जमशेदपुरः लौह नगरी जमशेदपुर नशे के काले कारोबारियों के चंगुल में फंस गई है. बच्चे से युवा और बुजुर्ग तक कारोबारियों के जाल में फंसे नजर आ रहे हैं और साल दर साल इनमें इजाफा ही हो रहा है. जिसे रोकना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है. पुलिस पिछले दो साल में नशा कारोबार से जुड़े 90 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है पर नशा कारोबारियों के नेक्सस को तोड़ने में नाकाम रही है. हाल यह है कि अवैध नशा कारोबार को लेकर मामलों में भी बढ़ोतरी हो गई है. वर्ष 2020 में पूर्वी सिंहभूम में नशा के अवैध कारोबार को लेकर 23 मामले दर्ज किए गए थे तो इस साल वर्ष 2021 के छह माह में ही यह आंकड़ा बढ़कर 26 हो गया है. हालांकि रिपोर्ट दर्ज होने के बढ़ते आंकड़ों को पुलिस अपनी मुस्तैदी से जोड़ कर देख रही है.
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आपको बता दें कि पिछले वर्ष 2020 से अब तक जमशेदपुर के अलग अलग थाना क्षेत्र में भारी मात्रा में ड्रग्स पकड़ा गया है. इसके साथ ड्रग्स पैडलर भी गिरफ्तार किए गए हैं. ड्रग्स के इस कारोबार के प्रसार का यह हाल है कि एक महिला को भी इस कारोबार में संलिप्त पाया गया है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है. जमशेदपुर के सिटी एसपी सुभाषचंद्र जाट बताते हैं 2020 में अवैध नशा कारोबार को लेकर 23 मामला दर्ज किए गए थे और 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जबकि 2021 के जून महीने तक 26 मामले दर्ज कर लिए गए हैं. इस साल इसी छह माह में 45 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह सब नशा के खिलाफ पुलिस के अभियान के कारण संभव हुआ है. उनका कहना है कि इसके लिए टास्क फोर्स गठित किया गया है. टास्क फोर्स बनने से पुलिस को बल मिला है.
जमशेदपुर में नशे का जाल | ||
वर्ष | मामले | गिरफ्तारी |
2020 | 23 | 45 |
2021 | 26 | 45 |
यहां फल-फूल रहा कारोबार
- जमशेदपुर में कपाली, आदित्यपुर, मानगो, आजादनगर में फल-फूल रहा अवैध कारोबार
- लौह नगरी के सीतारामडेरा, बारीडीह, सिदगोड़ा, जुगसलाई आदि क्षेत्रों में ब्राउन शुगर, गांजा, डेंड्राइट आदि मादक पदार्थों की बिक्री के मामले सामने आ रहे
- बागबेड़ा, घतकीडीह, गोलमुरी में भी मादक पदार्थों की खरीद-बिक्री के मामले आते रहते हैं सामने
युवाओं पर परिजन रखें नजरः सिटी एसपी
जमशेदपुर के सिटी एसपी सुभाषचंद्र जाट बताते हैं कि हाल ही में प. बंगाल से ब्राउन शुगर लाने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है. उससे पुलिस ने भारी मात्रा में ब्राउन शुगर को जब्त किया है. पुलिस ने शहर के लोगों को नशे से बचाने और नशा कारोबारियों के नेक्सस को तोड़ने के लिए समाज के लोगों को साथ आने की अपील की है. सिटी एसपी सुभाषचंद्र जाट ने लोगों से कहा कि यहां का यूथ नशे के चंगुल में फंस रहा है, जो समाज के लिए घातक है. सिटी एसपी ने कहा कि युवाओं पर उनके परिजनों को नजर रखने की जरूरत है, जिससे वे गलत संगत में न पड़ें.
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आदित्यपुर से लौह नगरी में काला कारोबार
पुलिस का कहना है कि जमशेदपुर में प्रशासन नशा के खिलाफ लगातार अभियान चला रहा है. लेकिन अब भी यह पुलिस के लिए चुनौती है. हाल के दिनों में यह खुलासा हुआ है कि शहर से सटे सरायकेला जिले के आदित्यपुर से शहर में ड्रग्स कारोबार चल रहा है. इस मामले में दोनों जिलों की पुलिस ने मिलकर कई ड्रग्स पैडलर को ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया है, लेकिन अब भी काफी काम की जरूरत है. इधर जमशेदपुर को नशा मुक्त बनाने के लिए कोल्हान डीआईजी के निर्देश पर स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो सरायकेला और जमशेदपुर में कार्रवाई कर रही है. इसमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.
