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सरकारी शराब दुकानों में बिना रसीद बेची जा रही करोड़ों की शराब, मनमानी रकम वसूल रहे दुकानदार - झारखंड न्यूज

जिले में सरकारी शराब दुकानों में बिना रसीद दिए करोड़ों की शराब बेची जा रही है. 2018 में पूर्वी सिंहभूम में लगभग 5 लाख 80 हज़ार पेटी शराब यानि 232 करोड़ की शराब बिना किसी रसीद दिए बेच दी गई

सरकारी शराब दुकानों में बिना रसीद बेचे जा रहे करोड़ों के शराब
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Published : Feb 11, 2019, 7:48 PM IST

Updated : Feb 11, 2019, 7:55 PM IST

जमशेदपुरः जिले में सरकारी शराब दुकानों में बिना रसीद दिए करोड़ों के शराब बेचे जा रहे हैं. 2018 में पूर्वी सिंहभूम में लगभग 5 लाख 80 हज़ार पेटी शराब यानि 232 करोड़ की शराब बिना किसी रसीद दिए बेच दी गई. शराब की बिक्री की जिम्मेदारी सरकारी विभाग के पास होने के बाद भी रसीद को लेकर लापरवाही देखी जा रही है. जिससे कर्मचारी मनमाने ढ़ग से पैसे वसूलते रहे हैं.

सरकारी शराब दुकानों में बिना रसीद बेचे जा रहे करोड़ों के शराब
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शराब दुकानों में कर्मियों को रखने की जिम्मेदारी सुमुख इंटरप्राइजेज नाम की मैन पावर प्रोवाइडर कंपनी को दिया गया है. कंपनी ने भी कर्मियों को रसीद देने के निर्देश जारी कर रखे हैं. लेकिन शहर के किसी भी शराब दुकान में रसीद ना तो दिया जा रहा. केवल एस्कॉर्ट का मिलान कर सरकार को भेज दिया जाता है. सरकार के शराब बेचने से शराब की बोतलों की फीस भी बढ़ा दी गई है. जिसके बावजूद सरकार को शराब बिक्री में लगातार नुकसान उठाने पड़ रहे हैं.

आबकारी निरीक्षक अजय कुमार ने बताया कि आबकारी विभाग ने सख्त आदेश दिए हैं कि सारी शराब दुकानें ग्राहकों को रसीद दे. जो आदेश का पालन नहीं कर रहे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता बिरेन्द्र कुमार ने बताया कि मनमाने तरीके से भी शराब की दुकानों में पैसे लिए जाते हैं और लोग थोड़े समय के लिए अपने हक की बात करना जरूरी नहीं समझते.

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ये भी पढ़ें- सेल्फी लेने के लिए ट्रेन की छत पर चढ़े छात्र, हाईटेंशन तार की चपेट में आने से एक की मौत

कुछ लोग मजबूरी में तो कुछ जागरूकता की कमी के कारण मनमाने दाम देने को तैयार हो जाते है और रसीद की मांग भी नहीं करते और शराब दुकान के कर्मचारी मालामाल हो रहे हैं.

जमशेदपुरः जिले में सरकारी शराब दुकानों में बिना रसीद दिए करोड़ों के शराब बेचे जा रहे हैं. 2018 में पूर्वी सिंहभूम में लगभग 5 लाख 80 हज़ार पेटी शराब यानि 232 करोड़ की शराब बिना किसी रसीद दिए बेच दी गई. शराब की बिक्री की जिम्मेदारी सरकारी विभाग के पास होने के बाद भी रसीद को लेकर लापरवाही देखी जा रही है. जिससे कर्मचारी मनमाने ढ़ग से पैसे वसूलते रहे हैं.

सरकारी शराब दुकानों में बिना रसीद बेचे जा रहे करोड़ों के शराब
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शराब दुकानों में कर्मियों को रखने की जिम्मेदारी सुमुख इंटरप्राइजेज नाम की मैन पावर प्रोवाइडर कंपनी को दिया गया है. कंपनी ने भी कर्मियों को रसीद देने के निर्देश जारी कर रखे हैं. लेकिन शहर के किसी भी शराब दुकान में रसीद ना तो दिया जा रहा. केवल एस्कॉर्ट का मिलान कर सरकार को भेज दिया जाता है. सरकार के शराब बेचने से शराब की बोतलों की फीस भी बढ़ा दी गई है. जिसके बावजूद सरकार को शराब बिक्री में लगातार नुकसान उठाने पड़ रहे हैं.

