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जमशेदपुरः निजी अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाने का विरोध, नागरिकों ने जताया विरोध

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Published : Jul 13, 2020, 8:50 PM IST

जमशेदपुर में कोरोना के विकराल रूप को देखते हुए प्रशासन सभी कदम उठा रहा है. प्रशासन उमा अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाने की तैयारी कर रहा है, लेकिन स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं. स्थानीय लोगों ने ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन से निजी अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल ना बनाने की मांग की.

कोविड-19 अस्पताल बनाने का विरोध
कोविड-19 अस्पताल बनाने का विरोध

जमशेदपुरः कोरोना को लेकर जिला प्रशासन का मानगो के एनएच-33 स्थित निजी अस्पताल को कोरोना अस्पताल बनाने की कवायद शुरु की है. जिसका स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर स्थानीय लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर निजी अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल ना बनाने की मांग की. लोगों की दलील है कि अस्पताल के पास का इलाका काफी रिहायशी है. अगर यहां कोविड-19 का अस्पताल खोला जाता है तो इसका असर यहां आस-पास के मोहल्ले पर इसका असर पड़ेगा. इसलिए जिले के उपायुक्त इस मामले को गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए वहां के निजी अस्पताल को कोविड-19 का अस्पताल ना बनाएं. लोगों के विरोध को प्रशासन की ओर से अभी तक किसी तरह का कोई जवाब नहीं आया है.

यह भी पढ़ेंः सजायाफ्ता लालू यादव रिम्स में फोन पर बात करते दिखे, पास में बैठे थे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता

बता दें कि जमशेदपुर में कोरोना सक्र॔मितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. वहीं कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए जमशेदपुर में टाटा मुख्य अस्पताल एमजीएम अस्पताल और टाटा मोटर्स अस्पताल में कोविड अस्पताल बनाया गया है, लेकिन बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा और भी अतिरिक्त अस्पताल की व्यवस्था की जा रही है. जिसके लिए प्रशासन ने मानगो के एनएच-33 पर स्थित निजी अस्पताल को भी कोविड-19 अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है. जिसको लेकर लेकर जिला उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने उस निजी अस्पताल का पिछले दिनों दौरा किया था और इस सबंध में अस्पताल के प्रबंधन को उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने दिशा-निर्देश भी दिए थे.

जमशेदपुरः कोरोना को लेकर जिला प्रशासन का मानगो के एनएच-33 स्थित निजी अस्पताल को कोरोना अस्पताल बनाने की कवायद शुरु की है. जिसका स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर स्थानीय लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर निजी अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल ना बनाने की मांग की. लोगों की दलील है कि अस्पताल के पास का इलाका काफी रिहायशी है. अगर यहां कोविड-19 का अस्पताल खोला जाता है तो इसका असर यहां आस-पास के मोहल्ले पर इसका असर पड़ेगा. इसलिए जिले के उपायुक्त इस मामले को गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए वहां के निजी अस्पताल को कोविड-19 का अस्पताल ना बनाएं. लोगों के विरोध को प्रशासन की ओर से अभी तक किसी तरह का कोई जवाब नहीं आया है.

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बता दें कि जमशेदपुर में कोरोना सक्र॔मितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. वहीं कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए जमशेदपुर में टाटा मुख्य अस्पताल एमजीएम अस्पताल और टाटा मोटर्स अस्पताल में कोविड अस्पताल बनाया गया है, लेकिन बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा और भी अतिरिक्त अस्पताल की व्यवस्था की जा रही है. जिसके लिए प्रशासन ने मानगो के एनएच-33 पर स्थित निजी अस्पताल को भी कोविड-19 अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है. जिसको लेकर लेकर जिला उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने उस निजी अस्पताल का पिछले दिनों दौरा किया था और इस सबंध में अस्पताल के प्रबंधन को उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने दिशा-निर्देश भी दिए थे.

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