जमशेदपुर: आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू ने सरना धर्म कोड को केंद्र से मान्यता दिलाने की मांग को लेकर जन जागरण अभियान की शुरुआत की. इसके लिए मुर्मू ने सरना धर्म रथ रवाना किया. उन्होंने बताया कि देश के पांच राज्यों में यह रथ निकाला लोगों को जागरूक करेगा, ताकि इसके पक्ष में लोगों को तैयार किया जा सके. उन्होंने बताया कि 30 नवंबर तक केंद्र सरकार सरना धर्म कोड को मान्यता नहीं देती है तो वे राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे.
जमशेदपुर के करनडीह चौक से आदिवासी सेंगेल अभियान प्रमुख सह जदयू के झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष ने सरना धर्म कोड रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान सेंगेल अभियान के नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ जदयू के नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे. मुर्मू ने जन जागरण के लिए सरना धर्म कोड देश के अधिक आदिवासी वाले प्रदेशों बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और झारखण्ड में रथ निकाला जा रहा है. सौ से ज्यादा रथ एक सप्ताह तक भ्रमण करेंगे और हमारी मांग के पक्ष में लोगों का समर्थन जुटाएंगे और लोगों को जागरूक करेंगे.
सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाने के लिए आदिवासी सेंगेल अभियान कई अभियान चला रहा है. इधर 11 नवंभर को झारखण्ड सरकार की ओर से कोड को मान्यता देने की घोषणा से सेंगेल अभियान संतुष्ट नहीं है. आदिवासी सेंगेल अभियान प्रमुख सालखन मुर्मू ने बताया है कि 2021 में जनगणना होना है, उसके पहले आदिवासियों को धर्मिक पहचान और मान्यता दिलाना जरूरी है. 30 नवम्बर तक केंद्र सरकार को सरना धर्म कोड को मान्यता देना होगा अन्यथा देश में राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत रेल रोड चक्का जाम किया जाएगा.