जमशेदपुर: शहर में सालों से बंद पड़े केबल कंपनी के जनरल ऑफिस अग्निकांड मामले में खुलासा हुआ है. कंपनी में आग लगी नहीं बल्कि लगाई गई है. इसे लेकर रांची की फॉरेंसिक टीम को कई अहम सुराग मिले हैं. हालांकि पूरी रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में कई अहम खुलासे हो सकते हैं.
केबल कंपनी के जनरल ऑफिस में लगी आग को लेकर शुक्रवार को सिटी एसपी सुभाष चंद्र जाट की उपस्थिति में एफएसएल की टीम ने वैज्ञानिक पहलू से जांच की, जिसमें टीम को कई ऐसे अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिससे यह साफ हो रहा है, कि आग लगी नहीं बल्कि लगाई गई है. जांच में यह पता चला है कि शॉर्ट सर्किट से वहां आग नहीं लग सकती है, क्योंकि भवन में कई दिनों से बिजली नहीं है. दूसरी बात कि सिगरेट, बीड़ी से इतनी भयावह आग नहीं लग सकती है, क्योंकि आग एक कमरे से दूसरे कमरे तक बढ़ी है.
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जांच में पता चला है कि कार्यालय के सभी कमरे की दीवार ईंट की है. ऐसे में आग का पूरे बिल्डिंग में लगना असंभव सा लगता है. पहली बार की जांच में पुलिस को आशंका हो गई थी कि आग लगी नहीं, बल्कि लगाई गई है. आग किस चीज से लगाई गई है. इस संबंध में टीम ने फिलहाल कुछ नहीं कहा है.
सिटी एसपी ने बताया कि पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही आग कैसे लगी इस संबंध में बताया जा सकता है, हालांकि उन्होंने यह साफ कर दिया है कि आग लगने की घटना संदिग्ध है. इसलिए सिटी एसपी ने घटना की जांच दोबारा करने और वैज्ञानिक पहलू से जांच कराने की पहल की है. आपको बता दें कि 2 जनवरी को गोलमुरी स्थित केबल कंपनी के ऑफिस में आग लगी थी.