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Jamshedpur News: डीसी ने किया चाटीकोचा गांव का दौरा, सुनी ग्रामीणों की समस्या, दिए दिशा निर्देश

पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त विजया जाधव ने पोटका प्रखंड स्थित चाटीकोचा गांव का दौरा किया. उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और जल्द ही उसके समाधान का निर्देश दिया.

East Singhbhum DC
पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त विजया जाधव
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Published : May 14, 2023, 7:19 AM IST

जमशेदपुर: उपायुक्त विजया जाधव अन्य वरीय अधिकारियों के साथ चाटीकोचा गांव पहुंचीं. इस दौरान पोटका प्रखंड अंतर्गत चाटीकोचा गांव के ग्रामीणों के पुनर्वासन, यूसीआइएल में नौकरी और अन्य मुद्दों पर चर्चा की. ग्रामीणों की समस्या सुनी. साथ ही UCIL द्वारा किए गए मुआवजा भुगतान, ग्रामीणों की नौकरी तथा गांव में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं की जानकारी ली.

ये भी पढ़ें:Jamshedpur News: मिलावटखोरों की अब खैर नहीं, जिला प्रशासन ने कसी नकेल

बेरोजगारी एक बड़ी समस्या: कुछ लोगों ने मुआवजा राशि अबतक नहीं ली है जो ट्रेजरी में जमा रह गया है, उसकी वस्तुस्थिति को भी जाना. ग्रामीणों ने बताया कि विस्थापन के समय 46 परिवारों का गांव था, जो बढ़कर अब 68 परिवार हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि जिन कर्मियों की मौत हो गई है उनके परिजनों को यूसीआइएल अनुकंपा पर नौकरी दे. साथ ही जिन लोगों की नौकरी के लिए आवेदन प्रक्रियाधीन है, उसमें तेजी लाया जाए. कहा कि अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिलने से यहां के लोगों के सामने बेरोजगारी एक बड़ी समस्या हो जाएगी.

सप्लाई पानी की गुणवत्ता खराब: ग्रामीणों ने कहा कि जमीन रही नहीं कि आगे कृषि कार्य से भी भरण पोषण कर सके. गांव में खराब गुणवत्ता के पानी सप्लाई की बात ग्रामीणों ने डीसी को बताया. जिसपर उपायुक्त ने तत्काल पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता को सैंपल कलेक्शन करते हुए जांच कराने के निर्देश दिए. साथ ही ग्रामीणों ने टेलिंग पॉन्ड गांव से एकदम सटे होने के कारण यूरेनियम कचड़े के धूलकण से बीमारी से प्रभावित होने की बात बताई.

12 डिसमिल जमीन नाकाफी: ग्रामीणों ने धोबनी गांव में उनके पुनर्वास के लिए प्रति परिवार उपलब्ध कराये जाने वाले 12 डिसमिल की जमीन को भी नाकाफी बताया. ग्रामीणों ने कहा कि सिर्फ बसावट से नहीं बल्कि उन्हें कुछ कृषि करने योग्य भी जमीन मिले, साथ ही खेलकूद का मैदान, धार्मिक अनुष्ठान का स्थल, स्कूल, चिकित्सा की भी समुचित व्यवस्था हो. ग्रामीणों की एक-एक मांग को उपायुक्त ने गंभीरतापूर्वक सुना तथा उन्हें आश्वस्त किया कि जल्द ही उनके पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. उन्होंने मौके पर मौजूद पोटका के सीओ को इसी तरह से धोबनी के ग्रामीणों से भी वार्ता कर जल्द से जल्द पुनर्वास की प्रक्रिया पूरी करने की बात कही.

टेलिंग पॉन्ड पहुंची उपायुक्त: ग्रामीणों की समस्याओं से अवगत होने के बाद उपायुक्त दलबल के साथ टेलिंग पॉन्ड का निरीक्षण करने पहुंचीं. ग्रामीणों की शिकायत थी कि टेलिंग पॉन्ड ओवर फ्लो होता है, जिससे आसपास का पानी दूषित होता है. रेडियोएक्टिविटी के कारण बीमारी से ग्रसित होने का खतरा रहता है. मौके पर मौजूद यूसीआइएल के अधिकारियों ने टेलिंग पॉन्ड को लेकर पूरी जानकारी दी. हालांकि यूरेनियम के कचड़े से संभावित किसी खतरे से इनकार किया. मौके पर पाया गया कि पॉन्ड के एरिया में ही बने जाहेर स्थान के पेड़ सूख गए हैं.

