जमशेदपुर: राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने शुक्रवार को अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए झारखंड सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है.
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रूपा तिर्की मामले पर रखी राय
उरांव ने कहा कि साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत में निष्पक्ष जांच पर सरकार टालमटोल कर रही है. महीनों बाद मुख्यमंत्री ने रूपा तिर्की को बहन समान बताते हुए CBI जांच के स्थान पर न्यायिक जांच(judicial investigation) के आदेश दिए परंतु हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आईना दिखाया. ये दर्शाता है कि हेमंत सरकार ने केवल भ्रमित करने और दोषियों को बचाने के उद्देश्य से न्यायिक जांच के आदेश दिए. उरांव ने कहा कि रूपा तिर्की मामले में निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई ही एकमात्र विकल्प है.
हेमंत सरकार को बताया किसान विरोधी
उरांव ने आगे बात करते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) ने सत्ता में आने के लिए अनगिनत झूठे वादे किए. उन सभी वादों को पूरा करने की बजाय सीएम मौन धारण कर बैठे हैं. प्रदेश के किसान राज्य सरकार की उदासीनता से हताश और निराश हैं. बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा(ST) के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव ने कहा कि किसानों की धान खरीद के भुगतान के लिए राज्य सरकार की ओर से की जा रही अनदेखी दुभार्ग्यपूर्ण है. हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार ने प्रदेश के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया है. उन्होंने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में कृषि आशीर्वाद जैसी योजनाएं चलाई गईं थीं, जिसे बंद कर सरकार किसानों का हक मार रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हरियाणा और पंजाब में हुए फर्जी किसान आंदोलन के जरिए सिर्फ किसानों का हितैषी होने का ढोंग करती है. झारखंड में उसके गठबंधन की सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है.
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बर्बर नरसंहार की घटना के लिए ठहराया जिम्मेदार
समीर उरांव ने प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार पर भी हेमंत सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि चाईबासा के बरगुलीकेरा गांव में आदिवासियों के नरसंहार की घटना पर भी हेमंत सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बरहेट(Barhet) में आंदोलनकारी सिदो-कान्हो के छठे वंशज रामेश्वर मुर्मू की निर्मम हत्या कर दी गई है. भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते दबाव के कारण महीनों बाद सीबीआई जांच(CBI investigation) के लिए संस्तुति दी गई.