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अंतरराष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम दिवस: लौहनगरी में मौत का चौंकाने वाला आंकड़ा, लोगों ने दी प्रतिक्रिया - Suicide trend increases significantly

पूरे विश्व में आज आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जा रहा है. आत्महत्या को रोकने के लिए सरकार के साथ-साथ कई संस्थाओं द्वारा जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. वर्तमान समय में देश और दुनिया में आत्महत्या करने की प्रवृत्ति बहुत बढ़ गई है. अपनी जान गंवाने में युवा सबसे आगे हैं. इसके कई कारण भी हैं.

आत्महत्या रोकथाम दिवस पर लोगों की प्रतिक्रिया
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Published : Sep 10, 2019, 11:12 PM IST

जमशेदपुर: आज आत्महत्या रोकथाम दिवस है. वर्तमान समय में देश और दुनिया में आत्महत्या की प्रवृत्ति सभी वर्गों में काफी इजाफा हुआ है. बच्चे, बूढ़े और युवाओं सभी में आत्महत्या की प्रवृत्ति में काफी इजाफा हुआ है. जमशेदपुर में हाल के दिनों में भी एक 24 वर्षीय युवक ने नौकरी चले जाने की डर से, एक 19 वर्षीय युवती परीक्षा में बेहतर अंक नहीं मिलने से, एक15 वर्षीय स्कूली बच्ची ने और एक 35 वर्षीय युवक ने पत्नी से आपसी तालमेल ना होने के कारण फांसी के फंदे से लटककर जान दे दी है.

आत्महत्या रोकथाम दिवस पर लोगों की प्रतिक्रिया

आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में एक लाख की आबादी पर 2. 2% लोग आत्महत्या करते हैं. आत्महत्या करने वालों का लौहनगरी में प्रति लाख में 12 व्यक्तियों की संख्या दर्ज की गई है. कम उम्र के छात्रों में यह प्रवृत्ति और भी चिंताजनक है. देश में आत्महत्या करने वाले छात्रों का अनुपात एक लाख पर 5.5 दर्ज की गई है. वहीं, शहरी क्षेत्र में पिछले 4 साल का अनुपात 18 फीसदी से अधिक रहा है.

इसे भी पढ़ें:- हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति कर लेता है आत्महत्या, जानिए आखिर क्यों हार जाते हैं जिंदगी की जंग

जमशेदपुर में हर महीने औसतन 10 आत्महत्या होती है जो चिंताजनक है. आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में अगस्त माहीने तक खुदकुशी की 184 मामले दर्ज की गई हैं, जिसमें130 पुरूष और 54 महिलाएं हैं.

जमशेदपुर: आज आत्महत्या रोकथाम दिवस है. वर्तमान समय में देश और दुनिया में आत्महत्या की प्रवृत्ति सभी वर्गों में काफी इजाफा हुआ है. बच्चे, बूढ़े और युवाओं सभी में आत्महत्या की प्रवृत्ति में काफी इजाफा हुआ है. जमशेदपुर में हाल के दिनों में भी एक 24 वर्षीय युवक ने नौकरी चले जाने की डर से, एक 19 वर्षीय युवती परीक्षा में बेहतर अंक नहीं मिलने से, एक15 वर्षीय स्कूली बच्ची ने और एक 35 वर्षीय युवक ने पत्नी से आपसी तालमेल ना होने के कारण फांसी के फंदे से लटककर जान दे दी है.

आत्महत्या रोकथाम दिवस पर लोगों की प्रतिक्रिया

आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में एक लाख की आबादी पर 2. 2% लोग आत्महत्या करते हैं. आत्महत्या करने वालों का लौहनगरी में प्रति लाख में 12 व्यक्तियों की संख्या दर्ज की गई है. कम उम्र के छात्रों में यह प्रवृत्ति और भी चिंताजनक है. देश में आत्महत्या करने वाले छात्रों का अनुपात एक लाख पर 5.5 दर्ज की गई है. वहीं, शहरी क्षेत्र में पिछले 4 साल का अनुपात 18 फीसदी से अधिक रहा है.

इसे भी पढ़ें:- हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति कर लेता है आत्महत्या, जानिए आखिर क्यों हार जाते हैं जिंदगी की जंग

जमशेदपुर में हर महीने औसतन 10 आत्महत्या होती है जो चिंताजनक है. आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में अगस्त माहीने तक खुदकुशी की 184 मामले दर्ज की गई हैं, जिसमें130 पुरूष और 54 महिलाएं हैं.

