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जमशेदपुर में सड़क पर पैदल चलना भी है जानलेवा, डराते हैं मौत के आंकड़े, नहीं हैं जेबरा क्रॉसिंग और फुट ओवर-ब्रिज की सुविधा - जमशेदपुर में फुट ओवर-ब्रिज की कमी

जमशेदपुर में पैदल चलने वाले राहगीरों के लिए सड़कें जानलेवा बन रही है. हर महीने औसतन तीन राहगीरों की मौत होती है. इसका कारण जेबरा क्रॉसिंग और फुट ओवर-ब्रिज की कमी बताई जा रही है.

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जेबरा क्रॉसिंग और फुट ओवर-ब्रिज की कमी
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Published : Dec 20, 2020, 3:35 PM IST

जमशेदपुर: जिले की सड़कों पर पैदल चलना काफी हानिकारक होता जा रहा है. जिला प्रसाशन के आंकड़े इस बात की तस्दीक दे रहे हैं कि तीन वर्षों में सड़क पार करने वाले तकरीबन 24 राहगीरों की मौत हो चुकी है.

देखें स्पेशल खबर

मौत का सफर
पूर्वी सिंहभूम जिले से सटे जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-33 पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, दक्षिण भारत को जोड़ती है. इनमें डिमना, कांदरबेड़ा, पटमदा के इलाकों में आए दिन सड़क दुर्घटना में राहगीरों की मौत हो जाया करती है. वैसे सर्च इंजन गूगल ने राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-33 को मौत की सड़क का नाम दे दिया है.

सड़क बना फुटपाथ
जमशेदपुर के मुख्य व्यावसायिक केंद्र साकची से बारीडीह की ओर जाने वाली सड़कों पर दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है. सड़क के दोनों और फुटपाथी दुकानदारों का हमेशा कब्जा लगा रहता है. संकीर्ण रास्ते होने के कारण गाड़ियों की आवाजाही में भी यात्रयों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. सड़क के किनारे पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण ऑटो, दो पहिया वाहन, सड़कों पर लगे रहते हैं. जिसके कारण जाम की समस्या अक्सर उत्पन्न होती है. सड़क के किनारे दुकान, दो पहिया वाहन के लगाए जाने के बाद यात्रियों के लिए पैदल चलने के लिए जगह ही नहीं बची है. जिसके कारण राहगीर हादसों का शिकार होते हैं. जमशेदपुर यातायात विभाग के आंकड़ों के मुताबिक शहर के कई जगहों पर स्पीड ब्रेकर, हाई मास्ट लाईट की भी व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण आए दिन सड़कों पर दुर्घटना होते रहती है.

पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए व्यवस्था
जमशेदपुर शहर में पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई है. शहर के मानगो, डिमना, आजादनगर, साकची के क्षेत्रों में एक ही रास्ते से लोगों का आना जाना होता है. वहीं शहर के कई जगहों पर पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए थोड़ी व्यवस्था की गई है. टेल्को, बिस्टुपुर, कदमा, इन क्षेत्रों में पैदल चलने वाले राहगीरों के लिए थोड़ी अलग व्यवस्था की गई है. कुल मिलाकर जेबरा क्रॉसिंग की भी व्यवस्था शहर में न के बराबर है.

इसे भी पढ़ें-हेमंत सरकार के कार्यकाल का एक साल, ईटीवी भारत पर जनता और प्रतिनिधियों ने दी प्रतिक्रिया

क्रॉसिंग की व्यवस्था
साकची से लेकर सिदगोड़ा जाने वाले मार्ग में क्रोसिंग की व्यवस्था नहीं है और न ही बाजार में पार्किंग की व्यवस्था की गई है. जिसके कारण आए दिन सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है.


हादसों का शिकार
जमशेदपुर के एमजीएम थाना क्षेत्र के तुडियाबेडा स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के निकट 9 दिसंबर 2020 को एक 12 वर्षीय छात्र रितिक डोंगों की मौत सड़क पार करने के दौरान हो गई. साकची थाना क्षेत्र के जलेबी लाइन के रहने वाले व्यापारी गोल्डी की मौत सड़क हादसों के कारण हो गई. गोल्डी 11 जुलाई 2020 को अपने घर मानगो जा रहा था तभी सड़क से दूसरी ओर पार करने के दौरान उसकी मौत हो गई. जमशेदपुर के पटमदा के रहने वाले छात्र की मौत 08 दिसंबर 2020 को सड़क हादसे में हो गई. छात्र कार्तिक अपने घर की और जा रहा था तभी उसकी मौत हो गई. जमशेदपुर के सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के रहने वाले गुंजन की मौत 28 नवंबर 2020 को हो गई. गुंजन अपने घर से चांडिल की और जा रहा था तभी उसकी मौत हो गई. जमशेदपुर के ट्रैफिक डीएसपी ने बताया कि संकीर्ण रास्ता होने के कारण ऐसी समस्या होती रहती है. आमजनों को भी इसके लिए जागरूक किया जा रहा है.

