जमशेदपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के काल से बचने के लिए लॉकडाउन की शुरुआत की गई है. लॉकडाउन में लोग अपने घरों में सैकड़ों बार पानी का उपयोग कर रहे हैं. जिसके लिए जमशेदपुर में खरकई और स्वर्णरेखा नदी सूखने के कगार पर है. तकरीबन 20 लाख आबादी वाले इस शहर के लोगों की प्यास बुझाने वाली ये नदियां अगर सूख गईं तो जमशेदपुर में पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा.
स्वर्णरेखा और खरकई नदी का जलस्तर नीचे
गर्मी की शुरुआत होते ही जमशेदपुर में तापमान बढ़कर 42 डिग्री के करीब जा पहुंचा है. बढ़ती तपिश ने लोगों का जीना दुश्वार कर रखा है. कोरोना से बचने के लिए लोग अपने घरों में सैकड़ों बार पानी का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में लौहनगरी में आने वाले समय में जल संकट गहरा सकता है. शहर की लाइफलाइन कही जाने वाली स्वर्णरेखा और खरकई नदी का जलस्तर काफी कम हो गया है. नदी का जलस्तर कम होना इस बात के संकेत है कि आने वाले समय में लोगों को जल संकट से जूझना पड़ सकता है.
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पानी की खपत
पूर्वी सिंहभूम की तकरीबन 20 लाख आबादी वाले शहर जमशेदपुर में वैश्विक महामारी कोरोना के काल से निपटने के लिए लोग अपने घरों में बंद है. कई लोग सैकड़ों बार पानी से हाथ हो रहे हैं तो कई बार स्नान कर रहे हैं. जिससे करीब दस से बारह क्यूसेक लीटर पानी की खपत प्रतिदिन हो रही है. लिहाजा आने वाले समय में पानी की समस्या से लोगों को दो चार होना पड़ सकता है.
पानी की समस्या बढ़ने की संभावना
जमशेदपुर में इन दिनों पानी की कमी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर के कई भूभाग के क्षेत्रों में पानी का स्तर तकरीबन पांच सौ फीट तक जा पहुंचा है, जिसके कारण आने वाले समय में पानी की समस्या हो सकती है.