जमशेदपुर: केंद्र सरकार (Central Government) ने कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर (Second wave of Corona) में ऑक्सीजन की कमी (Lack of Oxygen) से मरीजों की मौत नहीं हुई है. केंद्र सरकार के इस बयान को झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने झूठा करार दिया है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Health Minister Banna Gupta) ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है, जिसके बाद बीजेपी ने भी स्वास्थ्य मंत्री पर निशाना साधा है.
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स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के प्रेस रिलीज के जवाब में कड़ा प्रहार करते हुए बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने देश के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के रिपोर्ट के आधार पर कहा है, कि ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई है, अगर ये गलत है तो झारखंड सरकार अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करे कि आखिर उन्होंने क्या रिपोर्ट भेजी है? महज प्रेस रिलीज जारी कर केन्द्र सरकार पर गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने की बात कहना ये खुद गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करने जैसा है.
कुणाल षाड़ंगी ने विपक्षियों पर साधा निशाना
कुणाल षाड़ंगी ने कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों का इस मुददे पर केन्द्र सरकार को कटघरे में खड़ा करने को लेकर हैरानी जताई. उन्होंने याद दिलाया कि महाराष्ट्र में गैर बीजेपी की सरकार है और वहां के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का बयान सुर्खियों में हैं, राजेश टोपे कह रहे हैं कि हमने कभी नहीं कहा कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई है.
बन्ना गुप्ता ने केन्द्र सरकार के बयान को बताया गैर जिम्मेदाराना
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रेस रिलीज जारी कर केन्द्र सरकार के ऑक्सीजन की कमी से मौत वाले बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया है. बन्ना गुप्ता की प्रेस रिलीज में कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में देश में ऑक्सीजन की कमी से मौत इसलिए हुई, क्योंकि केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन निर्यात 700 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था और ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करनेवाले टैंकरों की व्यवस्था नहीं की गई, इसके अलावा अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में कोई सक्रियता भी नहीं दिखाई गई.
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कुणाल षाड़ंगी ने स्वास्थ्य मंत्री से पूछे सवाल
स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर कुणाल षाड़ंगी ने पलटवार कर उनसे पूछा है कि बतौर स्वास्थ्य मंत्री फिर आपने अपने राज्य झारखंड में क्या किया, जब PM care के मिले पैसों से भी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट नही लगवा सके, या ऑक्सीजन सप्लाई का बेहतर प्रबंधन न करवा सके, वो भी तब जब राज्य में इतनी ऑक्सीजन थी, कि यहां के ऑक्सीजन प्लांट की मदद से टैंकर दूसरे राज्यों के लिए रवाना किए जा रहे थे, जिसको खुद स्वास्थ्य मंत्री हरी झंडी दे रहे थे. कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री दोषारोपण की जगह खुद झारखंड के संबंध में रिपोर्ट सार्वजनिक करें कि यहां ऑक्सीजन को लेकर क्या हालात रहे और मौत हुई थी या नहीं, अगर कोई रिपोर्ट तैयार नहीं है तो पीएम मोदी को माफी मांगने की सलाह देने और केन्द्र पर कुप्रबंधन का आरोप लगाने की बजाए राज्य सरकार अपने गिरेबान में झांके कि उन्होंने खुद क्या प्रबंधन किया.
कोरोना काल में जमशेदपुर में दो-दो अस्पताल बंद: कुणाल षाड़ंगी
कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि अगर झारखंड में ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई है तो सबसे पहली जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है, कोरोना काल में जमशेदपुर में दो-दो अस्पताल बंद हुए, जिसका श्रेय स्वास्थ्य मंत्री को जाता है, अगर टीएमएच नहीं होता तो जमशेदपुर की स्थिति और भयावह होती. उन्होंने कहा कि मंत्रियों और उच्च जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों के लिए ऐयर ऐंबुलेंस की व्यवस्था से एतराज नहीं है, लेकिन ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए सरकारी अस्पताल में व्यवस्था और गर्भवती महिलाओं के लिए एक स्ट्रेचर तक की व्यवस्था न कर पाने वाली सरकार को केंद्र सरकार को ज्ञान बांटने का कोई अधिकार नहीं है.