नशे से मानसिक रोगी बनने पर दिखने वाले लक्षण
- शारीरिक या मानसिक नुकसान के बाद भी नशे को प्राथमिकता देना
- नशीले पदार्थों के लिए चोरी जैसे असामाजिक काम करना
- नशे को छोड़ने में विफल रहना
- दवाओं का निश्चित समय की तुलना में अधिक लंबी अवधि तक सेवन करना
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कदमा से ड्रग पैडलर के घर से मिला हथियार
सिटी एसपी ने बताया कि हाल ही में पुलिस ने कदमा से एक ड्रग पैडलर के घर से अवैध हथियार भी बरामद किया है. वहीं 2021 में ही पुलिस ने एक मामले में 400 ग्राम ब्राउन शुगर बरामद किया है. यह ब्राउन शुगर प. बंगाल से लाया जा रहा था. इसके अलावा पुलिस ने बीते दो साल में 63 किलोग्राम 500 ग्राम गांजा और भारी मात्रा में ब्राउन शुगर बरामद किया है. वहीं 2020 में छह किलो ब्राउन शुगर बरामद की गई थी.
पुलिस कराएगी काउंसिलिंग
पुलिस का कहना है कि घर वाले बच्चों पर नजर रखें और बच्चे नशे की किसी गतिविधि में लिप्त हैं तो पुलिस से संपर्क कर सकते हैं. पुलिस उनकी मनोचिकित्सक से उसकी काउंसिलिंग कराएगी और नशा छुड़ाने में मदद करेगी. साथ ही इस तरह के अन्य कार्यक्रमों में मदद करेंगे.
एक साल पहले के ही आंकड़े डराने वाले
चाइल्ड लेबर रिलीफ सर्विस संस्थान के एक साल पहले किए गए एक सर्वे में ही पूर्वी सिंहभूम में तीस हजार से अधिक बच्चे नशे की गिरफ्त में पाए गए थे. जिसमें पहले और दूसरे स्थान पर क्रमशः मानगो और आजाद नगर थाना क्षेत्र थे. यहां क्रमशः 4000 और 2000 बच्चे नशे की गिरफ्त में पाए गए थे. जबकि 2011 की जनगणना के मुताबिक पूरे सिंहभूम जिले की आबादी महज 22,93,919है. वहीं एक आंकड़े के मुताबिक देश की 29 फीसदी आबादी किसी न किसी नशे के गिरफ्त में बताई जाती है.
नशे का दुष्प्रभाव
- नशीले पदार्थों की लत से मनुष्य कार्य क्षमता होती है प्रभावित
- मनुष्य की सामान्य मानसिक एवं शारीरिक क्रियाओं में आ जाता है बदलाव
- एचआईवी, हेपेटाइटिस, तपेदिक जैसे गंभीर रोगों का कारण भी बनता है नशा
- आर्थिक हानि और असामाजिक तत्वों की संगत में फंसने का खतरा
- ब्राउन शुगर का दिमाग पर पड़ता है सबसे अधिक असर
- ब्राउन शुगर का नशा करने वाले समझने लगते हैं खुद को अधिक मजबूत
- शरीर में कंपन और लाल रंग के दाग पड़ने लगते हैं
- ब्राउन शुगर नशा करने वाले युवक को होती है बेचैनी और असहजता
कैसे पाएं छुटकारा
- मरीज खुद आदत पर कंट्रोल कर नशा छोड़ने की कोशिश करे
- तलब कम करने या नशे के चलते गिरफ्त में आई बीमारियों के इलाज के लिए डॉक्टर और काउंसलर की मदद लें
- लत छोड़ पाने में दिक्कत होने पर दवाओं के जरिए तलब को कम करे
- प्रतिष्ठित नशा मुक्ति केंद्रों से कर सकते हैं संपर्क