जमशेदपुरः कोरोना संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत होने पर शहर के अस्पताल में डॉक्टर पर कई तरह के इल्जाम लगाए जा रहे थे. इस मामले का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जमशेदपुर की टीम ने विरोध किया है. आईएमए सदस्य ने कहा है कि डॉक्टर्स के खिलाफ कई तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही है. साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन से ऐसे लोगों पर कार्रवाई की मांग की है.
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कोरोना संक्रमण से तीन चिकित्सकों की मृत्यु
आईएमए जमशेदपुर के चिकित्सकों ने कहा की समाज के कुछ लोगों की ओर से अलग-अलग माध्यमों से यह बात फैलाई जा रही है कि डॉक्टर जानबुझकर लोगों को कोरोना संक्रमित करने में जुटे हैं और उनके शरीर का अंग भी निकाल लिया जा रहा है, जो सरासर गलत है. डॉक्टर्स ने कहा कि कोरोना संक्रमितों का इलाज करने वाले डॉक्टर खुद संक्रमित हो चुके हैं और शहर के तीन चिकित्सकों की मृत्यु भी कोरोना संक्रमण से हो चुकी है.
भ्रांतियां फैलाने वालों पर कार्रवाई की मांग
आईएमए के सदस्यों ने बताया है कि यह अफवाह फैलाई जा रही है कि एक संक्रमित के पीछे अस्पताल को डेढ़ लाख रुपया सरकार की तरफ से दिया जा रहा है, जबकि टाटा मुख्य अस्पताल जहां सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमितों का इलाज हो रहा है, वहां का पूरा खर्च खुद टाटा स्टील और टाटा ट्रस्ट वहन कर रही है. डॉ सौरव चौधरी ने कहा कि ऐसी भ्रांतियों से लोगों को बचने की जरुरत है, इस भ्रांति से लोग सावधानी बरतना छोड़ दे रहे हैं और संक्रमण ज्यादा बढ़ रहा है. उन्होंने उपायुक्त से भ्रांतियां फैलाने वाले लोगों पर कार्रवाई की मांग की है.