जमशेदपुर: देश में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सरकार की ओर से वैक्सीन दी जा रही है. सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन मिली, उसके बाद 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन देने की शुरुआत की गई. अब हाल ही में 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने की घोषणा की गई है. इसपर झारखंड स्वास्थ्य मंत्री ने चिंता जताते हुए कहा है कि अभी भी 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को पूरी तरह से वैक्सीन नहीं लगी है.
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वैक्सीन सेंटर्स में अभी भी भीड़ देखी जा रही है, जबकि कई जगह वैक्सीन की कमी होने से सेंटर बंद पड़े हैं. सरकार की ओर से 1 मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन देने की घोषणा से कोविड सेंटर्स में अत्यधिक भीड़ लगने की संभावना जताई जा रही है. इस मुद्दे पर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री से जब पूछा गया कि इससे कैसे निपटेंगे तो उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि मैं कुछ कहूंगा तो राजनीतिक बयान समझा जाएगा. साफ तौर पर अभी कोरोना की चेन ब्रेक करने की जरूरत है. आयात निर्यात की पॉलिसी देश के आंतरिक संसाधन को देखकर भारत सरकार को तय करना है. उन्होंने कहा कि भारत विश्वगुरु था है और रहेगा.
केंद्र पर साधा निशाना
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे संसाधनों को दूसरे देशों में भी पहुंचाया जा रहा है. बताते चलें कि उन्होंने पाकिस्तान और बांग्लादेश का नाम लेते हुए कहा कि दोनों देशों को 45 लाख और 15 लाख रुपए की वैक्सीन का डोज मुफ्त में निर्यात किया गया है, जबकि हमें रेमडेसिविर इंजेक्शन आयात करने की जरूरत है. स्वास्थ्य मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बिना आंकलन किए वैक्सीन दूसरे देशों को बांटी जा रही है. जब हमारे लोगों को जरूरत पड़ रही है, तो हम कंगालों की तरह खड़े हैं.