जमशेदपुरः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के एक साल पूरे होने पर सांसद विद्युत वरण महतो ने हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा. जमशेदपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये सरकार विकास विरोधी और जन विरोधी सरकार है. भाजपा कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन के दौरान वर्तमान सरकार के 1 साल पूरे होने पर एक आरोपपत्र भी जारी किया.
पूरी तरह से विफल रही हेमंत सरकार
पत्रकारों से बातचीत करते हुए विद्युत वरण महतो ने कहा कि सरकार की लापरवाही की वजह से झारखंड में कोरोना से निपटने में पूरी तरह विफल रही. टेस्टिंग के नाम पर जनता को लूटा गया. जांच रिपोर्ट में 10 से 15 दिनों में लोगों को मिल रहा था. सरकार की लापरवाही से कोविड-19 के कारण कई लोगों की जान गई.
योजनाओं के नाम पर लोगों से धोखा
उन्होंने कहा कि वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार में झारखंड के किसानों के साथ धोखा किया है. किसानों को ₹2लाख तक की राशि की कर्ज माफी और मुफ्त बिजली का वादा वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार ने किया था. अब ना कर्ज माफ हुआ ना बिजली मुफ्त मिली, प्रति एकड़ ₹5000 भाजपा सरकार दे रही थी उसे भी बंद कर दिया गया.
पिछले साल अपने चुनावी घोषणा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा किया था कि 1 साल में पांच लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा और पूरा नहीं होने पर राजनीतिक से सन्यास लेने की घोषणा हेमंत सोरेन ने की थी लेकिन 1 साल बीत चुका है अभी तक 500 लोगों को भी रोजगार नहीं मिला. वहीं बेरोजगारी भत्ते के रूप में 5000 और ₹7000 देने की घोषणा की गई थी. आज तक किसी को भी बेरोजगारी भत्ते के रूप में एक भी रुपया नहीं मिला. संविदा पर नियुक्त कर्मियों की सेवा कई विभागों में समाप्त कर दी गई है, जब सहायक पुलिस कर्मियों ने रोजगार मांगा तो उस पर लाठीचार्ज की गई, पारा स्वास्थ्य कर्मियों का सेवा समाप्त कर दिया गया है.
इसे भी पढ़ें- जमशेदपुर: दिनदहाड़े गोली मारकर जमीन कारोबारी की हत्या, आरोपी फरार
सांसद ने कहा कि राज्य में हर क्षेत्र में विकास कार्य पूरी तरह ठप हो चुका है. भाजपा की सरकार ने जिन योजनाों पर काम प्रारंभ किया था वह भी ठप हो गया है. सड़क बिजली सहित सभी क्षेत्रों में विकास की गति पूरी तरह थम गई है. एक तरफ सरकार खजाना खाली होने का बहाना करती है दूसरी तरफ अपने लिए बीएमडब्ल्यू कार खरीदती है.
हेमंत सरकार के विकास विरोधी होने के का सबसे बड़ा प्रमाण है कि पंचायत चुनाव को लेकर उदासीन होना. जब राज में उपचुनाव हो सकते हैं तो पंचायत चुनाव कराने में क्या परेशानी है. पंचायत चुनाव नहीं होने से विकास का पहिया पूरी तरह से थम जाएगा. केंद्र सरकार की ओर से 15वें वित्त आयोग से मिलने वाली राशि भी रुक जाएगी. उन्होंने वर्तमान हेमंत सरकार को महिला विरोधी सरकार बताया. उन्होंने कहा कि ₹1 में महिलाओं की रजिस्ट्री बंद कर दी गई है यही नहीं 1 वर्ष में 15 सौ से ज्यादा दुष्कर्म की घटना हो चुकी हैं.