रांची: ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास ने एक बाद फिर से बीजेपी ज्वाइन कर लिया है. रघुवर दास के बीजेपी में शामिल होने के बाद जहां रघुवर के समर्थक कह रहे हैं कि बीजेपी मजबूत होगी, वहीं उनके विरोधी इस पर तंज कर रहे हैं और कह रहे हैं बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.
झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास रांची में हुए एक कार्यक्रम में बीजेपी में शामिल हुए. उनकी एंट्री को पार्टी नेता सुखद बता रहे हैं और कह रहे हैं कि विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद पार्टी का बड़ा समूह रघुवर दास को लाने का पक्षधर था. यही वजह है कि संगठन ने सोच विचारकर बाबूलाल मरांडी के साथ एक मजबूत नेता को लाया है, जो इस राज्य की सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेगा.
इस कार्यक्रम में अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, सांसद दीपक प्रकाश, सीता सोरेन, गीता कोड़ा, सुदर्शन भगत, समीर उरांव जैसे झारखंड बीजेपी के बड़े नेताओं के नहीं रहने से राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी कि बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. हालांकि इन नेताओं की अनुपस्थिति को पार्टी ने उनकी व्यस्तता बताई जा रही है. पार्टी नेताओं का कहना है कि वे रांची से बाहर थे और उन्होंने अपनी मजबूरी को पार्टी को अवगत करा दिया था.
हालांकि, इस कार्यक्रम में रघुवर दास के साथ काम करने वाले कई पुराने नेता मौजूद रहे जिसमें केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, सीपी सिंह आदि शामिल हैं.
बीजेपी के बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी पर शुरू हुई सियासत
रघुवर दास के बीजेपी में एंट्री के वक्त बड़े नेताओं की अनुपस्थिति पर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने इसपर तंज कसते हुए कहा है कि बीजेपी में ऑल इज वेल नहीं है. रघुवर दास के आने से बीजेपी मजबूत होने के बजाए और कमजोर होगी. कांग्रेस प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा है कि जिस तरह से भाजपा के आदिवासी नेताओं की अनुपस्थिति रही उससे साफ झलकता है कि रघुवर का कम बैक सून नहीं, उन्हें इन नेताओं ने गो बैक का संकेत दे दिया है.
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