जमशेदपुरः राज्य सरकार ने कुछ जिलों में बिजली व्यवस्था के निजीकरण का फैसला लिया है. इस फैसले का बिजली विभाग के कर्मचारियों के बाद सरकार के मंत्री भी विरोध कर रहे हैं. सभी का कहना है कि निजीकरण से ज्यादा सरकार को बिजली आपूर्ति और बिजली व्यवस्था मजबूत करने की ओर ध्यान देने की जरूरत है.
खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर अपनी जिम्मेदारी छोड़कर निजी क्षेत्रों को जिम्मेदारी सौंप रही है, तो इस फैसले पर एक बार और सोचना होगा. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के निर्णय विवेकपूर्ण होने चाहिए. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसी व्यवस्था का निजीकरण करना ही समस्या का समाधान नहीं है. उन्होंने कहा कि बिजली का निजीकरण करने या नहीं करने से ज्यादा बिजली व्यवस्था पर ध्यान देना होगा.
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वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता और बहारागोड़ा के विधायक कुणाल षाड़ंगी ने बिजली के निजीकरण के सवाल पर कहा कि सरकार को यह निश्चित करना होगा कि बिजली 24 घंटे कैसे मिले.