जमशेदपुरः शहर की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (XLRI) ने फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (FPM) के विद्यार्थियों को नए साल का तोहफा दिया है. एक्सएलआरआइ से फुल टाइम रेसिडेंशियल डॉक्टोरल प्रोग्राम करने वाले विद्यार्थियों को अब पढ़ाई करने के साथ ही प्रतिमाह 50,000 रुपए की राशि फेलोशिप के रूप में दी (Doctoral Program From XLRI Has More Advantages) जाएगी. संस्थान प्रबंधन ने फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (FPM) में फुल टाइम डॉक्टोरल रेसिडेंशियल का कोर्स करने वाले विद्यार्थियों के फेलोशिप की राशि दोगुनी कर दी है. पूर्व में जहां पहले साल विद्यार्थियों को प्रतिमाह 20 हजार रुपए दिए जाते थे, अब उसे बढ़ा कर प्रतिमाह 45 हजार रुपए कर दी गई है. वहीं, पहले दूसरे साल में सभी छात्रों को प्रतिमाह 25 हजार रुपए दिए जाते थे, जिसे बढ़ा कर 50,000 रुपए कर दी गई है. विद्यार्थियों को ट्यूशन छूट के अलावा, रहने और अन्य खर्चों को पूरा करने में मदद के लिए संस्थान प्रबंधन द्वारा यह वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, ताकि देश को आने वाले दिनों में बेहतर मानव संपदा मिल सके.
ये भी पढे़ं-XLRI में 66वां दीक्षांत समारोह संपन्न, 497 विद्यार्थियों को मिला मेडल और सर्टिफिकेट
आईआईटी-आईआईएम से भी अधिक दी जाएगी फेलोशिप की राशिः एक्सएलआरआइ जमशेदपुर की ओर से आधिकारिक बयान के जरिए बताया गया कि यह वृद्धि एफपीएम विद्वानों को अपने डॉक्टरेट अनुसंधान अध्ययन पर अधिक ध्यान केंद्रित करने, अपनी वित्तीय आवश्यकताओं के बारे में कम चिंता करने और प्रबंधन अनुसंधान आउटपुट की बेहतर गुणवत्ता प्रदान करने के लिए सशक्त बनाएगी. बताया गया है कि एक्सएलआरआई की बढ़ी हुई वित्तीय सहायता अब आईआईएम और आईआईटी द्वारा अपने पूर्णकालिक डॉक्टरेट छात्रों को प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता से अधिक (XLRI Has More Scholarships Than IIM And IIT) है. एफपीएम स्कॉलर के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाने के पीछे के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए बताया गया कि एक्सएलआरआई प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में देश की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले मैनेजमेंट स्कॉलरों को प्रशिक्षित करने और बेहतर मानव संपदा तैयार करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए उक्त कदम उठा रही है.
फेलोशिप के अलावा भी मिलेंगी अन्य वित्तीय सहायताः एक्सएलआरआई प्रबंधन की ओर से बताया गया कि एक एफपीएम स्कॉलर को फेलोशिप के अलावा भी आकस्मिक अनुदान मिलेगा. उन्हें चार साल के लिए प्रति वर्ष 30 हजार रुपए का कंटीजेंसी ग्रांट भी मिलेगा. इसके अलावा चार साल तक सफलता पूर्वक सीक्यूई के समापन के बाद और एफपीएम चेयर की पूर्व स्वीकृति के साथ विभिन्न कॉन्फ्रेंसों में हिस्सा लेने के लिए 2.5 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता भी संस्थान प्रबंधन की ओर से दी जाएगी. वहीं तीसरे और चौथे साल के कोर्स के दौरान विद्यार्थी डेटा संग्रह के लिए प्रति वर्ष 50,000 रुपए की राशि का लाभ उठा सकते हैं. चार वर्षों के कोर्स के दौरान एफपीएम विद्वानों को एक्सएलआरआई जमशेदपुर परिसर में छात्रावास आवास शुल्क की पूर्ण छूट दी जाएगी.
क्या है कोर्स, कौन हैं एल्यूमनीः फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट स्कॉलर स्टूडेंट को प्रबंधन में कुशल और अभिनव शोधकर्ता के साथ ही शिक्षक बनने के लिए प्रशिक्षित करता है. एफपीएम को पीएचडी के समकक्ष मान्यता प्राप्त है. यह एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) द्वारा भारतीय विश्वविद्यालय के लिए अप्रूव्ड कोर्स है. एक्सएलआरआई के डॉक्टरेट पूर्व छात्र आज भारत और विदेशों में प्रतिष्ठित बिजनेस स्कॉलर्स में फैकल्टी सदस्यों के रूप में काम कर रहे हैं. आइआइएम अहमदाबाद के मार्केटिंग के प्रोफेसर डॉ आनंद कुमार जायसवाल और यूके के एसेक्स बिजनेस स्कूल के फैकल्टी डॉ अभिषेक कुंवर भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में मार्केटिंग के प्रोफेसर हैं, जबकि डॉ अभिषेक कुंवर भी इसी प्रोग्राम के सदस्य रह चुके हैं.