जमशेदपुर: 2011 में यूनेस्को की महासभा के 36वें सत्र में 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस घोषित किया गया. 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के तौर पर यूनेस्को की घोषणा को संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 14 जनवरी, 2013 को मंजूरी दी.
विश्व रेडियो दिवस के दिन हम आपको ऐसे व्यक्ति से मिलाने जा रहे हैं. जिन्हें जमशेदपुर या इसके आस-पास के क्षेत्रो में रेडियो मैन के नाम से जाना जाता है. वैसे उनका वास्तविक नाम चिन्मय महतो है, जो जमशेदपुर के सोनारी उलियान के रहने वाले है.
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64 वर्षीय चिन्मय महतो पेशे से अधिवक्ता है और पूर्व उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय सुधीर महतो के चचेरे भाई है. घर में राजनितीक माहौल होने के कारण उन्हें बचपन से ही रेडियो सुनने का शोक था. रेडियो सुनने के बाद वे श्रोता के तरह खत लिखना शुरु किए. खत लिखने का परिणाम यह निकला कि रेडियो प्रबंधन ने उनके खत के नाम के साथ जानकारी देने लगी.
जिससे वह काफी खुश हुए, उसके बाद रेडियो में खत लिखने के परंपरा उनके निरंतर जारी रहा. उसके बाद चिन्मय ने एक क्लब का गठन किया. जिसका नाम GUIDE INTERNATIONAL RADIO LISTENERS CLUB रखा गया और इस क्लब का मुख्य उद्देश्य रेडियो के बारे में जानकारी देना है.
वहीं, चिन्मय कहते हैं कि उनके पास पुराने रेडियो जो भी थे उसे उन्होंने रखना शुरु किया. लोगों को जब जानकारी हुई कि वे रेडियो रखते है तो कई लोगों ने उनसे संर्पक कर रेडियो देना शुरु किया. फिलहाल उनके पास 200 से ज्यादा रेडियो है, जो 1957 से लेकर 2018 के मॉडल है.
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इनमें एचएमभी, फ्लीप्स बुश, क्राउन, नेशनल सहित कई विदेशी कंपनी के रेडियो शामिल है. बकायदा उन्होंने इसके लिए अपने घर के छत में एक रेडियो का म्यूजिम बना रखा है. जिसमें यह सभी मॉडल के रेडियो देखने को मिल जाएंगे.
बकौल चिन्मय महतो को रेडियो के लगाव को देखते हुए वायस ऑफ अमेरिका, रेडियो जापान, रेडियो कनाडा इंटरनेशनल, रेडियो रोमानिया, श्रीलंका ब्रॉडकास्टिंग समेत अन्य देशों से उन्हें सम्मान मिल चुका है. अब आपको भी इस सोशल मीडिया यूग में रेडियो के बारे में जानना है तो जरुर सोनारी के उलियान स्थित चिन्मया के घर में बने रेडियो म्यूजियम जाए.