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स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद एमजीएम की व्यवस्था सुधारने की पहल तेज, रांची से आई टीम ने किया निरीक्षण - एमजीएम की व्यवस्था सुधारने का पहल तेज

कोल्हान का सबसे बड़ा अस्पताल एमजीएम ही बीमारी की हालत में है. अस्पताल में मरीजों के लिए बेहतर सुविधा नहीं हैं, जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. जिसे देखते हुए अब स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का आदेश दे दिया है.

Ranchi team inspected MGM Hospital in jamshedpur
जल्द सुधरेगा एमजीएम अस्पताल के हालात
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Published : Feb 11, 2020, 1:00 PM IST

जमशेदपुर: कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम अस्पताल की दशा और दिशा सुधारने को लेकर रांची से पहुंची सात सदस्यीय टीम ने मंगलवार को अस्पताल का निरीक्षण किया.

देखें पूरी खबर

बदहाल व्यवस्था को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाला कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल हाल के दिनों में संसाधनों की कमी से जूझ रहा है. रोजाना यहां आने वाले लगभग डेढ़ हजार मरीजों में से इक्का-दुक्का मरीजों का ही इलाज हो पाता है. स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद राजधानी रांची से आई सात सदस्यीय टीम ने एमजीएम अस्पताल का बारीकी से निरीक्षण किया, जिसमें सदस्यों ने पाया कि अस्पताल में दस रुपए का थर्मामीटर तक नहीं है. अस्पताल में पैथोलैब जैसी सुविधाओं के अलावा भी कई सुविधाएं नहीं है.

इसे भी पढे़ं:- बाल संरक्षण के तहत स्कूली बच्चों को किया जा रहा जागरुक, दी गई बाल अधिकार से जुड़ी जानकारी

अस्पताल वहीं आने जाने वाले कॉरिडोर को वार्ड बना दिया गया है, जहां मरीजों का इलाज किया जाता है. वहीं, अस्पताल में मरीजों को लिफ्ट की सुविधा भी नहीं मिल पाती है. रांची से आई टीम ने अस्पताल में मरीजों से हालचाल जाना साथ ही आईसीयू में खराब पड़े मशीनों के बारे में भी जानकारी ली. अस्पताल में सुबह 11 बजे तक किसी भी डॉक्टरों को नहीं देखा गया.

जमशेदपुर: कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम अस्पताल की दशा और दिशा सुधारने को लेकर रांची से पहुंची सात सदस्यीय टीम ने मंगलवार को अस्पताल का निरीक्षण किया.

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बदहाल व्यवस्था को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाला कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल हाल के दिनों में संसाधनों की कमी से जूझ रहा है. रोजाना यहां आने वाले लगभग डेढ़ हजार मरीजों में से इक्का-दुक्का मरीजों का ही इलाज हो पाता है. स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद राजधानी रांची से आई सात सदस्यीय टीम ने एमजीएम अस्पताल का बारीकी से निरीक्षण किया, जिसमें सदस्यों ने पाया कि अस्पताल में दस रुपए का थर्मामीटर तक नहीं है. अस्पताल में पैथोलैब जैसी सुविधाओं के अलावा भी कई सुविधाएं नहीं है.

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अस्पताल वहीं आने जाने वाले कॉरिडोर को वार्ड बना दिया गया है, जहां मरीजों का इलाज किया जाता है. वहीं, अस्पताल में मरीजों को लिफ्ट की सुविधा भी नहीं मिल पाती है. रांची से आई टीम ने अस्पताल में मरीजों से हालचाल जाना साथ ही आईसीयू में खराब पड़े मशीनों के बारे में भी जानकारी ली. अस्पताल में सुबह 11 बजे तक किसी भी डॉक्टरों को नहीं देखा गया.

Intro:एंकर-- कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम की दशा- दिशा सुधारने को लेकर राजधानी रांची से आई सात सदस्यों की टीम ने मंगलवार को एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण किया।


Body:वीओ1-- स्वास्थ्य सुविधाओं और बदहाल व्यवस्था को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाला कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एमजीएम हाल के दिनों में संसाधनों की कमी से जूझ रहा है. रोजाना यहां आने वाले तकरीबन डेढ़ हजार मरीजों को डॉक्टरी सलाह के बाद इक्का-दुक्का चिकित्सा की व्यवस्था बा मुश्किल से मिल पाती है. स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद राजधानी रांची से आई सात सदस्यों की टीम ने एमजीएम अस्पताल का बारीकी से निरीक्षण किया सदस्यों ने पाया कि दस रुपए की थर्मामीटर, पैथोलैब जैसी वस्तुएं नहीं है. वही आने जाने वाले रास्ते को कॉरिडोर को वार्ड बना दिया गया है.जहाँ मरीजों का ईलाज किया जाता है.वहीं अस्पताल के प्रांगण मैं लिफ्ट की सुविधा भी मरीजों को नहीं मिल पाती है. सात सदस्यों की टीम ने मरीजों से हालचाल जाना साथ ही आईसीयू में खराब पड़े मशीनों के बारे में भी जानकारी ली और मरीजों को दिए जाने वाले दवाइयां को बारीकी से देखा दिन के तकरीबन 11:00 बजे तक डॉक्टर ने राउंडतक नहीं लगाया है.
बाइट--डॉक्टर पराशर (राँची से आई सात सदस्यी टीम)


Conclusion:
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