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जमशेदपुर में छात्रों के बीच विकास बना मुद्दा, सभी ने एक स्वर में कहा- पढ़ाई के हिसाब से मिले नौकरी - मतदाता जागरूकता

झारखंड विधानसभा चुनाव में जहां एक ओर राजनीतिक पार्टियों में टिकट को लेकर गहमागहमी चल रही है. वहीं, दूसरी ओर जनता के बीच विकास के मुद्दों पर चर्चाएं भी जोरों पर है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने जनता से उनकी राय जानना चाही.

छात्रों ने रखें अपने राय
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Published : Nov 24, 2019, 10:30 PM IST

जमशेदपुरः विधानसभा चुनाव की गहमा गहमी हर तरफ देखी जा सकती है. विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने छात्रों और कुछ खिलाड़ियों से जाना कि आखिर विधायक कैसा हो.

छात्रों की राय

पढ़ाई के मुताबिक हो नौकरी
कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि नेता भ्रष्टाचार, बेरोजगारी को दूर करने वाला होना चाहिए. विधायक शिक्षा और रोजगार पर ध्यान देने वाला होना चाहिए. छात्रों ने कहा कि रोजगार तो मिल जाते हैं लेकिन शिक्षा के हिसाब से उसका वेतनमान नहीं मिलता है. उन्होने कहा कि विधायक को अपने क्षेत्र की छोटी से छोटी समस्याओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए, इसके साथ ही विकास के लिए तत्पर होना चाहिए. वर्तमान समय में रोजगार सबसे बड़ी जरूरत है.

ये भी पढ़ें-नक्सली उत्पात शुरू होते ही गढ़वा में वाहन जांच अभियान तेज, चुनाव के मद्देनजर जिला पुलिस हुई सक्रिय

छात्रों का कहना है कि शिक्षा के लिए सरकार की तमाम योजनाएं निकलती तो हैं, लेकिन जमीन तक पहुंच नहीं पाती. सरकार नीतियां तो बनाती हैं लेकिन कॉलेज आते- आते तक खत्म हो जाती हैं.

जमशेदपुरः विधानसभा चुनाव की गहमा गहमी हर तरफ देखी जा सकती है. विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने छात्रों और कुछ खिलाड़ियों से जाना कि आखिर विधायक कैसा हो.

छात्रों की राय

पढ़ाई के मुताबिक हो नौकरी
कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि नेता भ्रष्टाचार, बेरोजगारी को दूर करने वाला होना चाहिए. विधायक शिक्षा और रोजगार पर ध्यान देने वाला होना चाहिए. छात्रों ने कहा कि रोजगार तो मिल जाते हैं लेकिन शिक्षा के हिसाब से उसका वेतनमान नहीं मिलता है. उन्होने कहा कि विधायक को अपने क्षेत्र की छोटी से छोटी समस्याओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए, इसके साथ ही विकास के लिए तत्पर होना चाहिए. वर्तमान समय में रोजगार सबसे बड़ी जरूरत है.

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छात्रों का कहना है कि शिक्षा के लिए सरकार की तमाम योजनाएं निकलती तो हैं, लेकिन जमीन तक पहुंच नहीं पाती. सरकार नीतियां तो बनाती हैं लेकिन कॉलेज आते- आते तक खत्म हो जाती हैं.

Intro:एंकर--विधानसभा चुनाव की गहमा गहमी हर तरफ देखी जा सकती है।लौहनगरी के चौक--चौराहों से लेकर नुक्कड़, दुकान, पार्क सभी सार्वजनिक स्थानों पर गाहे--बगाहे चुनावी मुद्दों पर चर्चा परिचर्चा सुनने को मिल जाएगा.विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने क्षात्रों,कुछ खिलाड़ियों से जाना आखिर विधायक कैसा हो।देखिए एक रिपोर्ट।


Body:वीओ1--कॉलेज में पढ़ने वाले क्षात्रों ने बताया भ्रष्टाचार,बेरोजगारी को दूर करने वाला हो। हमारे विधायक शिक्षा और रोजगार पर ध्यान देने वाला होना चाहिए। रोजगार तो मिल जाते हैं लेकिन शिक्षा के हिसाब से उनका वेतनमान नहीं मिलता है। जिस जगह के लोग विधायक बने वहां की छोटी से छोटी जगहों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। वहां की समस्याओं से अवगत होना चाहिए वहां के विकास के लिए तत्पर होना चाहिए। वर्तमान परिदृश्य में रोजगार सबसे बड़ी जरूरत है कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद डिग्री तो कंप्लीट हो जाती है। तमाम बड़ी डिग्री होने के बावजूद भी छोटी से छोटी नौकरियों के लिए पांव पसारना पड़ता है।रोजगार पढ़ाई के मुताबिक होना चाहिए।
बाइट--छात्र
बाइट--छात्र
वीओ2--शिक्षा के लिए सरकार की तमाम योजनाएं निकलती तो हैं. ज़मीनी हक़ीक़त तक पहुंच नहीं पाती है सरकार नीतियां तो बनाती हैं लेकिन कॉलेज आते-- आते तक खत्म हो जाती है।विधायक ऐसा होना चाहिए जो युवाओं के जोश को कायम रखे.
चुनावी घोषणा में तमाम बड़े वादे किए जाते हैं.और उन वादों को नेता जी भूल जाते हैं।
ऐसा विधायक हो जो तमाम योजनाओं के बारे में बात करें
बेहतर शिक्षित हो जो समस्याओं से अवगत होते हैं उसे जमीनी हकीकत पर ध्यान देना चाहिए।
बाइट--क्षात्र
बाइट--क्षात्र
वीओ3--आमतौर पर नेताजी वोट मांगने जनता की चौखट पर भी आते हैं.जितने के बाद किए गए वादों को भुला देते हैं.जनता अपनी कीमती वोट विकास के दावों के अनुरूप देती है.और नेता जी उन्हें भूल जाया करते हैं.विधायक सर्वगुण वाला होना चाहिए.
बाइट--क्षात्र
बाइट--क्षात्र


Conclusion:
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