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जमशदेपुर को नगर निगम बनाने की मांग, 32 साल से सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है केस - सुप्रीम कोर्ट

जमशेदपुर के लोगों को आजादी के 70 साल बाद भी तीसरा मताधिकार के इस्तेमाल की इजाजत नहीं है. इसको लेकर जमशेदपुर सोनारी के जवाहरलाल शर्मा नगर निगम बनाने की लड़ाई 32 साल से सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रहे हैं.

demand to make Jamshedpur a municipal corporation in jamshedpur
नगर निगम बनाने की कवायद
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Published : Feb 5, 2021, 12:53 PM IST

Updated : Feb 5, 2021, 1:35 PM IST

जमशेदपुरः झारखंड की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली जमशेदपुर के लोगों के पास तीसरा मत यानी (नगरपालिका के चुनाव में वोट) देने का अधिकार नहीं है. इसके लिए जमशेदपुर सोनारी के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा 32 साल से सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं. जवाहरलाल शर्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. इनके पिता टाटा स्टील की कंपनी (टिस्को में काम करते थे) जवाहलाल शर्मा ने सरायकेला-खरसावां जिला के इंडस्ट्रियल टाउन आदित्यपुर में एक कंपनी खोली थी. कंपनी में घाटा होने के कारण कंपनी को बेच दिया. इसके बाद आम लोगों के लिए सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं. सर्वोच्च न्ययालय में देश की सबसे बड़ी औद्योगिक कंपनी टाटा स्टील से जवाहरलाल शर्मा लड़ाई लड़ रहे हैं. 1988 से शुरू इस लड़ाई में 21 अगस्त 1989 को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने जमशेदपुर को नगर निगम बनाने की अधिसूचना जारी करने का आदेश राज्य सरकार को जारी किया था. लेकिन राज्य सरकार ने इस पर संज्ञान नहीं लिया. जिसके कारण जमशेदपुर में नगर निगम का निर्माण नहीं किया जा सका है. सर्वोच्च न्यायालय में यह लड़ाई देश के जाने माने वकील प्रशांत भूषण लड़ रहे हैं.

देखें पूरी खबर


काली माटी से टाटा स्टील कंपनी

देश की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी टाटा स्टील जिस जमीन पर बसी है. इसे कभी काली माटी के नाम से जाना जाता था. 1907 में सर दोराबजी टाटा ने यहां टाटा स्टील कंपनी की शुरुआत की. तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत ने टाटा स्टील को एक रुपए एकड़ 15 हजार एकड़ जमीन लीज पर दी थी. शहर का पूरा इलाका जमशेदपुर लीज का पूरा हिस्सा है. शहर की साफ-सफाई, बिजली, पानी, सड़कें, सरकारी आवास, कई सरकारी कार्यालयों का रख-रखाव टाटा स्टील की सहायक कंपनी जुस्को (जमशेदपुर यूटिलिटी सर्विस कंपनी) की देख-रेख में है. ऐसे में जमशेदपुर शहर का काम एक निजी कंपनी की ओर से किया जाता है.

इसे भी पढ़ें- जमशेदपुरः बंद घर में चोरों ने की सेंधमारी, लाखों के गहने उड़ाए


मिलना चाहिए तीसरा मत का अधिकार

सामाजिक कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा कहते हैं. संविधान के आर्टिकल-243 के मुताबिक जमशेदपुर के लोगों को तीसरा मताधिकार मिलना चाहिए. झारखंड सरकार की ओर से जमशेदपुर में नगर निगम बनाने की कवायद शुरू करनी चाहिए. जमशेदपुर में नगर निगम बनाए जाने पर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से सरकारी फंड दी जाएगी. यहां की बड़ी कंपनियों से राज्य सरकार राजस्व का लाभ ले सकती है. किसी भी मकान, दुकान के निर्माण होने पर होल्डिंग टैक्स का किराया राज्य सरकार को मिलेगा. जमशेदपुर में ओवरब्रिज का निर्माण भी किया जा सकेगा.


कानूनी पेंच

जवाहर लाल शर्मा बताते हैं कि टाटा स्टील ने पटना हाईकोर्ट, झारखंड हाई कोर्ट, सर्वोच्च न्यायालय में अपनी बात रखी. इसके बाद भी सर्वोच्च न्ययालय ने राज्य सरकार को अधिसूचना जारी कर कहा कि नगर निगम कब बनेगा. इस पर झारखंड सरकार ने बताया जमशेदपुर शहर को दो हिस्सों में बांटा जाएगा, जमशेदपुर पूर्वी और जमशेदपुर पश्चिमी इसके बाद इसे देखा जाएगा. फिलहाल इसमें और भी सुनवाई होनी बाकी है. सरयू राय भी नगर निगम बनाए जाने के पक्ष में है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जमशेदपुर में नगर निगम बनाए जाने को लेकर पक्ष रख है.

