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व्रतियों को घरों में ही करना होगा छठ पर्व, बीजेपी ने सरकार के फैसले को बताया तुगलकी फरमान - गाइडलाइंस का विरोध तेज

झारखंड सरकार ने छठ व्रत को लेकर गाइडलाइन जारी किया है. सरकार के गाइडलाइन के अनुसार इस बार व्रतियों को घरों में ही छठ करना पड़ेगा. गाइडलाइन जारी होने के बाद बीजेपी ने हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने इस फैसले को तुगलकी फरमान बताया है.

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हेमंत सरकार पर निशाना
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Published : Nov 16, 2020, 3:52 PM IST

जमशेदपुर: छठ महापर्व पर झारखंड सरकार के ओर से जारी गाइडलाइंस का विरोध तेज हो गया है. राज्य के मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सरकार के दिशा निर्देशों को लोकआस्था पर कुठाराघात बताया. प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षड़ंगी ने छठ महापर्व को लेकर झारखंड सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस को तुगलकी फरमान बताया है.

जानकारी देते कुणाल षाड़ंगी

कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि झारखंड सरकार एक धर्म विशेष के आस्था का जानबूझकर उपेक्षा कर रही है, हमेशा हिंदुओं के बड़े त्येहारों पर अंतिम समय में गाइडलाइंस जारी होता है, जिससे असमंजस बनी रहती है. उन्होंने नदी, तालाबों में सार्वजनिक छठ पूजा करने पर पाबंदी को अविवेकपूर्ण और लोकआस्था पर कुठाराघात बताया. उन्होंने कहा कि बिहार समेत अन्य प्रदेशों में तालाबों में छठ व्रत करने की छूट है, लेकिन झारखंड सरकार ने सख्ती से पाबंदी लागू कर के लोकआस्था का अपमान किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री से छठ महापर्व को लेकर जारी गाइडलाइंस पर पुनर्विचार कर छूट देने का आग्रह किया है.

इसे भी पढे़ं:-सरना धर्म कोड के लिए 5 राज्यों में चलेगा जागरूकता अभियान, सरना धर्म रथ किया रवाना

बीजेपी प्रवक्ता ने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की इतनी चिंता थी तो चुनावी रैलियों में मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों ने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन क्यों किया? आपदा प्रबंधन विभाग ने सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की? उन्होंने झामुमो विधायक कुमार सुदिव्य के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग ही राज्य में असल आपदा है. कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि हेमंत सरकार ने कांग्रेस के इशारे पर हिंदू त्योहारों और लोकआस्था पर पाबंदी लगाई है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.

जमशेदपुर: छठ महापर्व पर झारखंड सरकार के ओर से जारी गाइडलाइंस का विरोध तेज हो गया है. राज्य के मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सरकार के दिशा निर्देशों को लोकआस्था पर कुठाराघात बताया. प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षड़ंगी ने छठ महापर्व को लेकर झारखंड सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस को तुगलकी फरमान बताया है.

जानकारी देते कुणाल षाड़ंगी

कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि झारखंड सरकार एक धर्म विशेष के आस्था का जानबूझकर उपेक्षा कर रही है, हमेशा हिंदुओं के बड़े त्येहारों पर अंतिम समय में गाइडलाइंस जारी होता है, जिससे असमंजस बनी रहती है. उन्होंने नदी, तालाबों में सार्वजनिक छठ पूजा करने पर पाबंदी को अविवेकपूर्ण और लोकआस्था पर कुठाराघात बताया. उन्होंने कहा कि बिहार समेत अन्य प्रदेशों में तालाबों में छठ व्रत करने की छूट है, लेकिन झारखंड सरकार ने सख्ती से पाबंदी लागू कर के लोकआस्था का अपमान किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री से छठ महापर्व को लेकर जारी गाइडलाइंस पर पुनर्विचार कर छूट देने का आग्रह किया है.

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बीजेपी प्रवक्ता ने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की इतनी चिंता थी तो चुनावी रैलियों में मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों ने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन क्यों किया? आपदा प्रबंधन विभाग ने सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की? उन्होंने झामुमो विधायक कुमार सुदिव्य के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग ही राज्य में असल आपदा है. कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि हेमंत सरकार ने कांग्रेस के इशारे पर हिंदू त्योहारों और लोकआस्था पर पाबंदी लगाई है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.

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