डीसी ने बताया कि निरीक्षण के क्रम में ग्रामीणों की मांग को देखते हुए यूसीआइएल के अधिकारियों से स्वास्थ्य कैंप तथा पेयजल की गुणवत्ता की जांच कर उसका निराकरण करने के निर्देश दिए. साथ ही अनुकंपा पर नौकरी, नौकरी को लेकर प्रक्रियाधीन आवेदनों पर तेजी लाने तथा ग्रामीणों की अन्य जरूरी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा कर जरूरी निर्देश दिए.

जमशेदपुर: उपायुक्त विजया जाधव अन्य वरीय अधिकारियों के साथ चाटीकोचा गांव पहुंचीं. इस दौरान पोटका प्रखंड अंतर्गत चाटीकोचा गांव के ग्रामीणों के पुनर्वासन, यूसीआइएल में नौकरी और अन्य मुद्दों पर चर्चा की. ग्रामीणों की समस्या सुनी. साथ ही UCIL द्वारा किए गए मुआवजा भुगतान, ग्रामीणों की नौकरी तथा गांव में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं की जानकारी ली.

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बेरोजगारी एक बड़ी समस्या: कुछ लोगों ने मुआवजा राशि अबतक नहीं ली है जो ट्रेजरी में जमा रह गया है, उसकी वस्तुस्थिति को भी जाना. ग्रामीणों ने बताया कि विस्थापन के समय 46 परिवारों का गांव था, जो बढ़कर अब 68 परिवार हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि जिन कर्मियों की मौत हो गई है उनके परिजनों को यूसीआइएल अनुकंपा पर नौकरी दे. साथ ही जिन लोगों की नौकरी के लिए आवेदन प्रक्रियाधीन है, उसमें तेजी लाया जाए. कहा कि अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिलने से यहां के लोगों के सामने बेरोजगारी एक बड़ी समस्या हो जाएगी.

सप्लाई पानी की गुणवत्ता खराब: ग्रामीणों ने कहा कि जमीन रही नहीं कि आगे कृषि कार्य से भी भरण पोषण कर सके. गांव में खराब गुणवत्ता के पानी सप्लाई की बात ग्रामीणों ने डीसी को बताया. जिसपर उपायुक्त ने तत्काल पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता को सैंपल कलेक्शन करते हुए जांच कराने के निर्देश दिए. साथ ही ग्रामीणों ने टेलिंग पॉन्ड गांव से एकदम सटे होने के कारण यूरेनियम कचड़े के धूलकण से बीमारी से प्रभावित होने की बात बताई.

12 डिसमिल जमीन नाकाफी: ग्रामीणों ने धोबनी गांव में उनके पुनर्वास के लिए प्रति परिवार उपलब्ध कराये जाने वाले 12 डिसमिल की जमीन को भी नाकाफी बताया. ग्रामीणों ने कहा कि सिर्फ बसावट से नहीं बल्कि उन्हें कुछ कृषि करने योग्य भी जमीन मिले, साथ ही खेलकूद का मैदान, धार्मिक अनुष्ठान का स्थल, स्कूल, चिकित्सा की भी समुचित व्यवस्था हो. ग्रामीणों की एक-एक मांग को उपायुक्त ने गंभीरतापूर्वक सुना तथा उन्हें आश्वस्त किया कि जल्द ही उनके पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. उन्होंने मौके पर मौजूद पोटका के सीओ को इसी तरह से धोबनी के ग्रामीणों से भी वार्ता कर जल्द से जल्द पुनर्वास की प्रक्रिया पूरी करने की बात कही.

टेलिंग पॉन्ड पहुंची उपायुक्त: ग्रामीणों की समस्याओं से अवगत होने के बाद उपायुक्त दलबल के साथ टेलिंग पॉन्ड का निरीक्षण करने पहुंचीं. ग्रामीणों की शिकायत थी कि टेलिंग पॉन्ड ओवर फ्लो होता है, जिससे आसपास का पानी दूषित होता है. रेडियोएक्टिविटी के कारण बीमारी से ग्रसित होने का खतरा रहता है. मौके पर मौजूद यूसीआइएल के अधिकारियों ने टेलिंग पॉन्ड को लेकर पूरी जानकारी दी. हालांकि यूरेनियम के कचड़े से संभावित किसी खतरे से इनकार किया. मौके पर पाया गया कि पॉन्ड के एरिया में ही बने जाहेर स्थान के पेड़ सूख गए हैं.

डीसी ने बताया कि निरीक्षण के क्रम में ग्रामीणों की मांग को देखते हुए यूसीआइएल के अधिकारियों से स्वास्थ्य कैंप तथा पेयजल की गुणवत्ता की जांच कर उसका निराकरण करने के निर्देश दिए. साथ ही अनुकंपा पर नौकरी, नौकरी को लेकर प्रक्रियाधीन आवेदनों पर तेजी लाने तथा ग्रामीणों की अन्य जरूरी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा कर जरूरी निर्देश दिए.

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