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बदहाली पर आंसू बहा रहा है राष्ट्रीय राजमार्ग-33, कई लोगों की जा चुकी है जान - जमशेदपुर सड़क हादसा खबर

जमशेदपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-33 की हालत बहुत ही खराब है. सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे दिखाई देते हैं. इसकी वजह से आए दिन सड़क हादसे में लोगों की जान जाती है.

bad road condition of jamshedpur
टूटी हुई सड़कें
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Published : Dec 29, 2020, 3:10 PM IST

जमशेदपुर: झारखंड की राजधानी रांची, पश्चिम बंगाल, ओडिसा और बिहार को जमशेदपुर शहर से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-33 अब तक नहीं बन पाया है. जमशेदपुर शहर की कई सड़क बदरंग तस्वीर पेश करती है. महानगरों की तर्ज पर तेजी से आगे बढ़ता झारखंड की आर्थिक राजधानी कहा जाने वाला जमशेदपुर प्रकृति की गोद में बसा है. लगभग एक दशक से बदहाली का दंश झेल रहा जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग जिसे जमशेदपुर की लाइफ लाइन सड़क कहा जाता है, राज्य सरकार अब तक पूरा नहीं कर पाई है.

देखें स्पेशल खबर

इन सड़कों पर चलते वक्त ऐसा लगता है कि गाड़ी कभी भी पलट जाएगी. पिछले एक दशक से राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी रोटी सेक रही हैं. आम व्यक्ति इस गाजे बाजे ढोल में पीस रहे है, लेकिन अब तक इस सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. वहीं जमशेदपुर शहर के अंदर कई सड़कें भी टूट चुकी हैं.

जर्जर हुई सड़क
जमशेदपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-33 की सड़कें पूरी टूटी हुईं हैं. शहर के मानगो इलाके से डिमना, पारडीह चौक से आजद बस्ती जाने वाली सड़कें, सोनारी से कदमा जाने वाली सड़कें, साकची से मैरीन ड्राइव सड़क के सहारे कदमा जाने वाली सड़कें टूटी हुई है. बागबेड़ा के इलाके की सड़कें पूरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं. गोविंदपुर थाना क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़कें पूरी तरह से खराब हो गईं हैं.

कई लोगों ने जान गंवाई
वर्ष 2011 में राष्ट्रीय राजमार्ग 33 में तकरीबन 22 राहगीरों की मौत हो चुकी है. 2015 में कांड्रा के समीप तीन लोगों की जान जा चुकी है. 2017 में दलमा वन्य अभ्यारण के समीप टाटा मैजिक से टकराकर पांच व्यक्तियों की मौत हो चुकी है. वर्ष 2019 में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. इन सड़कों पर तकरीबन प्रतिदिन किसी न किसी की जान सड़क हादसे में जाती है.

इसे भी पढ़ें-कोरोना के कारण नए साल पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन पर रोक, हुड़दंगियों पर रहेगी पुलिस प्रशासन की नजर

12 फरवरी 2020 को मेरिन रोड में एक की मौत हो चुकी है. अप्रैल माह में दो युवकों की जान जा चुकी है. अक्टूबर में बस से लटककर एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है.

जल्द बनाए जाएगी सड़क
शहर के टूटे हुए रास्तों पर चलते वक्त शहरवासियों को प्रतिदिन कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शहर के अंदर चलने वाले मुसाफिर बताते हैं कि शहर और राष्ट्रीय राजमार्ग-33 में दोपहिया वाहन पर चलना मुश्किल है. टूटी हुई सड़कों और विकास कार्यों पर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के विशेष पदाधिकारी कृष्णा कुमार बताते हैं कि टूटी हुई सड़कें जल्द ही पूरी तरीके से बनाई जाएंगी. कई ऐसी सड़कें जो सालों से नहीं बनी है, उनके लिए भी आवेदन कर सकते हैं.

जमशेदपुर: झारखंड की राजधानी रांची, पश्चिम बंगाल, ओडिसा और बिहार को जमशेदपुर शहर से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-33 अब तक नहीं बन पाया है. जमशेदपुर शहर की कई सड़क बदरंग तस्वीर पेश करती है. महानगरों की तर्ज पर तेजी से आगे बढ़ता झारखंड की आर्थिक राजधानी कहा जाने वाला जमशेदपुर प्रकृति की गोद में बसा है. लगभग एक दशक से बदहाली का दंश झेल रहा जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग जिसे जमशेदपुर की लाइफ लाइन सड़क कहा जाता है, राज्य सरकार अब तक पूरा नहीं कर पाई है.

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इन सड़कों पर चलते वक्त ऐसा लगता है कि गाड़ी कभी भी पलट जाएगी. पिछले एक दशक से राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी रोटी सेक रही हैं. आम व्यक्ति इस गाजे बाजे ढोल में पीस रहे है, लेकिन अब तक इस सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. वहीं जमशेदपुर शहर के अंदर कई सड़कें भी टूट चुकी हैं.

जर्जर हुई सड़क
जमशेदपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-33 की सड़कें पूरी टूटी हुईं हैं. शहर के मानगो इलाके से डिमना, पारडीह चौक से आजद बस्ती जाने वाली सड़कें, सोनारी से कदमा जाने वाली सड़कें, साकची से मैरीन ड्राइव सड़क के सहारे कदमा जाने वाली सड़कें टूटी हुई है. बागबेड़ा के इलाके की सड़कें पूरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं. गोविंदपुर थाना क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़कें पूरी तरह से खराब हो गईं हैं.

कई लोगों ने जान गंवाई
वर्ष 2011 में राष्ट्रीय राजमार्ग 33 में तकरीबन 22 राहगीरों की मौत हो चुकी है. 2015 में कांड्रा के समीप तीन लोगों की जान जा चुकी है. 2017 में दलमा वन्य अभ्यारण के समीप टाटा मैजिक से टकराकर पांच व्यक्तियों की मौत हो चुकी है. वर्ष 2019 में तीन लोगों की मौत हो चुकी है. इन सड़कों पर तकरीबन प्रतिदिन किसी न किसी की जान सड़क हादसे में जाती है.

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12 फरवरी 2020 को मेरिन रोड में एक की मौत हो चुकी है. अप्रैल माह में दो युवकों की जान जा चुकी है. अक्टूबर में बस से लटककर एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है.

जल्द बनाए जाएगी सड़क
शहर के टूटे हुए रास्तों पर चलते वक्त शहरवासियों को प्रतिदिन कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शहर के अंदर चलने वाले मुसाफिर बताते हैं कि शहर और राष्ट्रीय राजमार्ग-33 में दोपहिया वाहन पर चलना मुश्किल है. टूटी हुई सड़कों और विकास कार्यों पर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के विशेष पदाधिकारी कृष्णा कुमार बताते हैं कि टूटी हुई सड़कें जल्द ही पूरी तरीके से बनाई जाएंगी. कई ऐसी सड़कें जो सालों से नहीं बनी है, उनके लिए भी आवेदन कर सकते हैं.

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