्रैल | 32 | 19 | 23 |
मई | 23 | 14 | 21 |
जून | 31 | 16 | 27 |
जुलाई | 26 | 16 | 21 |
अगस्त | 31 | 26 | 20 |
सितम्बर | 29 | 21 | 2 |
अक्टूबर | 22 | 15 | 16 |
नवबंर | 36 | 21 | 31 |
दिसबंर | 27 | 17 | 12 |
कुल | 349 | 225 | 265 |
वहीं 2020 में कोविड-19 के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के वजह से अगस्त तक मिले आंकड़ों के अनुसार 144 दुर्घटना हुई है, जिसमें 84 लोगों की मौत हुई है, जबकि 132 लोग घायल हुए हैं.
2020 | दुर्घटना | मृतकों की संख्या | घायलों की संख्या |
जनवरी | 30 | 18 | 27 |
फरवरी | 25 | 16 | 23 |
मार्च | 22 | 10 | 37 |
अप्रैल | 03 | 02 | 03 |
मई | 13 | 04 | 12 |
जून | 14 | 10 | 06 |
जुलाई | 22 | 15 | 15 |
अगस्त | 15 | 09 | 09 |
कुल | 144 | 84 | 132 |
जमशेदपुर एक औधोगिक क्षेत्र है, जिसके कारण यहां पर भारी वाहनों का आना जाना लगा रहता है. ज्यादातर दुर्घटनाएं भारी वाहनों के छोटा वाहनों से टकराने से ही होती है. जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन ने बताया कि सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाता है, अधिकतर मामले बाइक या स्कूटर चलाने वाले लोगों से जुड़ी होती है. उन्होंने बताया कि दुर्घटना नहीं हो इसके लिए पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन के ओर से 19 स्थानों को ब्लैक स्पाॅट के रूप में चिह्नित किया गया है और विशेष दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं.