जमशेदपुर: लौहनगरी में खुशबूदार फूलों की जगह अब कृत्रिम फूल-पत्तियां लेने लगी हैं. शहर में लगभग सभी सरकारी, प्राइवेट ऑफिस और घरों में लोग कृत्रिम फूलों की सजावट कर रौनक बढ़ा रहे हैं.
प्राकृतिक फूल-पत्तियों की खुशबू एक दिन में खत्म हो जाती है, और यह आज के समय में काफी महंगा हो गया है. प्राकृतिक फूल-पत्तियों को तैयार करने में उसके अनुरूप मिट्टी पानी की आवश्यकता होती है. कृत्रिम फूल-पत्तियों में मिट्टी पानी की दरकार नहीं होती है, और ये टिकते भी बहुत दिनों तक हैं.
आजकल के समय में बाजार में कृत्रिम फूल-पत्तियों की मांग बढ़ गई है. पचास रुपए से लेकर हजार रुपए तक के फूल मार्केट में उपलब्ध हैं. विशेष समारोह में भी कृत्रिम फूलों की मांग बढ़ने लगी है, मार्केट में कई तरह के फूल उपलब्ध हैं.
मार्केट में हमेशा प्राकृतिक फूल-पत्तियां उपलब्ध नहीं होती है, साथ ही यह बहुत जल्दी मुरझा जाते हैं, इसलिए लोग अपने घरों की सजावट करने में ज्यादातर कृत्रिम फूलों का उपयोग करने लगे हैं.