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इलाज के अभाव में बच्चे की मौत, CM हेमंत सोरेन ने टवीट कर दिया कार्रवाई का निर्देश

जमशेदपुर के गोलपहाड़ी निवासी राजेश पात्रो के 12 वर्षीय बेटे की मौत के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त को कार्रवाई का निर्देश दिया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने इस नुकसान के लिए पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है.

CM Hemant Soren directed to take action on child death in jamshedpur
सिविल सर्जन
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Published : Jan 21, 2020, 10:42 PM IST

जमशेदपुर: गोलपहाड़ी निवासी राजेश पात्रो के 12 वर्षीय बेटे की इलाज के अभाव में बीते रविवार को मौत हो गई थी. आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के पास आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद भी पैसे के अभाव में बच्चे का उचित इलाज नहीं हो पाया. इधर मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर पीड़ित परिवार को हर संभव मदद करने का आदेश पूर्वी सिंहभूम डीसी को दिया है.

CM Hemant Soren directed to take action on child death in jamshedpur
सीएम का ट्वीट

आयुष्मान कार्ड रहने के बावजूद नहीं हुआ इलाज

आयुष्मान कार्ड के तहत यह दावा किया जाता है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के सदस्यों का मुफ्त में इलाज होगा, पर 12 वर्षीय किशोर की मृत्यु ने आयुष्मान कार्ड और स्वास्थ विभाग पर सवालिया निशान लगा दिया है. पिछले एक साल पूर्व जमशेदपुर के गोलपहाड़ी निवासी राजेश पात्रो अपने 12 वर्षीय बेटे के इलाज के लिए किसी तरह से आयुष्मान कार्ड बनवाएं थे, ताकि उनके बेटे का हृदय संबंधी रोग दूर हो सके और उनका बेटा स्वस्थ हो सके. लेकिन आयुष्मान कार्ड बन जाने के बाद भी उनके बेटे का इलाज नहीं हो सका. जहां वे सालभर से हर अस्पताल की ठोकरें खाते रहें.

इधर, अस्पताल की ओर से आयुष्मान कार्ड के तहत सिर्फ और सिर्फ ऑपरेशन की बात को कहकर ट्रीटमेंट करने से इंकार कर दिया गया था. इस संबंध में परिजनों ने उपायुक्त से लेकर सिविल सर्जन तक से गुहार लगाई थी, लेकिन परिजनों के हाथ सिर्फ निराशा ही लगा. अंततः इलाज के अभाव में 12 वर्षीय किशोर ने अपना दम तोड़ दिया, वहीं परिजनों ने बताया कि घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी ना ही उनसे मुलाकात करने पहुंचे और ना ही अब तक कोई कार्रवाई हुई है.

इसे भी पढे़ं- शराब पीकर महिला ने मचाया उत्पात, जवान का कॉलर पकड़ देने लगी गाली

सिविल सर्जन ने दी सफाई

इस संबंध में जब सिविल सर्जन महेश्वर प्रसाद से बात की गई तो उनके अनुसार बच्चे के इलाज में कहीं भी लापरवाही नहीं बरती गई है. हायर सेंटर में दिखाने के बाद इंफेक्शन की बात सामने आई थी, जहां इंफेक्शन समाप्त होने के बाद ही ऑपरेशन की बात कही गई थी. जहां जमशेदपुर स्थित मेडिट्रिना अस्पताल में उसका इलाज करवाया गया. जिसके बाद उसे हायर सेंटर सत्य साईं के लिए रेफर किया गया. उन्होंने कहा कि दोबारा परिजन उनके संपर्क में आए ही नहीं, उनके अनुसार बच्चे के इलाज में कहीं भी लापरवाही नहीं बरती गई है.

जमशेदपुर: गोलपहाड़ी निवासी राजेश पात्रो के 12 वर्षीय बेटे की इलाज के अभाव में बीते रविवार को मौत हो गई थी. आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के पास आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद भी पैसे के अभाव में बच्चे का उचित इलाज नहीं हो पाया. इधर मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर पीड़ित परिवार को हर संभव मदद करने का आदेश पूर्वी सिंहभूम डीसी को दिया है.

CM Hemant Soren directed to take action on child death in jamshedpur
सीएम का ट्वीट

आयुष्मान कार्ड रहने के बावजूद नहीं हुआ इलाज

आयुष्मान कार्ड के तहत यह दावा किया जाता है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के सदस्यों का मुफ्त में इलाज होगा, पर 12 वर्षीय किशोर की मृत्यु ने आयुष्मान कार्ड और स्वास्थ विभाग पर सवालिया निशान लगा दिया है. पिछले एक साल पूर्व जमशेदपुर के गोलपहाड़ी निवासी राजेश पात्रो अपने 12 वर्षीय बेटे के इलाज के लिए किसी तरह से आयुष्मान कार्ड बनवाएं थे, ताकि उनके बेटे का हृदय संबंधी रोग दूर हो सके और उनका बेटा स्वस्थ हो सके. लेकिन आयुष्मान कार्ड बन जाने के बाद भी उनके बेटे का इलाज नहीं हो सका. जहां वे सालभर से हर अस्पताल की ठोकरें खाते रहें.

इधर, अस्पताल की ओर से आयुष्मान कार्ड के तहत सिर्फ और सिर्फ ऑपरेशन की बात को कहकर ट्रीटमेंट करने से इंकार कर दिया गया था. इस संबंध में परिजनों ने उपायुक्त से लेकर सिविल सर्जन तक से गुहार लगाई थी, लेकिन परिजनों के हाथ सिर्फ निराशा ही लगा. अंततः इलाज के अभाव में 12 वर्षीय किशोर ने अपना दम तोड़ दिया, वहीं परिजनों ने बताया कि घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी ना ही उनसे मुलाकात करने पहुंचे और ना ही अब तक कोई कार्रवाई हुई है.

इसे भी पढे़ं- शराब पीकर महिला ने मचाया उत्पात, जवान का कॉलर पकड़ देने लगी गाली

सिविल सर्जन ने दी सफाई

इस संबंध में जब सिविल सर्जन महेश्वर प्रसाद से बात की गई तो उनके अनुसार बच्चे के इलाज में कहीं भी लापरवाही नहीं बरती गई है. हायर सेंटर में दिखाने के बाद इंफेक्शन की बात सामने आई थी, जहां इंफेक्शन समाप्त होने के बाद ही ऑपरेशन की बात कही गई थी. जहां जमशेदपुर स्थित मेडिट्रिना अस्पताल में उसका इलाज करवाया गया. जिसके बाद उसे हायर सेंटर सत्य साईं के लिए रेफर किया गया. उन्होंने कहा कि दोबारा परिजन उनके संपर्क में आए ही नहीं, उनके अनुसार बच्चे के इलाज में कहीं भी लापरवाही नहीं बरती गई है.

Intro:एंकर-- इधर जमशेदपुर में एक बार फिर इलाज के अभाव में 12 वर्षीय किशोर की मृत्यु हो गई, आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के पास आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद नहीं हुआ बच्चे का इलाज और बच्चा ज़िंदगी से जंग हार गया, जानकारी मिलते ही राज्य के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करने का आदेश जिले के उपायुक्त को दिया।Body:वीओ--- यूं तो आयुष्मान कार्ड के तहत यह दावा किया जाता है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के सदस्यों का मुफ्त में इलाज होगा पर 12 वर्षीय किशोर की मृत्यु ने आयुष्मान कार्ड साथ ही स्वास्थ विभाग पर सवालिया निशान लगा दिया है, पिछले 1 वर्ष पूर्व जमशेदपुर के गोल पहाड़ी निवासी राजेश पात्रो अपने 12 वर्षीय पुत्र के इलाज के लिए किसी तरह से आयुष्मान कार्ड बनवाएं ताकि उनके पुत्र का हृदय संबंधी रोग दूर हो सके और उनका पुत्र स्वस्थ हो सके पर आयुष्मान कार्ड बन जाने के बाद भी उनके पुत्र का इलाज नहीं हो सका जहां वे हर अस्पताल की ठोकरें खाते रहें, और बार-बार अस्पताल के द्वारा आयुष्मान कार्ड के तहत सिर्फ और सिर्फ ऑपरेशन की बात को कहकर ट्रीटमेंट करने से इंकार कर दिया गया इस संबंध में परिजनों ने उपायुक्त से लेकर सिविल सर्जन तक से गुहार लगाया पर हाथ लगा सिर्फ और सिर्फ निराशा और अंततः इलाज के अभाव में 12 वर्षीय किशोर ने अपना दम तोड़ दिया, वहीं परिजनों ने बताया कि घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी ना ही उनसे मुलाकात करने पहुंचे और ना ही अब तक कोई कार्रवाई हुई।
वही इस संबंध में जब सिविल सर्जन महेश्वर प्रसाद से बात की गई तो उनके अनुसार बच्चे के इलाज में कहीं भी लापरवाही नहीं बरती गई है हायर सेंटर में दिखाने के बाद इंफेक्शन की बात सामने आई थी जहां इन्फेक्शन समाप्त होने के बाद ही ऑपरेशन की बात कही गई थी जहां जमशेदपुर स्थित मेडिट्रिना अस्पताल में उसका इलाज करवाया गया उसके बाद उसे हायर सेंटर सत्य साईं के लिए रेफर किया गया पर दोबारा परिजन उनके संपर्क में आए ही नही, उनके अनुसार बच्चे के इलाज में कहीं भी लापरवाही नहीं बरती गई है।
बाइट--डॉक्टर बी० महेश्वरी सिविल सर्जन सदर अस्पताल
Conclusion:
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