ETV Bharat / state

विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, मंत्री बन्ना गुप्ता पर लगाया नियमों की अनदेखी का आरोप

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र के विधायक सरयू राय ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग करने में मंत्री पर नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है और मामले में कार्रवाई की मांग की है.

http://10.10.50.75//jharkhand/20-June-2023/jh-eas-01-saryu-ray-arop-rc-jh10004_20062023092808_2006f_1687233488_0.jpeg
MLA Saryu Rai Wrote Letter To CM
author img

By

Published : Jun 20, 2023, 1:42 PM IST

जमशेदपुरः विधायक सरयू राय ने एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर हमला बोला है. विधायक सरयू राय ने बजट काल में कहा था कि स्वास्थ्य विभाग राज्य सरकार के अधिकारियों का स्थानांतरण- पदस्थापन में कार्यपालिका नियमावली के प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर रहा है. इसका जवाब आने पर विधायक सरयू राय ने असंतोष जताया है. पूछे गए सवाल के जवाब के आलोक में विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. विधायक सरयू राय ने इसको लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें-मानहानि का नोटिस भेजने पर विधायक सरयू राय ने दी तीखी प्रतिक्रिया, कहा- कोर्ट के सामने खोलेंगे मंत्री बन्ना गुप्ता का कच्चा चिट्ठा

प्रावधान से परे ट्रांसफर-पोस्टिंग करने का आरोपः उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा है कि कार्यपालिका नियमावली के प्रासंगिक प्रावधान के अनुसार पहले सरकार में पदाधिकारियों का स्थानांतरण-पदस्थापन साल में दो बार दिसंबर माह और जून माह में होता था. बाद में नियमावली के इस प्रावधान को संशोधित कर जून और जुलाई के दो महीनों में सरकारी कर्मियों और पदाधिकारियों का स्थानांतरण-पदस्थापन का प्रावधान किया गया है. एक भ्रांति है कि जून-जुलाई में किसी भी सरकारी अधिकारी का स्थानांतरण-पदस्थापन करने की शक्ति संबंधित विभाग के मंत्री में निहित हो जाती है. इन दो महीनों में किए गए स्थानांतरण-पदस्थापन की संचिका मुख्यमंत्री के पास नहीं भेजनी पड़ती है, लेकिन वास्तविकता इससे भिन्न है.

स्वास्थ्य मंत्री पर लगाया नियमों की धज्जियां उड़ाने का आरोपः विधायक ने सीएम को भेजे गए पत्र में उल्लेख किया है कि अपने प्रासंगिक प्रश्ननों में मैंने यही विषय उठाया था कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री उपर्युक्त कंडिका-4 की श्रेणी के विभागीय अधिकारियों के स्थानांतरण, पदस्थापन में कार्यपालिका नियमावली के प्रासंगिक प्रावधानों का घोर उल्लंघन कर रहे हैं. न केवल जून-जुलाई माह में, बल्कि पूरे वर्ष में वे आदतन इस श्रेणी के अधिकारियों का स्थानांतरण, पदस्थापन और थोक भाव से इनकी यत्र-तत्र प्रतिनियुक्ति करते रहते हैं. इसके कारण विभागीय अधिकारियों में भय व्याप्त है, उनका दोहन हो रहा है.विधायक सरयू राय ने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र में उनके द्वारा पूछे गए प्रासंगिक प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री उत्तर देने के बजाए थेथोरोलॉजी का सहारा लेने लगे थे. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करते हुए भरोसा दिलाया था कि मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी. जहां तक उनकी जानकारी है ये संचिकाएं अब तक मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंची है. प्रतीक्षा है विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्तुत किए जानेवाले कृत कार्य प्रतिवेदन (एटीआर) में सरकार इस बारे में क्या कहती है ?

महिला चिकित्सक के स्थानांतरण-पदस्थापना में नियमों की अनदेखी का आरोपः इस बीच स्वास्थ्य मंत्री ने एक महिला चिकित्सक के स्थानांतरण-पदस्थापन में एक बार फिर कार्यपालिका नियमावली के प्रावधानों की अवहेलना की है. विभागीय स्थापना समिति की अनुशंसा के मुताबिक संचिका मुख्यमंत्री के पास भेजने के बदले उन्होंने स्थापना समिति की अनुशंसा को अपने स्तर पर ही उलट दिया है. कई माह तक संचिका अपने पास रखने के बाद जुलाई के आरंभ में उन्होंने संचिका मुख्यमंत्री के पास भेजने के बजाय विभाग में वापस कर देने की धृष्टता की है. विधानसभा में सवाल उठने और सभाध्यक्ष के स्पष्ट नियमन के बावजूद स्वास्थ्य मंत्री ने संचिका मुख्यमंत्री के पास नहीं भेजी, बल्कि मुख्यमंत्री का अधिकार स्वयं अपने हाथ में ले लिया है. स्वास्थ्य मंत्री का यह आचरण से सरकार की कार्यपालिका नियमावली की न केवल धज्जियां उड़ाई है, बल्कि भ्रष्ट आचरण का परिचय दिया है, न केवल मंत्रि परिषद के सामूहिक उत्तरदायित्व का उल्लंघन किया है, बल्कि विधानसभा अध्यक्ष के नियमन की अवहेलना कर सभा के विशेषाधिकार का भी हनन किया है. सवाल उठता है कि क्या राज्य का कोई मंत्री सरकार के विधि-विधान से ऊपर है ? विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री से पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि इस बारे में आवश्यक कार्रवाई करें, ताकि राज्य का शासन संविधान और कानून के मुताबिक चल सके.

