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Diwali 2023: जमशेदपुर में दिवाली ट्रेड फेयर, लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा - जमशेदपुर में दीपावली मेला

जमशेदपुर में दिवाली ट्रेड फेयर चल रहा है. सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा इसका आयोजन किया गया है. इसमें स्थानीय शिल्पकारों द्वारा निर्मित सामान को बढ़ावा दिया जा रहा है. Diwali trade fair organized in Jamshedpur.

Diwali trade fair organized in Jamshedpur by Singhbhum Chamber of Commerce and Industry
जमशेदपुर में दिवाली ट्रेड फेयर का आयोजन
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 7, 2023, 8:49 AM IST

Updated : Nov 7, 2023, 10:03 AM IST

जमशेदपुर में दिवाली ट्रेड फेयर का आयोजन

जमशेदपुरः लौहनगरी में लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देने के लिए सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा दिवाली ट्रेड फेयर का आयोजन किया गया है. चैंबर के अध्यक्ष ने बताया कि इस तरह के आयोजन के जरिये स्थानीय शिल्पकारों को एक बेहतर बाजार देने की कोशिश की गई है.

इसे भी पढ़ें- Diwali 2023: दिव्यांग छात्रों का खास दीया, रंगीन आवरण देकर बिखेर रहे रोशनी!

जमशेदपुर में बिष्टपुर के चैंबर भवन में एक अनोखा ट्रेड फेयर लगाया गया है. चैंबर द्वारा आयोजित दिवाली ट्रेड फेयर में स्थानीय शिल्पकारों द्वारा निर्मित सामान को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है. इस ट्रेड फेयर में चाक पर बने मिट्टी के दीये कलश और आकर्षक रंग बिरंगे मिट्टी के खिलौने को सजाया गया है. वहीं महिलाओं द्वारा निर्मित आकर्षक परिधान और दिवाली में घर को सजाने का सामान भी उपलब्ध है.

दीपावली पर्व में घर की साफ सफाई के बाद सजाने का काम किया जाता है. बाजार में ऑन लाइन मार्केटिंग से बाजार पर असर पड़ा है. लोग चाइना निर्मित लाइट दिया और सजावट के सामान का इस्तेमाल करते हैं. जिसके कारण स्वदेशी सामान की बिक्री पर असर पड़ता है. जिसका असर कुम्हारों द्वारा बनाये गए मिट्टी के दिए और खिलौने के बाजार पर पड़ता है. सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विजय मुनका ने बताया कि यह आयोजन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के आह्वान को सार्थक करने की दिशा में एक प्रयास है. जिसके जरिये स्थानीय शिल्पकारों को पहचान मिलेगी उन्हें अच्छा बाजार भी मिलेगा.

एक छत के नीचे एक से बढ़कर एक आकर्षक चीजें दिवाली को रंगीन बनाने के लिए तैयार है, जो लोगों को खूब पसंद आ रहा है. वहीं पीढ़ी दर पीढ़ी मिट्टी का सामान बनाने वाले कुम्हार ने बताया कि अब पहले जैसा बाजार नहीं मिल रहा है. मिट्टी से बनी चीजों की खरीदारी कम होती जा रही है जबकि दिवाली मे मिट्टी के दीये और खिलौने का महत्व है. शिल्पकारों ने बताया कि चैंबर द्वारा आयोजित दिवाली मेला से उन्हें काफी उम्मीदें हैं.

वहीं समय के साथ साथ महिलाओं ने भी उद्योग के क्षेत्र में अपने को स्थापित करने का प्रयास करना शुरु कर दिया है, घरेलू महिलायें स्वावलंबन बन रही है. महिला उधमी सुमन नागेलिया का कहना है कि ऐसे माहौल से महिलाओं को खुद को स्थापित करने का मौका मिलता है. आज घरों की सजावट के लिए महिलाओं द्वारा काफी आकर्षक सामान बनाये जा रहे है. जिन्हें एक बाजार मिला है ऐसे में महिलाओं मे आत्मबल बढ़ेगा.

जमशेदपुर में दिवाली ट्रेड फेयर का आयोजन

जमशेदपुरः लौहनगरी में लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देने के लिए सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा दिवाली ट्रेड फेयर का आयोजन किया गया है. चैंबर के अध्यक्ष ने बताया कि इस तरह के आयोजन के जरिये स्थानीय शिल्पकारों को एक बेहतर बाजार देने की कोशिश की गई है.

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जमशेदपुर में बिष्टपुर के चैंबर भवन में एक अनोखा ट्रेड फेयर लगाया गया है. चैंबर द्वारा आयोजित दिवाली ट्रेड फेयर में स्थानीय शिल्पकारों द्वारा निर्मित सामान को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है. इस ट्रेड फेयर में चाक पर बने मिट्टी के दीये कलश और आकर्षक रंग बिरंगे मिट्टी के खिलौने को सजाया गया है. वहीं महिलाओं द्वारा निर्मित आकर्षक परिधान और दिवाली में घर को सजाने का सामान भी उपलब्ध है.

दीपावली पर्व में घर की साफ सफाई के बाद सजाने का काम किया जाता है. बाजार में ऑन लाइन मार्केटिंग से बाजार पर असर पड़ा है. लोग चाइना निर्मित लाइट दिया और सजावट के सामान का इस्तेमाल करते हैं. जिसके कारण स्वदेशी सामान की बिक्री पर असर पड़ता है. जिसका असर कुम्हारों द्वारा बनाये गए मिट्टी के दिए और खिलौने के बाजार पर पड़ता है. सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विजय मुनका ने बताया कि यह आयोजन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के आह्वान को सार्थक करने की दिशा में एक प्रयास है. जिसके जरिये स्थानीय शिल्पकारों को पहचान मिलेगी उन्हें अच्छा बाजार भी मिलेगा.

एक छत के नीचे एक से बढ़कर एक आकर्षक चीजें दिवाली को रंगीन बनाने के लिए तैयार है, जो लोगों को खूब पसंद आ रहा है. वहीं पीढ़ी दर पीढ़ी मिट्टी का सामान बनाने वाले कुम्हार ने बताया कि अब पहले जैसा बाजार नहीं मिल रहा है. मिट्टी से बनी चीजों की खरीदारी कम होती जा रही है जबकि दिवाली मे मिट्टी के दीये और खिलौने का महत्व है. शिल्पकारों ने बताया कि चैंबर द्वारा आयोजित दिवाली मेला से उन्हें काफी उम्मीदें हैं.

वहीं समय के साथ साथ महिलाओं ने भी उद्योग के क्षेत्र में अपने को स्थापित करने का प्रयास करना शुरु कर दिया है, घरेलू महिलायें स्वावलंबन बन रही है. महिला उधमी सुमन नागेलिया का कहना है कि ऐसे माहौल से महिलाओं को खुद को स्थापित करने का मौका मिलता है. आज घरों की सजावट के लिए महिलाओं द्वारा काफी आकर्षक सामान बनाये जा रहे है. जिन्हें एक बाजार मिला है ऐसे में महिलाओं मे आत्मबल बढ़ेगा.

Last Updated : Nov 7, 2023, 10:03 AM IST
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