घाटशिला,पूर्वी सिंहभूम: कोरोना की दूसरी लहर में मिले सबक के बाद झारखंड सरकार संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारी के स्तर पर कोई कमी नहीं रखना चाहती है. संक्रमण के इस फेज में बच्चों के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है. वैसे में तैयारी भी उसी स्तर की जा रही है. सभी जिलों के अस्पताल में कोविड वार्ड बच्चों के मुताबिक बनाया जा रहा है.
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अस्पताल में घर जैसी सुख सुविधा
कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए अस्पतालों में बच्चों के मुताबिक ही कोविड वार्ड बनाए गए हैं. घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में भी कुछ ऐसी ही व्यवस्था की गई है. दीवारों पर एबीसी राइम, कार्टून कैरेक्टर, बच्चों को खेलने के लिए पांडा राइड, टॉडलर हॉर्स, अस्पताल के गलियारों में नदी, मछली, बंदर की पेंटिंग बनाए गए हैं. मनोरंजन के लिए टीवी की व्यवस्था की गई है. साथ ही बेडसीट का चयन भी बच्चों को ध्यान में रखकर किया गया है ताकि बच्चे जब अस्पताल में भर्ती हो तो उन्हें घर जैसा अहसास हो और उनकी किलकारिंयां गूंजती रहे.
बच्चों की सेवा में तैनात रहेंगी अनुभवी नर्स
इलाज के दौरान बच्चे और उसके परिजनों को कोई दिक्कत नहीं हो इसका भी ख्याल रखा जा रहा है. अस्पताल में अनुभवी नर्सों को रखा गया है. जिन्हें बच्चों की देखभाल के लिए ट्रेनिंग दी गई है. साथ में एक क्षेत्रीय अनुवादक को रखा गया है ताकि ग्रामीण क्षेत्र से आए लोगों की भाषा समझने में आसानी हो सके. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के मुताबिक घाटशिला अनुमंडल के 2 डॉक्टर और 6 नर्सों को विशेष तौर पर संभावित तीसरी लहर के लिए विशेष ट्रेनिंग दी गई है, जो किसी भी स्थिति में बच्चों को संभाल सकते हैं.
आधुनिक सुविधाओं से लैस है अस्पताल
घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में इलाज के दौरान ऑक्सीजन की कमी नहीं हो इसके लिए पीएम केयर्स फंड से PSA प्लांट लगाया गया है. जिसकी क्षमता 250 लीटर प्रति मिनट की है. यानी इस पीएसए प्लांट से प्रति घंटा 15 हजार लीटर मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई की जा सकती है. पीएसए प्लांट से उत्पादित होने वाले मेडिकल ऑक्सीजन को पाइप लाइन के माध्यम से अस्पताल के 50 बेड से जोड़ा गया है. इसके अलावे इमरजेंसी के लिए 5 जम्बो ऑक्सीजन सिलिंडर भी रखे गए हैं. हालांकि जम्बो सिलेंडर का उपयोग जरूरत के मुताबिक ही किया जाएगा. सिविल सर्जन के अनुसार अनुमंडल अस्पताल में भारत सरकार की डीआरडीओ ने इस पीएसए प्लांट की स्थापना कराई है. जबकि प्लांट के लिए स्ट्रक्चर का निर्माण एनएचएआई ने किया है. जबकि इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट ने पैनल बोर्ड उपलब्ध कराया है.