जमशेदपुर: सच्ची लगन और जज्बां हो तो किसी भी तरह की परीक्षा को पास किया जा सकता है. ऐसा ही कर दिखाया है वर्षों से नक्सली जद में रहे विकास से पिछड़े हुए घाटशिला के गुड़ाबंदा प्रखंड में, जहां के बीहड़ गांवों में किसी भी तरह की सुविधा के बगैर भी यहां के बच्चों ने अपनी लगन और परिश्रम से मैट्रिक की परीक्षा में शहरी बच्चों को पीछे छोड़ दिया है. इसे ही बच्चों को सम्मानित करने के लिए गुड़ाबांदा पंचायत कार्यालय में प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इसका आयोजन समाजसेवी राजेंद्र प्रसाद सिंह ने किया. इसमें प्रतिभावान बच्चों को उपहार और मिठाई देकर सम्मानित किया गया.
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इस मौके पर झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबुलाल मरांडी ने वीडियो कॉलिंग के माध्यम से इन प्रतिभावान बच्चों को संबोधित कर इनका हौसला बढ़ाया और लक्ष्य तय कर आगे बढ़ने की सलाह दी. वहीं, आगे की पढ़ाई में किसी तरह की जरूरत पर मदद का भरोसा भी दिलाया. सम्मान पाकर और वीडियो कॉल के द्वारा प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से बात करके बच्चे काफी उत्साहित दिखे. समाजसेवी साकेत अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के बच्चों को मदद की जरूरत है. आगे भी वह इस तरह के बच्चों को पढ़ाई के दौरान मदद करने का भरोसा दिलाते रहेंगे, वह बच्चों के साथ हमेशा है.
75.01 फीसदी बच्चे हुए पास
बता दें कि 8 जुलाई को झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने बुधवार दोपहर करीब सवा एक बजे मैट्रिक रिजल्ट घोषित कर दिया था. नतीजे शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने जारी किए थे. इस बार पिछले साल की तुलना में करीब 5 फीसदी बच्चे अधिक पास हुए हैं. पिछले साल जहां 70.81 फीसदी छात्र-छात्राएं पास हुए थे, वहां इस साल 75.01 फीसदी छात्र-छात्राएं पास हुए हैं. परीक्षार्थी अपना परिणाम jac.jharkhand.gov.in पर चेक कर सकते हैं. नतीजे जारी होने के साथ ही राज्य के मैट्रिक कक्षा के 3.86 लाख छात्र-छात्राओं का इंतजार खत्म हो गया है. इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा 11 से 28 फरवरी तक आयोजित की गई थी. लॉकडाउन के कारण मूल्यांकन कार्य बढ़ाना पड़ा था. इस कारण रिजल्ट आने में विलंब हुआ.