जमशेदपुर: जमशेदपुर अभिभावक संघ ने एक बार फिर शहर के निजी स्कूलों के प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस संबंध में अभिभावक संघ का प्रतिनिधिमंडल शिकायत लेकर उपायुक्त कार्यालय पहुंचा. इस दौरान अभिभावकों ने निजी स्कूलों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. इसके बाद निजी स्कूलों के प्रबंधन की मनमानी को लेकर एक ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा गया.
गरीब बच्चों को 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा दी जाएः ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि भारत सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पूरे देश में लागू कर दिया है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कंडिका 8-8 में प्रावधान दिए गए हैं कि अभिवंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को क्लास 12 तक निःशुल्क शिक्षा देनी है. आरटीई अधिनियम 2009 के तहत जमशेदपुर शहर के अलग-अलग निजी स्कूलों में नामांकित अभिवंचित और कमजोर वर्ग के बच्चे जो अब क्लास आठ पास कर नौ में चले गए हैं, अब उन बच्चों से उनके स्कूल प्रबंधन स्कूल फीस की मांग करना शुरू कर दिया है. आरटीई अधिनियम 2009 में इन वर्ग के बच्चों को क्लास आठ तक ही नि:शुल्क शिक्षा देने के अधिकार दिए गए हैं. अब उन बच्चों को फीस के नाम पर परेशान किया जा रहा है.
कई स्कूलों में बच्चों को दिया नोटिसः वहीं जमशेदपुर अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉ उमेश कुमार ने बताया कि पिछले साल 12 दिसबंर 2022 को जमशेदपुर अभिभावक संघ ने जिला प्रशासन के समक्ष इस मांग को रखा था, तब जिला प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस देकर जिला प्रशासन को स्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया था. अब स्कूल प्रबंधनों द्वारा क्लास नौ में गए अभिवंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को नोटिस देना शुरू कर दिया है, ऐसे में जमशेदपुर अभिभावक संघ उपायुक्त से मांग करता है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधान के अनुरूप क्लास नौ में गए अभिवंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को क्लास 12 तक नि:शुल्क शिक्षा देने का निजी स्कूलों को निर्देश दें. जो स्कूल इस बात को नहीं मानता है उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए.