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पानी के लिए नहीं भटकेगा आदिम जनजाति, घर-घर पानी पहुंचाने की जल्द ही होगी व्यवस्था - पूर्वी सिंहभूम के आदिम जनजाति

पूर्वी सिंहभूम के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आदिम जनजाति के लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ता था. इसके लिए जिला प्रशासन की पहल ने लोगों के लिए वरदान बनकर आई है. कल्याण विभाग ने पानी की व्यवस्था करने के लिए 1 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है.

पानी ले जाति महिला
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Published : Sep 26, 2019, 7:27 PM IST

जमशेदपुर: सालों से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले आदिम जनजाति के लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ता था. जिला प्रसाशन की नई योजना से अब ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के चिंता करने की जरूरत नहीं है. जिला कल्याण विभाग और परियोजना निदेशालय की ओर से अब उनके घर तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.

देखें पूरी खबर

यह भी पढ़ें- सीएम रघुवर दास का आज का कार्यक्रम, कोल्हान में छह दिवसीय जन आशीर्वाद यात्रा

1 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि स्वीकृत

पानी पहुंचाने के परियोजना के तहत दस ऐसे गावों को चिन्हित किया जा रहा है, जहां आदिम जनजाति के लोगों की संख्या ज्यादा है. इसके लिए कल्याण विभाग द्वारा 1 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है.

कैसे मिलेगा पानी

घर-घर पानी पहुंचाने की परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए सोलर बेस्ड वाटर सिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा. जिन गांवों में बिजली नहीं है वहां सोलर बेस्ड वाटर पैनल द्वारा मोटर को बिजली दी जाएगी इसके लिए दस पंचायत में नौ हजार लीटर की क्षमता वाली एक जल मीनार बनाई जाएगी. चार हजार आदिम जनजाति के लोगों को इससे लाभ मिलेगा.

जमशेदपुर: सालों से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले आदिम जनजाति के लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ता था. जिला प्रसाशन की नई योजना से अब ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के चिंता करने की जरूरत नहीं है. जिला कल्याण विभाग और परियोजना निदेशालय की ओर से अब उनके घर तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.

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1 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि स्वीकृत

पानी पहुंचाने के परियोजना के तहत दस ऐसे गावों को चिन्हित किया जा रहा है, जहां आदिम जनजाति के लोगों की संख्या ज्यादा है. इसके लिए कल्याण विभाग द्वारा 1 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है.

कैसे मिलेगा पानी

घर-घर पानी पहुंचाने की परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए सोलर बेस्ड वाटर सिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा. जिन गांवों में बिजली नहीं है वहां सोलर बेस्ड वाटर पैनल द्वारा मोटर को बिजली दी जाएगी इसके लिए दस पंचायत में नौ हजार लीटर की क्षमता वाली एक जल मीनार बनाई जाएगी. चार हजार आदिम जनजाति के लोगों को इससे लाभ मिलेगा.

Intro:एंकर--सालों से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले आदिवासियों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा था.जिला प्रसाशन की नई योजना से अब ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले सबर एवं आदिवाईयों को पानी के चिंता करने की जरूरत नहीं है.जिला कल्याण विभाग और परियोजना निदेशालय की ओर से अब उनके घर तक पानी पहुँचाने की व्यवस्था की जा रही है।


Body:वीओ1--दस ऐसे गावों को चिन्हित किया जा रहा है.जहाँ आदिम जनजाति के लोगों की संख्या ज्यादा है.इसके लिए कल्याण विभाग में द्वारा 1 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है.
कैसे मिलेगा पानी-- घर-घर पानी पहुंचाने की परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए विभाग के द्वारा सोलर बेस्ट वाटर सिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा जिन गांवों में बिजली नहीं है वहां सोलर बेस्ड वाटर पैनल द्वारा मोटर को बिजली दी जाएगी इसके लिए दस पंचायत में नौ हजार लीटर की क्षमता वाली एक जल मीनार बनाई जाएगी।
चार हज़ार आदिम जनजाति के लोगों को इससे लाभ मिलेगा--पूर्वी सिंहभूम के भिलाई पहाड़ी स्थित जगन्नाथपुर सबर बस्ती सबर नगर पटमदा के गोबर दोषी स्थित लड़ाई डंगरी टोला बुड़ाम किला एवं पंचायत स्थित जुगाड़ टोला मुसाबनी के जो बल्ला टोला डुमरिया के रायसन बेरा टोला में बसे चार हज़ार परिवार वालों को इससे साफ पीने योग्य पानी मिलेगा.पानी के लिए तरसने वाले इन परिवार वालों को जल्द ही इस योजना का लाभ मिलेगा।
बाइट-- बी०महेष्वरी०(डीडीसी पूर्वी सिंहभूम)


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