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जमशेदपुर: इलाज के अभाव में व्यक्ति की मौत, दिनभर लगाता रहा अस्पतालों का चक्कर, नहीं मिला बेड - जमशेदपुर में स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल

पूर्वी सिंहभूम में स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्था एक बार फिर सामने आई है. गुरुवार को जमशेदपुर में एक व्यक्ति की इलाज के अभाव में जान चली गई. एक बेटा अपने पिता को लेकर दिनभर अस्पताल का चक्कर काटते रहा, लेकिन पूरे शहर के किसी भी अस्पताल में मरीज को भर्ती नहीं किया गया.

Person dies due to lack of treatment in jamshedpur
परिजन
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Published : Aug 28, 2020, 7:47 AM IST

जमशेदपुर: शहर में गुरुवार को इलाज के अभाव में एक व्यक्ति की मौत हो गई. एक बेटा अपने पिता को लेकर दिनभर शहर की चक्कर लगाता रहा, लेकिन किसी भी अस्पताल में उसके पिता के लिए बेड नहीं मिला और अंत में मरीज की मौत हो गई.

बावनगोड़ा निवासी 78 वर्षीय मनोरंजन बोस को बीते एक महीने से खांसी की समस्या थी. टीएमएच के एक पूर्व डॉक्टर उनका इलाज कर रहे थे, लेकिन कुछ दिनों से वे डॉक्टर अपने क्लीनिक में बैठना छोड़ दिए. जिसके बाद मरीज उनके बताए हुए दवा खाता रहा, लेकिन गुरुवार को उनकी तबीयत अधिक बिगड़ गई. उनका सांस फूलने लगा. इसके बाद मनोरंजन बोस का बेटा गुरुवार दोपहर डेढ़ बजे हॉस्पिटल में भर्ती करने के लिए निकला. सबसे पहले वे करनडीह के एक नर्सिंग होम गए तो ऑक्सीजन की मात्रा कम बताकर मरीज को दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. इसके बाद बिष्टुपुर स्थित स्टील सिटी नर्सिंग होम पहुंचे तो यहां भी भर्ती नहीं लिया गया.

इसे भी पढ़ें- स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना से जंग जीते योद्धाओं को लिखा पत्र, प्लाज्मा दान करने का किया अनुरोध

बिष्टुपुर स्थित नर्सिंग होम अस्पताल में भर्ती लेने से पहले कोविड जांच कराकर आने को कहा. इसके बाद वे टीएमएच पहुंचे तो वहां भी बेड खाली नहीं होने की बात कहकर एमजीएम भेज दिया गया. एमजीएम में भी बेड खाली नहीं होने की बात कहीं गई. इसके बाद वे टाटा मोटर्स हॉस्पिटल पहुंचे तो यहां भी बेड नहीं मिला. शाम सात बजे जब कहीं बेड नहीं मिला तो वे अंत में मरीज को लेकर घर पहुंचे. इसके कुछ ही देर के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया. मनोरंजन बोस टाटा मोटर्स के पूर्व कर्मचारी रह चुके हैं.

जमशेदपुर: शहर में गुरुवार को इलाज के अभाव में एक व्यक्ति की मौत हो गई. एक बेटा अपने पिता को लेकर दिनभर शहर की चक्कर लगाता रहा, लेकिन किसी भी अस्पताल में उसके पिता के लिए बेड नहीं मिला और अंत में मरीज की मौत हो गई.

बावनगोड़ा निवासी 78 वर्षीय मनोरंजन बोस को बीते एक महीने से खांसी की समस्या थी. टीएमएच के एक पूर्व डॉक्टर उनका इलाज कर रहे थे, लेकिन कुछ दिनों से वे डॉक्टर अपने क्लीनिक में बैठना छोड़ दिए. जिसके बाद मरीज उनके बताए हुए दवा खाता रहा, लेकिन गुरुवार को उनकी तबीयत अधिक बिगड़ गई. उनका सांस फूलने लगा. इसके बाद मनोरंजन बोस का बेटा गुरुवार दोपहर डेढ़ बजे हॉस्पिटल में भर्ती करने के लिए निकला. सबसे पहले वे करनडीह के एक नर्सिंग होम गए तो ऑक्सीजन की मात्रा कम बताकर मरीज को दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. इसके बाद बिष्टुपुर स्थित स्टील सिटी नर्सिंग होम पहुंचे तो यहां भी भर्ती नहीं लिया गया.

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बिष्टुपुर स्थित नर्सिंग होम अस्पताल में भर्ती लेने से पहले कोविड जांच कराकर आने को कहा. इसके बाद वे टीएमएच पहुंचे तो वहां भी बेड खाली नहीं होने की बात कहकर एमजीएम भेज दिया गया. एमजीएम में भी बेड खाली नहीं होने की बात कहीं गई. इसके बाद वे टाटा मोटर्स हॉस्पिटल पहुंचे तो यहां भी बेड नहीं मिला. शाम सात बजे जब कहीं बेड नहीं मिला तो वे अंत में मरीज को लेकर घर पहुंचे. इसके कुछ ही देर के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया. मनोरंजन बोस टाटा मोटर्स के पूर्व कर्मचारी रह चुके हैं.

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