जमशेदपुर: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एक बार फिर हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि हेमंत सरकार ने एक बार फिर से सहायक अध्यापकों के साथ छल किया है और उन्हें ठगने का काम किया है. चुनाव से पहले हेमंत सोरेन ने पारा शिक्षकों के कई सब्जबाग दिखाए, लेकिन सत्ता में आते ही टाल-मटोल करने लगे हैं. रघुवर दास ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह बयान दिया है.
हेमंत सोरेन ने नहीं निभाया पारा शिक्षकों से किया गया वादाः पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सोरेन ने वादा किया था कि झारखंड में 20 वर्षों से कार्यरत पारा शिक्षकों को सरकार द्वारा तय वेतनमान को बढ़ाकर दिया जाएगा. साथ ही सरकार बनने के तीन माह के अंदर नया वेतनमान लागू कर दिया जाएगा. आज तक सहायक अध्यापक इसका इंतजार कर रहे हैं. रघुवर दास ने कहा कि हमारी सरकार के समय बनाई गई नियमावली में सहायक अध्यापक को बिना परीक्षा दिए सीधे रूप से 5200-20200 रुपए का वेतनमान देने की तैयारी हो गई थी. परीक्षा पास करने के बाद सहायक अध्यापकों को 9300-34800 वाला वेतनमान मिलना था.
हेमंत सरकार पर लगाया तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोपः वहीं हेमंत सोरेन ने 5200-20200 के वेतनमान के लिए सहायक अध्यापकों के लिए सात घंटे की परीक्षा देना अनिवार्य कर दिया है. यह उनके साथ सरासर धोखा है. उन्हें बिना परीक्षा यह वेतनमान मिलना चाहिए. वर्तमान में हेमंत सरकार ने अल्पसंख्यक विद्यालयों में बिना टेट पास किए और परीक्षा दिए सीधी नियुक्ति कर दी है, तो सहायक अध्यापक जो 20 वर्षों से कार्यरत हैं उन्हें वेतनमान देने में आनाकानी क्यों कर रही है. यह तुष्टिकरण नहीं तो क्या है. आज राज्य के सहायक अध्यापक हेमंत सरकार पर विश्वास कर के खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के सहायक अध्यापक धैर्य रखें. राज्य में फिर से भाजपा की सरकार बनते ही इस नियम को लागू किया जाएगा.