जमशेदपुरः विधायक सरयू राय ने एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर हमला बोला है. विधायक सरयू राय ने बजट काल में कहा था कि स्वास्थ्य विभाग राज्य सरकार के अधिकारियों का स्थानांतरण- पदस्थापन में कार्यपालिका नियमावली के प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर रहा है. इसका जवाब आने पर विधायक सरयू राय ने असंतोष जताया है. पूछे गए सवाल के जवाब के आलोक में विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. विधायक सरयू राय ने इसको लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें-मानहानि का नोटिस भेजने पर विधायक सरयू राय ने दी तीखी प्रतिक्रिया, कहा- कोर्ट के सामने खोलेंगे मंत्री बन्ना गुप्ता का कच्चा चिट्ठा

प्रावधान से परे ट्रांसफर-पोस्टिंग करने का आरोपः उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा है कि कार्यपालिका नियमावली के प्रासंगिक प्रावधान के अनुसार पहले सरकार में पदाधिकारियों का स्थानांतरण-पदस्थापन साल में दो बार दिसंबर माह और जून माह में होता था. बाद में नियमावली के इस प्रावधान को संशोधित कर जून और जुलाई के दो महीनों में सरकारी कर्मियों और पदाधिकारियों का स्थानांतरण-पदस्थापन का प्रावधान किया गया है. एक भ्रांति है कि जून-जुलाई में किसी भी सरकारी अधिकारी का स्थानांतरण-पदस्थापन करने की शक्ति संबंधित विभाग के मंत्री में निहित हो जाती है. इन दो महीनों में किए गए स्थानांतरण-पदस्थापन की संचिका मुख्यमंत्री के पास नहीं भेजनी पड़ती है, लेकिन वास्तविकता इससे भिन्न है.

स्वास्थ्य मंत्री पर लगाया नियमों की धज्जियां उड़ाने का आरोपः विधायक ने सीएम को भेजे गए पत्र में उल्लेख किया है कि अपने प्रासंगिक प्रश्ननों में मैंने यही विषय उठाया था कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री उपर्युक्त कंडिका-4 की श्रेणी के विभागीय अधिकारियों के स्थानांतरण, पदस्थापन में कार्यपालिका नियमावली के प्रासंगिक प्रावधानों का घोर उल्लंघन कर रहे हैं. न केवल जून-जुलाई माह में, बल्कि पूरे वर्ष में वे आदतन इस श्रेणी के अधिकारियों का स्थानांतरण, पदस्थापन और थोक भाव से इनकी यत्र-तत्र प्रतिनियुक्ति करते रहते हैं. इसके कारण विभागीय अधिकारियों में भय व्याप्त है, उनका दोहन हो रहा है.विधायक सरयू राय ने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र में उनके द्वारा पूछे गए प्रासंगिक प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री उत्तर देने के बजाए थेथोरोलॉजी का सहारा लेने लगे थे. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करते हुए भरोसा दिलाया था कि मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी. जहां तक उनकी जानकारी है ये संचिकाएं अब तक मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंची है. प्रतीक्षा है विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्तुत किए जानेवाले कृत कार्य प्रतिवेदन (एटीआर) में सरकार इस बारे में क्या कहती है ?

महिला चिकित्सक के स्थानांतरण-पदस्थापना में नियमों की अनदेखी का आरोपः इस बीच स्वास्थ्य मंत्री ने एक महिला चिकित्सक के स्थानांतरण-पदस्थापन में एक बार फिर कार्यपालिका नियमावली के प्रावधानों की अवहेलना की है. विभागीय स्थापना समिति की अनुशंसा के मुताबिक संचिका मुख्यमंत्री के पास भेजने के बदले उन्होंने स्थापना समिति की अनुशंसा को अपने स्तर पर ही उलट दिया है. कई माह तक संचिका अपने पास रखने के बाद जुलाई के आरंभ में उन्होंने संचिका मुख्यमंत्री के पास भेजने के बजाय विभाग में वापस कर देने की धृष्टता की है. विधानसभा में सवाल उठने और सभाध्यक्ष के स्पष्ट नियमन के बावजूद स्वास्थ्य मंत्री ने संचिका मुख्यमंत्री के पास नहीं भेजी, बल्कि मुख्यमंत्री का अधिकार स्वयं अपने हाथ में ले लिया है. स्वास्थ्य मंत्री का यह आचरण से सरकार की कार्यपालिका नियमावली की न केवल धज्जियां उड़ाई है, बल्कि भ्रष्ट आचरण का परिचय दिया है, न केवल मंत्रि परिषद के सामूहिक उत्तरदायित्व का उल्लंघन किया है, बल्कि विधानसभा अध्यक्ष के नियमन की अवहेलना कर सभा के विशेषाधिकार का भी हनन किया है. सवाल उठता है कि क्या राज्य का कोई मंत्री सरकार के विधि-विधान से ऊपर है ? विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री से पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि इस बारे में आवश्यक कार्रवाई करें, ताकि राज्य का शासन संविधान और कानून के मुताबिक चल सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.