जमशेदपुर: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के मानगो में स्वागत के दौरान ट्रैफिक में फंसी एंबुलेंस में 2 मरीजों की मौत की खबर 2 फरवरी को चर्चा का विषय बनी रही. इस खबर का मंत्री बन्ना गुप्ता ने सबूत के साथ खुलासा कर दिया है.
मंत्री ने कहा है कि ये खबर झूठी है. झूठी खबर चलाने पर वह न्यायालय की शरण में जाएंगे और इस घटना के बारे में वह प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को लिखेंगे. दरअसल, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का रविवार को मानगो चौक पर भव्य अभिनंदन हुआ, जिससे वहां जाम लग गया था. इस जाम में करीब आधा दर्जन एंबुलेंस भी फंसी थी. इसी में यह खबर फैली कि जाम में फंसने की वजह से दो अलग-अलग एंबुलेंस में दो मरीज की मौत हो गई. एंबुलेंस के चालक ने भी बताया कि मरीज की मौत जाम में फंसने से हो गई.
इस खबर की वीडियो भी तेजी से वायरल हो गई. यह खबर तब झूठी साबित हुई, जब बन्ना गुप्ता ने शाम को प्रेस कांफ्रेंस में उस एंबुलेंस चालक को पेश किया. चालक खालिद खान ने कहा कि यह झूठ उससे पत्रकारों ने ही बुलवाया है. वह बिरसानगर के एक युवक का शव एमजीएम अस्पताल से एमजीएम मेडिकल कॉलेज पोस्टमार्टम कराने ले जा रहा था. उसकी एंबुलेंस मानगो चौक पर फंसी थी, तो कुछ पत्रकारों ने उससे कहा कि जोर से चिल्लाओ कि इसमें सीरियस पेशेंट है. इससे तुम्हें पुलिस रास्ता दे देगी. उसके शोर मचाने पर पुलिस सक्रिय हो गई, लेकिन जाम इस तरह से लगा था कि रास्ता नहीं मिल सका. कुछ देर बाद वही तीन-चार पत्रकार दोबारा आए और कहा कि बोलो, पेशेंट मर गया.
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इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि ये मुझे बदनाम करने की साजिश है. लोकतंत्र में स्वच्छ पत्रकारिता होनी चाहिए. उन्होंने मीडिया के सामने दूसरी एंबुलेंस के चालक से बात की, जिसमें एम्बुलेंस चालक ने कहा कि वो डेड बॉडी लेकर एमजीएम पोस्टमार्टम के लिए गया था. इसके अलावा बन्ना गुप्ता ने भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव के बयान का जवाब देते हुए कहा है कि वो लोग इस तरह का काम करते हैं. इस मामले के बारे में वह प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को लिखेंगे. उन्होंने कहा कि फिर से झूठी खबर चलाने पर वह कोर्ट में भी जाएंगे.