जमशेदपुर: शहर के विभिन्न इलाकों में पूजा समिति द्वारा आकर्षक पंडाल बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जा रही है. इधर, घाघीडीह सेंट्रल जेल में भी दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया है. जेल परिसर में पंडाल बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है, जहां पंडित द्वारा मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की जा रही है. यहां जेल स्टाफ के अलावा आसपास के लोग भी पूजा करने आते हैं और भोग का आनंद उठाते हैं.
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बता दें कि जमशेदपुर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में 2009 से हर साल दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है. जेल परिसर का मुख्य द्वार षष्ठी से विजयादशमी तक खुला रहता है. इस दौरान वहां सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. जेल प्रबंधन और जेल स्टाफ के अलावा बाहर से भी लोग मां दुर्गा की पूजा करते हैं और पुष्पांजलि अर्पित करते हैं. सभी को प्रसाद भी दिया जाता है. जेल प्रबंधन के नेतृत्व में जेल कर्मचारी पूजा का आयोजन करते हैं. जेल में विद्युत सज्जा की जाती है.
जेल प्रबंधन बिना दान के पूजा करता है आयोजित: खास बात यह है कि यहां पूजा के लिए किसी बाहरी व्यक्ति से दान नहीं लिया जाता है. घाघीडीह जेल के पूर्व सैनिक कच्छपाल देव कुमार सिंह ने बताया कि जेल प्रबंधन और जेल कर्मियों के आपसी सहयोग से पूजा की जाती है. सप्तमी, अष्टमी और नवमी तीनों दिन भोग प्रसाद वितरित किया जाता है. जेल में बंदियों के बीच भोग का वितरण किया जाता है. यहां पूजा के दौरान न सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि दूर-दूर से भी श्रद्धालु देवी मां के दर्शन के लिए आते हैं और सभी को प्रसाद दिया जाता है. विजयादशमी के दिन मां को विदाई दी जाती है.