जमशेदपुरः देश के मोस्ट वांटेड डॉन दाऊद इब्राहिम का नजदीकी अब्दुल माजिद उर्फ मोहम्मद कमाल 'कुट्टी' की गुजरात एटीएस की ओर से गिरफ्तारी के बाद जमशेदपुर से आतंकी कनेक्शन का खुलासा हुआ. इससे पहले अब्दुल माजिद कुट्टी पहचान बदलकर जमशेदपुर में पिछले डेढ़ साल से रह रहा था. इस मामले में भारतीय जनता पार्टी ने पुलिस कार्यशैली को कठघरे में खड़ा करते हुए उच्चस्तरीय जांच और दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है.
बीजेपी ने की कार्रवाई की मांग
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि आमतौर पर पुलिस वेरिफिकेशन के नाम पर आम आदमी को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्हें थाना का चक्कर लगवाया जाता है और रकम वसूले जाते हैं. लेकिन आतंकी गतिविधियों में लिप्त व्यक्ति को गलत अनुसंधान करके टेल्को थाना से क्लीन चिट दी गई जो जांच का विषय है. भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने इस प्रकरण में लिप्त टेल्को थाना प्रभारी अखिलेश मंडल सहित प्रशिक्षु दारोगा महबा मिंज पर कार्रवाई की मांग की है. भाजपा ने इसे गंभीर प्रकृति का अपराध बताया और ऐसे मामलों की समीक्षा करने की नसीहत दी. कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि संभावना है कि अब्दुल माजिद की तरह ही लचर व्यवस्था का फायदा उठाकर गलत पुलिस वेरिफिकेशन और फर्जी दस्तावेज के आधार पर कई अन्य लोग पहचान छिपाकर रह रहे होंगे. ऐसे लोगों की पहचान सामने लाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर पुलिस दोबारा तहकीकात करे.
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टेल्को थाना ने किया था पुलिस वेरिफिकेशन
अब्दुल माजिद मानगो के जिस फ्लैट में रह रहा था उसका पुलिस वेरिफिकेशन टेल्को थाना ने किया था. प्रशिक्षु दारोगा महबा मिंज ने गलत जांच और फर्जी प्रतिवेदन तैयार किया. जिसमें टेल्को थाना प्रभारी अखिलेश मंडल ने उस वेरिफिकेशन रिपोर्ट पर अपनी हस्ताक्षर और मुहर के साथ आगे फॉरवर्ड कर दिया. इसके बाद ही कुट्टी को जमशेदपुर में सुरक्षित ठिकाना मिल सका. इस मामले में टेल्को थाना की लापरवाही और कार्यसंस्कृति के खिलाफ बीजेपी ने विरोध जताया है.
गलत जानकारी को कर दिया वेरिफाई
टेल्को थाना की वेरिफिकेशन रिपोर्ट के अनुसार अब्दुल माजिद कुट्टी (मोहम्मद कमाल) बचपन से ही टेल्को अंतर्गत बारीनगर के पते पर रह रहा था. जबकि गुजरात एटीएस ने दावा किया कि अब्दुल माजिद साल 2019 में ही जमशेदपुर में पहचान छिपाकर रह रहा था. इस मामले में टेल्को पुलिस पर कई सवाल उठ रहे हैं.