Intro:एंकर-- महानगरों की तर्ज पर बसे लोहनाहरी में फाँसी के फंदों से युवा मौत को लगते हैं गले. हाल की घटनाओं में जमशेदपुर में एक 24 वर्षीय युवक नौकरी चले जाने की दर से,एक 19 वर्षीय युवती परीक्षा में कम अंक प्राप्त न होने के कारण 15 वर्षीय स्कूली बच्ची ने एक 35 वर्षीय युवक पत्नी से आपसी तालमेल ना होने के कारण फांसी के फंदे से झूल कर मौत को गले लगा लिया।अवसाद,चिड़चिड़ापन,पारिवारिक टेंसन के कारण युवा मौत को चुनना पसंद करते हैं.लौहनगरी में एक नृत्य कला का संचालन मौत से बचने के लिए किया जाता है।यहाँ आने वाले लोग नृत्य और विपश्यना के सहारे जीवन में खुशहाली भर रहे हैं।


Body:वीओ1-- आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में एक लाख की आबादी पर 2 दशमलव 2% लोग आत्महत्या करते हैं.आत्महत्या करने वालों का लौहनगरी में प्रति लाख में 12 व्यक्तियों की संख्या दर्ज की गई है.कम उम्र के छात्रों में यह प्रवृत्ति और भी चिंताजनक है. देश में आत्महत्या करने वाले छात्रों का अनुपात एक लाख पर 5.5 दर्ज की गई है. वहीं शहर में पिछले 4 साल का अनुपात 18 फ़ीसदी से अधिक रहा है.आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में आगे बढ़ने की आपाधापी काम का अत्यधिक तनाव व्यक्तिगत स्वार्थ और कम समय में सब कुछ हासिल कर लेने की तमन्ना जैसे कई चीजें हैं.जिनकी वजह से आदमी पर डिप्रेशन अचानक हावी हो जाता है.डिप्रेशन से बाहर निकलने में सबसे बड़ी भूमिका उसकी स्वयं की होती है. इसके अलावा परिवार व साथियों का सहयोग भी जरूरी है.शहर में हर महीने हो रही औसतन 10 आत्महत्या लौहनगरी वासियों के लिए चिंता का विषय है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में अगस्त माह तक खुदकुशी की 184 मामले दर्ज की गई है जिसमें। 130 पुरूष और 54 महिलाओं की संख्या है.
साल दर साल आत्महत्या करने वालों की संख्या ग्राफिक्स के माध्यम से।
2007--167
2008--173
2009--136
2010--200
2011--206
2012--208
2013--216
2014--211
2015--197
2016--193
2017--201
2018--165
2019--के अगस्त महीने तक 184
नोट--यह सभी आँकड़ें जीवन संस्था के द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं.कुछ चीज़ें नेशनल क्राइम रिकॉर्ड में भी अंकित है।
भले ही ये आँकड़े चौकाने वाले हो पर लौहनगरी जमशेदपुर में प्रति एक हज़ार लोगों में से 20 लोगों के जीवन में एक बार अवसाद जरूर होता है.
आत्महत्या के पीछे कारण-- गुस्सा उत्तेजना के कारण चिंता घबराहट की लत प्रमुख कारणों में से एक है युवा नशे की हालत में आत्महत्या ज्यादा करते हैं. मनोविदलता एक प्रमुख कारण है.जो कि शक की बीमारी है. जिससे एक आवाज सुनाई देती है. और नकारात्मक टिप्पणी भी शामिल होती है.मनुष्य अपने आप को जज करने लगते हैं.जिससे उनके मन में शंका की भाव से नाकारात्मकता की और खिंचती है.कैथारसिस में नृत्य एक जरिया है.जिसके अनुसार अपनी भावना को प्रकट कर पाते हैं.
नज़र है तो नज़ारे है इन बातों पर यह टिकती है.सामाजिक जीवन में मनुष्य जी सके.
बाइट--अमिताभ गौतम(मनोचिकित्सक नृत्य कला के जानकार)
वीओ2--डांस फ़ॉर लाइफ़ में हर उम्र में युवा,महिलाएँ अपने जीवन की परेशानियों को भूलकर नृत्य,विपश्यना,मौन होकर दूसरे की बातों को सुनना ये सभी सिखाया जाता है.यहाँ मुफ्त में सभी लोग आकर नृत्य करते हैं.चौबीस वर्षीय युवती प्राइवेट बैंक में कार्यरत हैं.दिन भर की भागदौड़,रोजमर्रा के जीवन के बाद यहाँ नृत्य करने आती हैं.इनका कहना है इस नृत्य से मन खुश रहता है.सारे तनाव सही हो जाते हैं. डांस फोर लाइफ़ जीवन जीने के प्रति एक उद्देश्य जगाता है.
बाइट--सुरभि शर्मा(स्थानीय निवासी डांस फ़ॉर लाइफे से जुड़ी सदस्य)






Conclusion:ऐसे में उम्मीद है कि इस रिपोर्ट के बाद शायद सभी युवा नृत्य और अपने कामकाज में व्यस्त रहेंगे आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर आत्ममंथन कर समाज में एक सुखद संदेश फैलाने का दायित्व लें. इस रिपोर्ट से आपको रूबरू कराने का मकसद भी हमारा यही है.क्योंकि जीवन अनमोल है.अपने जीवन को कुदरत का अनमोल तोहफ़ा समझें।
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