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जमशेदपुरः गांधी जयंती पर वीमेंस कालेज में गांधी समग्र का विमोचन

जमशेदपुर में महात्मा गांधी की जयंती मनाई गई. इस अवसर पर वीमेंस कालेज में शोध पत्रिका गांधी समग्र का ऑनलाइन विमोचन राज्यपाल दोपद्री मुर्मू ने किया. इसमें गांधीजी के जीवन से जुड़े अनेक ऐतिहासिक तथ्यों का समावेश किया गया है.

गांधी जयंती
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Published : Oct 2, 2020, 5:55 PM IST

जमशेदपुरः शहर के वीमेंस कालेज ने गांधी जयंती पर शोध पत्रिका गांधी समग्र का ऑनलाइन विमोचन राज्यपाल दोपद्री मुर्मू के हाथों किया गया. कार्यक्रम का उदघाटन के पश्चात शिक्षक और छात्रों के साथ-साथ संपादक मंडल को शुभकामनाएं दी गईं.

उन्होंने कहा है कि महात्मा गांधी समस्त मानव जाति के लिए कथनी और करनी में एकता के आदर्श व्यक्तित्व हैं उनकी खादी भी एक विचार है, उनकी लाठी भी एक विचार है.

वस्त्र और विचार महात्मा गांधी के लिए शरीर और आत्मा की तरह है. शरीर की शोभा आत्मा की पवित्रता पर ही निर्भर करती है. गांधीजी पवित्रता की प्रतिमूर्ति हैं. सादा जीवन और उच्च जीवन मूल्य के प्रतीक पुरुष हैं.

महात्मा गांधी जैसा वे सोचते थे वैसा ही वे कहते थे जैसा वे सोचते थे और कहते थे वैसा ही करते थे. उनका मानना था की वाणी की अपेक्षा व्यवहार द्वारा दी गई शिक्षा ज्यादा प्रभावशाली होती है.

यह भी पढ़ेंः 163 साल पुराना है रांची का आड्रे हाउस, गांधीजी को था खास लगाव

इस दौरान उन्होंने कॉलेज के किए जा रहे हैं कार्यों की भी प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर वीमेंस कालेज की अलग ही पहचान है प्राचार्य डा. शुक्ला महंती द्वारा हमेशा नए नए प्रयोग किए जाते रहे है.जो छात्रों के हित के लिए होता है. उन्होंने कहा कि गांघी जयंती के दिन गांघी समग्र जैसी पुस्तिका निकालना निश्चय ही काबिले तारीफ है.

जमशेदपुरः शहर के वीमेंस कालेज ने गांधी जयंती पर शोध पत्रिका गांधी समग्र का ऑनलाइन विमोचन राज्यपाल दोपद्री मुर्मू के हाथों किया गया. कार्यक्रम का उदघाटन के पश्चात शिक्षक और छात्रों के साथ-साथ संपादक मंडल को शुभकामनाएं दी गईं.

उन्होंने कहा है कि महात्मा गांधी समस्त मानव जाति के लिए कथनी और करनी में एकता के आदर्श व्यक्तित्व हैं उनकी खादी भी एक विचार है, उनकी लाठी भी एक विचार है.

वस्त्र और विचार महात्मा गांधी के लिए शरीर और आत्मा की तरह है. शरीर की शोभा आत्मा की पवित्रता पर ही निर्भर करती है. गांधीजी पवित्रता की प्रतिमूर्ति हैं. सादा जीवन और उच्च जीवन मूल्य के प्रतीक पुरुष हैं.

महात्मा गांधी जैसा वे सोचते थे वैसा ही वे कहते थे जैसा वे सोचते थे और कहते थे वैसा ही करते थे. उनका मानना था की वाणी की अपेक्षा व्यवहार द्वारा दी गई शिक्षा ज्यादा प्रभावशाली होती है.

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इस दौरान उन्होंने कॉलेज के किए जा रहे हैं कार्यों की भी प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर वीमेंस कालेज की अलग ही पहचान है प्राचार्य डा. शुक्ला महंती द्वारा हमेशा नए नए प्रयोग किए जाते रहे है.जो छात्रों के हित के लिए होता है. उन्होंने कहा कि गांघी जयंती के दिन गांघी समग्र जैसी पुस्तिका निकालना निश्चय ही काबिले तारीफ है.

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