जमशेदपुरः जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय अपने विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों के ऐसे बच्चों को जिनके पास मोबाइल नहीं होने से वे ऑनलाइन क्लास नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें मोबाइल दिलाएंगे. पहले चरण में वे सरकारी स्कूलों के बच्चों को फोन दिलाएंगे, बाद में निजी स्कूलों के बच्चों की भी मदद की जाएगी. इससे कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई की बाधा दूर होगी. इसके लिए विधायक जल्द शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे, योजना के क्रियान्वयन के लिए योजना बनाएंगे. इसमें उद्योगों की मदद लेंगे.
इस संबंध में विधायक सरयू राय ने बताया कि उन्होंने लॉकडाउन में अपने विधानसभा क्षेत्र के निजी और सरकारी विद्यालयों में कराई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई का सर्वेक्षण कराया था. इसमें पाया कि निजी विद्यालयों करीब 60% छात्र-छात्रा ऑनलाइन पढ़ाई कर पा रहे हैं. वहीं सरकारी विद्यालयों में तो नौवीं-दसवीं वर्ग को छोड़कर अन्य वर्गों में पढ़ाई ही नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई नहीं होने का कारण शिक्षकों की अनुपलब्धता और उपलब्ध शिक्षकों की गैर शैक्षणिक कार्यों में व्यस्तता है.
स्मार्ट फोन न होने से पढ़ाई में बाधा
विधायक राय ने बताया कि सरकारी विद्यालयों के उच्च कक्षाओं में 70 से 80% विद्यार्थियों के नहीं पढ़ पाने का कारण उनके परिवार के पास पर्याप्त स्मार्ट मोबाइल फोन नहीं होना है. किसी परिवार में एक स्मार्ट मोबाइल है तो उसका उपयोग कार्यालय समय पर अभिभावक कर रहे हैं, किसी परिवार में एक अतिरिक्त मोबाइल है तो पढ़ने वाले बच्चे एक से अधिक हैं. इसलिए 20 से 30 फीसदी बच्चे ही सरकारी विद्यालयों के ऑनलाइन क्लास ले पाते हैं. इसमें उद्योगों की मदद लेंगे.
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विधायक राय ने बताया कि सर्वे 3 सदस्यों की टीम ने किया था, जिसमें शिक्षा विभाग के अवकाश प्राप्त अधिकारी एवं सरकारी स्कूलों के विधायक प्रतिनिधि एसपी सिंह, निजी स्कूलों के लिए विधायक प्रतिनिधि डैफोडिल स्कूल के मिथिलेश श्रीवास्तव एवं उच्च शिक्षा के लिए विधायक प्रतिनिधि प्रोफेसर राकेश पांडे शामिल थे. इन लोगों ने सभी स्कूलों में जाकर जानकारी प्राप्त की कि आखिर क्यों बड़ी संख्या में बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं.
निजी स्कूलों के बच्चों को भी मिलेगा फोन
विधायक ने कहा कि इस मामले को लेकर जल्दी जिले के शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के साथ भी बैठक करेंगे. उन्होंने कहा कि पहले चरण के तहत वे सरकारी स्कूलों के बच्चों को मोबाइल उपलब्ध कराएंगे और दूसरे चरण में निजी स्कूलों के प्रबंधन से बातचीत कर पूरी जानकारी लेकर वैसे बच्चों को भी मोबाइल उपलब्ध कराया जाएगा.