जमशेदपुरः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा संसद में पेश किए गए आम बजट पर पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अंत्योदय के लिए समर्पित मोदी सरकार ने लोक लुभावन बजट से इतर जनकल्याण वाला बजट पेश किया है. लोक लुभावन बजट में केवल वादे होते हैं, जबकि मोदी सरकार के बजट में बेहतर भारत के निर्माण के स्पष्ट इरादे हैं.
बजट में समृद्ध और समावेशी भारत की झलकः अमृत काल के अपने पहले बजट में मोदी सरकार ने समृद्ध और समावेशी भारत की झलक पेश की है. इस बजट में परंपरा से लेकर आधुनिकता तक फोकस किया गया है. यह बजट देश के विकास को गति देगा और रोजगार को बढ़ावा देगा. साथ ही इस बजट से गरीबों, किसानों, मजदूरों, महिलों और युवाओं का सशक्तिकरण होगा. सही अर्थों में यह आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था वाला बजट है. पूरे देश के आत्मविश्वास और उज्जवल भविष्य को दर्शाने वाला बजट है. रघुवर दास ने कहा कि खेती में जहां मोदी सरकार परंपरागत मोड पर जा रही है, वहीं हमारे युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईओटी, कोडिंग, ड्रोन आदि आधुनिक तकनीक सिखाने पर फोकस कर रही है.
गरीबों को राहतः रघुवर दास ने कहा कि गरीबों के लिए मुफ्त राशन योजना को एक साल और बढ़ाने, मोटे अनाज को बढ़ावा देने, रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ के आवंटन, महिलाओं, युवाओं, दलितों, आदिवासियों, किसानों, मजदूरों के विकास के लिए नई योजनाएं मोदी सरकार की नीति और नियत को प्रदर्शित करता है. मध्यमवर्ग को मोदी सरकार ने बड़ी राहत प्रदान की है. नए टैक्स रेजीम में आयकर दरों में बड़ी राहत प्रदान करने के साथ ही टैक्स स्लैब की संख्या 6 घटाकर 5 की है.
नई टैक्स स्लैबः शून्य से तीन लाख आय पर शून्य, तीन से छह लाख की आय पर पांच फीसदी टैक्स, छह से नौ लाख की आय पर 10 फीसदी टैक्स, नौ से 12 लाख की आय पर 15 फीसदी टैक्स, 12 से 15 लाख की आय पर 20 फीसदी टैक्स, 15 लाख से ज्यादा आय पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा.
2047 तक भारत को विकसित बनाने का लक्ष्यः रघुवर दास ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य निर्धारित कर मोदी सरकार ने बजट की सात प्राथमिकताएं सप्तऋषि निर्धारित की है. इनमें समावेशी विकास, अंतिम छोर-अंतिम व्यक्ति तक पहुंच, बुनियादी ढांचा और निवेश, निहित क्षमताओं का विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति तथा वित्तीय क्षेत्र शामिल है.
जजनजातीय समाज के लिए पीएमपीबीटीजी विकास मिशनः जनजातीय समूहों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएमपीबीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा, ताकि पीबीटीजी बस्तियों में मूलभूत सुविधाएं मुहैय कराया जा सके. वहीं 3.5 लाख जनजातीय विद्यार्थियों के लिए 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में 38,800 अध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी. 2047 तक आदिवासी क्षेत्रों से स्किल सेल एनीमिया समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है. ये सारे कदम मोदी सरकार की जनजाति समाज के प्रति प्राथमिकता को दर्शाता है. बजट में कृषि स्वास्थ्य उद्योग आधारभूत संरचना सभी के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं. बुजुर्गों और महिलाओं को बचत के लिए प्रोत्साहित किया गया है.