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cyclone yaas effect: जमशेदपुर में चक्रवात तूफान के दो दिन बाद तटीय इलाकों में जिंदगी को पटरी पर लाने की तैयारी - झारखंड का ताजा न्यूज़ Live

जमशेदपुर में चक्रवाती तूफान यास(cyclone yaas effect) का प्रभाव नदी के तटीय इलाकों में भी देखने को मिला है. जिससे कई घरों डूबे गए हैं. डूबे हुए घरों का सामान नष्ट हो गया है. अब इन इलाकों में राहत पहुंचाने की तैयारी की जा रही है.

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Published : May 28, 2021, 4:34 PM IST

Updated : May 28, 2021, 5:21 PM IST

जमशेदपुर: शहर में नदी किनारे तटीय इलाकों में चक्रवात तूफान का असर(cyclone yaas effect) पड़ा है. भारी बारिश होने के कारण खरकई नदी का जलस्तर बढ़ने से कई घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. 26 और 27 मई की भारी बारिश के कारण बागबेड़ा खरकई नदी किनारे बसे बस्ती डूबने के बाद 28 मई को राहत मिली है. नदी का जलस्तर कम हो रहा है. बस्तियों से बाढ़ का पानी निकल चुका है. बस्ती वाले अपने घरों को लौट रहे हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- Cyclone Yaas effect: जमशेदपुर में खरकई नदी का बढ़ा जलस्तर, 300 परिवारों ने राहत शिविरों में ली शरण

स्वास्थ्य विभाग पहुंचा रहा राहत
बाढ़ के बाद महामारी ना फैले इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया है. बीमार लोगों के लिए मेडिकल कैंप लगाकर उनका इलाज किया जा रहा है और दवाएं दी जा रही हैं. आपदा की इस घड़ी में बाढ़ पीड़ित बस्ती वालों को राहत पहुंचाने के लिए यूसीआईएल की सीआईएसएफ की टीम ने भोजन की व्यवस्था की है. बस्ती में घूम-घूम कर लोगों को भोजन दिया गया है.

बाढ़ पीड़ितों ने क्या कहा
बागबेड़ा नया बस्ती में बाढ़ पीड़ित सुरेंद्र पंजारा बताते है कि घर का सारा सामान बर्बाद हो गया है. सुबह से साफ-सफाई में लगे है. इस बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है. वहीं, संजू देवी किराए के मकान में रहती है. बाढ़ की चपेट में उनका भी घर आ गया है. उनका कहना है कि घर का सामान नष्ट हो गया है. घर में अनाज भी नहीं है. 60 वर्षीय सरोज रजक भी बताते है कि एक तरफ कोरोना का डर और अब बाढ़ से तबाही सब कुछ बर्बाद हो गया है.

बहरहाल, बाढ़ पीड़ित फिर से अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने की तैयारी में जुट गए हैं लेकिन एक तरफ कोरोना का लॉकडाउन और फिर यास तूफान के कारण उनकी जिंदगी की रफ्तार धीमी पड़ गई है. जिसे संवरने में वक्त लगेगा.

जमशेदपुर: शहर में नदी किनारे तटीय इलाकों में चक्रवात तूफान का असर(cyclone yaas effect) पड़ा है. भारी बारिश होने के कारण खरकई नदी का जलस्तर बढ़ने से कई घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. 26 और 27 मई की भारी बारिश के कारण बागबेड़ा खरकई नदी किनारे बसे बस्ती डूबने के बाद 28 मई को राहत मिली है. नदी का जलस्तर कम हो रहा है. बस्तियों से बाढ़ का पानी निकल चुका है. बस्ती वाले अपने घरों को लौट रहे हैं.

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स्वास्थ्य विभाग पहुंचा रहा राहत
बाढ़ के बाद महामारी ना फैले इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया है. बीमार लोगों के लिए मेडिकल कैंप लगाकर उनका इलाज किया जा रहा है और दवाएं दी जा रही हैं. आपदा की इस घड़ी में बाढ़ पीड़ित बस्ती वालों को राहत पहुंचाने के लिए यूसीआईएल की सीआईएसएफ की टीम ने भोजन की व्यवस्था की है. बस्ती में घूम-घूम कर लोगों को भोजन दिया गया है.

बाढ़ पीड़ितों ने क्या कहा
बागबेड़ा नया बस्ती में बाढ़ पीड़ित सुरेंद्र पंजारा बताते है कि घर का सारा सामान बर्बाद हो गया है. सुबह से साफ-सफाई में लगे है. इस बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है. वहीं, संजू देवी किराए के मकान में रहती है. बाढ़ की चपेट में उनका भी घर आ गया है. उनका कहना है कि घर का सामान नष्ट हो गया है. घर में अनाज भी नहीं है. 60 वर्षीय सरोज रजक भी बताते है कि एक तरफ कोरोना का डर और अब बाढ़ से तबाही सब कुछ बर्बाद हो गया है.

बहरहाल, बाढ़ पीड़ित फिर से अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने की तैयारी में जुट गए हैं लेकिन एक तरफ कोरोना का लॉकडाउन और फिर यास तूफान के कारण उनकी जिंदगी की रफ्तार धीमी पड़ गई है. जिसे संवरने में वक्त लगेगा.

Last Updated : May 28, 2021, 5:21 PM IST
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