जमशेदपुरः झारखंड की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली जमशेदपुर के लोगों के पास तीसरा मत यानी (नगरपालिका के चुनाव में वोट) देने का अधिकार नहीं है. इसके लिए जमशेदपुर सोनारी के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा 32 साल से सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं. जवाहरलाल शर्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. इनके पिता टाटा स्टील की कंपनी (टिस्को में काम करते थे) जवाहलाल शर्मा ने सरायकेला-खरसावां जिला के इंडस्ट्रियल टाउन आदित्यपुर में एक कंपनी खोली थी. कंपनी में घाटा होने के कारण कंपनी को बेच दिया. इसके बाद आम लोगों के लिए सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं. सर्वोच्च न्ययालय में देश की सबसे बड़ी औद्योगिक कंपनी टाटा स्टील से जवाहरलाल शर्मा लड़ाई लड़ रहे हैं. 1988 से शुरू इस लड़ाई में 21 अगस्त 1989 को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने जमशेदपुर को नगर निगम बनाने की अधिसूचना जारी करने का आदेश राज्य सरकार को जारी किया था. लेकिन राज्य सरकार ने इस पर संज्ञान नहीं लिया. जिसके कारण जमशेदपुर में नगर निगम का निर्माण नहीं किया जा सका है. सर्वोच्च न्यायालय में यह लड़ाई देश के जाने माने वकील प्रशांत भूषण लड़ रहे हैं.

देखें पूरी खबर


काली माटी से टाटा स्टील कंपनी

देश की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी टाटा स्टील जिस जमीन पर बसी है. इसे कभी काली माटी के नाम से जाना जाता था. 1907 में सर दोराबजी टाटा ने यहां टाटा स्टील कंपनी की शुरुआत की. तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत ने टाटा स्टील को एक रुपए एकड़ 15 हजार एकड़ जमीन लीज पर दी थी. शहर का पूरा इलाका जमशेदपुर लीज का पूरा हिस्सा है. शहर की साफ-सफाई, बिजली, पानी, सड़कें, सरकारी आवास, कई सरकारी कार्यालयों का रख-रखाव टाटा स्टील की सहायक कंपनी जुस्को (जमशेदपुर यूटिलिटी सर्विस कंपनी) की देख-रेख में है. ऐसे में जमशेदपुर शहर का काम एक निजी कंपनी की ओर से किया जाता है.

इसे भी पढ़ें- जमशेदपुरः बंद घर में चोरों ने की सेंधमारी, लाखों के गहने उड़ाए


मिलना चाहिए तीसरा मत का अधिकार

सामाजिक कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा कहते हैं. संविधान के आर्टिकल-243 के मुताबिक जमशेदपुर के लोगों को तीसरा मताधिकार मिलना चाहिए. झारखंड सरकार की ओर से जमशेदपुर में नगर निगम बनाने की कवायद शुरू करनी चाहिए. जमशेदपुर में नगर निगम बनाए जाने पर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से सरकारी फंड दी जाएगी. यहां की बड़ी कंपनियों से राज्य सरकार राजस्व का लाभ ले सकती है. किसी भी मकान, दुकान के निर्माण होने पर होल्डिंग टैक्स का किराया राज्य सरकार को मिलेगा. जमशेदपुर में ओवरब्रिज का निर्माण भी किया जा सकेगा.


कानूनी पेंच

जवाहर लाल शर्मा बताते हैं कि टाटा स्टील ने पटना हाईकोर्ट, झारखंड हाई कोर्ट, सर्वोच्च न्यायालय में अपनी बात रखी. इसके बाद भी सर्वोच्च न्ययालय ने राज्य सरकार को अधिसूचना जारी कर कहा कि नगर निगम कब बनेगा. इस पर झारखंड सरकार ने बताया जमशेदपुर शहर को दो हिस्सों में बांटा जाएगा, जमशेदपुर पूर्वी और जमशेदपुर पश्चिमी इसके बाद इसे देखा जाएगा. फिलहाल इसमें और भी सुनवाई होनी बाकी है. सरयू राय भी नगर निगम बनाए जाने के पक्ष में है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जमशेदपुर में नगर निगम बनाए जाने को लेकर पक्ष रख है.

Last Updated : Feb 5, 2021, 1:35 PM IST
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