जमशेदपुर: शहर से संचालित अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का खुलासा होने के बाद उसके मुख्य सरगना का नाम सामने आया है. मानगो निवासी महेश पोद्दार ने रिमांड के दौरान पूछताछ में बताया कि इस पूरे खेल का मुख्य शातिर राहुल केशरी है. राहुल केशरी ओर योगेश शर्मा उसके बचपन के दोस्त हैं. राहुल ने ही उसे इस धंधे में आने का प्रलोभन दिया था.
2017 में नौकरी छोड़ इस धंधे में आया
दरअसल, महेश ठगी के इस धंधे में आने के पहले टाटा मोटर्स के एक विभाग के स्टोर इंचार्ज के तौर पर स्थाई नौकरी कर रहा था. टाटा मोटर्स के पूर्व वह गोविंदपुर स्थित स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स कंपनी में अस्थाई नौकरी कर रहा था. हर माह लाखों रुपए कमाने के लोभ ने उसे 19000 हजार रूपए वेतन की स्थाई नौकरी छोड़ने पर मजबूर कर दिया. काम उसे तब तक अच्छा लगा जब तक लाखों रुपयों मिलते रहे. महेश के अनुसार उसके खाते में अब कुछ हजार रुपए ही बचे हैं. लेकिन उसने 1 साल में 7 से दस लाख रुपए भी कमाया था. 2017 में नौकरी छोड़ने के बाद उसने राहुल केशरी के कहने पर कंप्यूटर वर्क करने के तौर पर जुड़ा और फिर उसी में फंसकर रह गया.
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उठे अनसुलझे राज से पर्दा
ठगी के इस खेल का पर्दा हर दिन उठ रहा है और नई-नई सच्चाई सामने आ रही है. इस मामले में सबसे पहले पकड़ाए राहुल मिश्र ने बताया था कि उसका बैंक अकाउंट महेश पोद्दार ने खुलवाया था. जबकि बैंक में अकाउंट खुलवाने के लिए खुद ही गया था इसके अलावा अन्य दो युवकों का बैंक अकाउंट भी राहुल मिश्रा ने ही खुलवाया था. यह सारी बातें साइबर थाना के सामने सबूत के तौर पर आ गई है. पुलिस टीम ने उन सभी बैंकों की सीसीटीवी फुटेज को खंगाल लिया जहां इन सभी का बैंक अकाउंट था.
सॉफ्टवेयर डेवलपर को पुलिस नहीं ढूंढ पाई
अन्य अभियुक्त राहुल केसरी सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम करता था. उसे कंप्यूटर की बारीकी मालूम थी. उसने खुद का वेबसाइट बनाकर ठगी का कारोबार खड़ा किया. राहुल केसरी के संबंध में महेश ने बताया कि वह कुछ वर्षों से कोलकाता के साल्ट लेक एरिया में रह रहा है. वर्तमान में उसके लोकेशन के संबंध में उसे नहीं मालूम है उसका दूसरा साथी योगेश शर्मा भी कंप्यूटर एक्सपर्ट है राहुल के अनुसार वह खुद को कस्टमर केयर कॉल सेंटर चलाता है. आशंका है या कॉल सेंटर भी फर्जी होगा.