जमशेदपुर: जिले की सड़कों पर पैदल चलना काफी हानिकारक होता जा रहा है. जिला प्रसाशन के आंकड़े इस बात की तस्दीक दे रहे हैं कि तीन वर्षों में सड़क पार करने वाले तकरीबन 24 राहगीरों की मौत हो चुकी है.

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मौत का सफर
पूर्वी सिंहभूम जिले से सटे जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-33 पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, दक्षिण भारत को जोड़ती है. इनमें डिमना, कांदरबेड़ा, पटमदा के इलाकों में आए दिन सड़क दुर्घटना में राहगीरों की मौत हो जाया करती है. वैसे सर्च इंजन गूगल ने राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-33 को मौत की सड़क का नाम दे दिया है.

सड़क बना फुटपाथ
जमशेदपुर के मुख्य व्यावसायिक केंद्र साकची से बारीडीह की ओर जाने वाली सड़कों पर दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है. सड़क के दोनों और फुटपाथी दुकानदारों का हमेशा कब्जा लगा रहता है. संकीर्ण रास्ते होने के कारण गाड़ियों की आवाजाही में भी यात्रयों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. सड़क के किनारे पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण ऑटो, दो पहिया वाहन, सड़कों पर लगे रहते हैं. जिसके कारण जाम की समस्या अक्सर उत्पन्न होती है. सड़क के किनारे दुकान, दो पहिया वाहन के लगाए जाने के बाद यात्रियों के लिए पैदल चलने के लिए जगह ही नहीं बची है. जिसके कारण राहगीर हादसों का शिकार होते हैं. जमशेदपुर यातायात विभाग के आंकड़ों के मुताबिक शहर के कई जगहों पर स्पीड ब्रेकर, हाई मास्ट लाईट की भी व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण आए दिन सड़कों पर दुर्घटना होते रहती है.

पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए व्यवस्था
जमशेदपुर शहर में पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई है. शहर के मानगो, डिमना, आजादनगर, साकची के क्षेत्रों में एक ही रास्ते से लोगों का आना जाना होता है. वहीं शहर के कई जगहों पर पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए थोड़ी व्यवस्था की गई है. टेल्को, बिस्टुपुर, कदमा, इन क्षेत्रों में पैदल चलने वाले राहगीरों के लिए थोड़ी अलग व्यवस्था की गई है. कुल मिलाकर जेबरा क्रॉसिंग की भी व्यवस्था शहर में न के बराबर है.

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क्रॉसिंग की व्यवस्था
साकची से लेकर सिदगोड़ा जाने वाले मार्ग में क्रोसिंग की व्यवस्था नहीं है और न ही बाजार में पार्किंग की व्यवस्था की गई है. जिसके कारण आए दिन सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है.


हादसों का शिकार
जमशेदपुर के एमजीएम थाना क्षेत्र के तुडियाबेडा स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के निकट 9 दिसंबर 2020 को एक 12 वर्षीय छात्र रितिक डोंगों की मौत सड़क पार करने के दौरान हो गई. साकची थाना क्षेत्र के जलेबी लाइन के रहने वाले व्यापारी गोल्डी की मौत सड़क हादसों के कारण हो गई. गोल्डी 11 जुलाई 2020 को अपने घर मानगो जा रहा था तभी सड़क से दूसरी ओर पार करने के दौरान उसकी मौत हो गई. जमशेदपुर के पटमदा के रहने वाले छात्र की मौत 08 दिसंबर 2020 को सड़क हादसे में हो गई. छात्र कार्तिक अपने घर की और जा रहा था तभी उसकी मौत हो गई. जमशेदपुर के सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के रहने वाले गुंजन की मौत 28 नवंबर 2020 को हो गई. गुंजन अपने घर से चांडिल की और जा रहा था तभी उसकी मौत हो गई. जमशेदपुर के ट्रैफिक डीएसपी ने बताया कि संकीर्ण रास्ता होने के कारण ऐसी समस्या होती रहती है. आमजनों को भी इसके लिए जागरूक किया जा रहा है.

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