आबकारी निरीक्षक अजय कुमार ने बताया कि आबकारी विभाग ने सख्त आदेश दिए हैं कि सारी शराब दुकानें ग्राहकों को रसीद दे. जो आदेश का पालन नहीं कर रहे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता बिरेन्द्र कुमार ने बताया कि मनमाने तरीके से भी शराब की दुकानों में पैसे लिए जाते हैं और लोग थोड़े समय के लिए अपने हक की बात करना जरूरी नहीं समझते.

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कुछ लोग मजबूरी में तो कुछ जागरूकता की कमी के कारण मनमाने दाम देने को तैयार हो जाते है और रसीद की मांग भी नहीं करते और शराब दुकान के कर्मचारी मालामाल हो रहे हैं.

Intro:एंकर-- लोहा नगरी की शराब दुकानों में बिल नहीं दिया जा रहा है पूर्वी सीबू में अब तक करोड़ों रुपए के शराब बिना रसीद के ही बेच दिया गया एक रिपोर्ट।


Body:वीओ1-- बिना बिल बेच दी करोड़ों रुपए की शराब 2018 में पूर्वी सिंहभूम के लोगों ने 5 लाख 80 हज़ार पेटी शराब गटक गए। वर्ष 2018 में लोगों ने 232 करोड़ का शराब पी गए। लोहा नगरी की शराब दुकानों में बिल नहीं दिया जा रहा है शिबू में अब तक करोड़ों रुपए की शराब बिना रसीद के ही बेच दिए गए हैं झारखंड सरकार ने इस वित्तीय वर्ष जनवरी तक 232 करोड रुपए की शराब बिना बिल के भेजती है वही वित्तीय वर्ष 2017 2018 में 31 मार्च तक पूर्व में भी दो से ₹110000000 की शराब बिना बिल के बेच दी गई बता दे कि झारखंड में शराब का कारोबार झारखंड विभाग देख रही है सरकारी दुकानों में शराब लेना अनिवार्य है उसका कहना है कि शराब दुकानों के कर्मचारी से ज्यादा पैसे लेते हैं। सरकार की ओर से दिए जाने वाले दिल में ग्राहकों के नाम पते और दर्द के साथ ही पैसे अंकित रहते हैं।ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया मनमाने तरीके से भी शराब की दुकानों में पैसे लिए जाते हैं।
बाइट--बिरेन्द्र कुमार(सामाजिक कार्यकर्ता)
वीओ2--रसीद देने का निर्देश।
सरकार द्वारा संचालित शराब दुकानों में शराब बिक्री के लिए जिन कर्मियों को रखा गया है उन्हें मैन पावर प्रोवाइडर कंपनी सुमुख इंटरप्राइजेज में रखा है इस कंपनी को रसीद देने का निर्देश दिया गया है पर शहर के किसी भी शराब दुकानों में बिल नहीं दिया जाता है सिर्फ एस्कॉर्ट का मिलान कर सरकार को भेज दिया जाता है सरकार द्वारा शराब कारोबार के संचालन के बाद शराब की बोतलों पर फीस बढ़ा दी गई है इस वजह से शराब के दाम में वृद्धि हुई इसके बावजूद भी सरकार को जिले में शराब कारोबार में नुकसान हुआ है। आबकारी विभाग की ओर से सख्त आदेश है कि सारी दुकान शराब दुकानें ग्राहकों को मिलते जो आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी रसीद देना अनिवार्य है।
बाइट--अजय कुमार(अबकारी निरीक्षक)


Conclusion:बहरहाल ऐसे में नुकसान आम व्यक्तियों का है,क्योंकि थोड़े समय के लिए अपने हक़ की बात करना लोग जरूरी नहीं समझते हैं,और ऐसे में सरकार को भी नुकसान का सामना करना पड़ता है।
Last Updated : Feb 11, 2019, 7:55 PM IST
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