जमशेदपुरः कोविड-19 वायरस के संक्रमण ने पूरे हिंदुस्तान को सतर्क कर दिया है. इससे बचने के लिए जमशेदपुर में होम्योपैथीक दवा आर्सेनिक-अल्बम 30 का इस्तेमाल किया जा रहा है. लौहनगरी के डॉक्टरों का कहना है आर्सेनिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है, जिसके उपयोग से बीमारियों से लड़ना आसान होता है.
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जहां एक और कोरोना महामारी का रूप ले चुका है. वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जमशेदपुर के टाटा मेन अस्पताल में 103 बेड वाला आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए होम्योपैथी की दवा आर्सेनिक का उपयोग कर रहे हैं.
कोरोना संक्रमण के लक्षण
तुरंत सर्दी होना, नाक बहने के साथ तेज बुखार और उल्टी होना कोरोना के लक्षण हैं. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए होम्योपैथ की आर्सेनिक अल्बम-30 दवा ली जा सकती है. यह दवा एक जहर से बनाया जाता है जिसमें कोरोना जैसे संक्रमण से लड़ने की क्षमता होती है.
क्या कहते हैं डॉक्टर
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी के मुताबिक कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में होम्योपैथ की दवा आर्सेनिक कारगर हो रही है. यह दवा डॉक्टर के सलाह पर खाया जा सकता है. दवा से शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी भी बीमारी से लड़ने में कारगर है. वहीं अधिकांश लोग कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर इसका ओवर डोज खुराक ले रहे हैं, जिससे भारी नुकसान भी हो सकता है.
लौहनगरी के बाजारों में होम्योपैथीक दवा आर्सेनिक अल्बम-30 का उपयोग धड़ल्ले से जारी है, जिसके कारण बाजार में दवाइयों कम हो गई हैं. अमूमन सभी लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.