जमशेदपुर: केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा शुक्रवार को घाघीडीह जेल में जाकर सौहार्द खराब करने के आरोप में गिरफ्तार भाजपा नेता अभय सिंह, जिला उपाध्यक्ष सुधांशु ओझा, अधिवक्ता चंदन चौबे, विहिप कार्यकर्ता समेत सामाजिक कार्यकर्ताओं से मिले. इस दौरान उन्होंने सभी नेताओं को हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया. जेल के अंदर बीस मिनट रहकर बाहर आने के पत्रकारों से बातचीत में उन्होने शास्त्रीनगर की घटना पर चिंता जतायी. उन्होनें कहा कि इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि शासन को एक पक्ष में रहकर काम नहीं करना चाहिए. इस पूरे घटनाक्रम में जिला प्रशासन का काम एक पक्षीय रहा. लगता है जिला प्रशासन किसी दबाव मे आकर ऐसा फैसला ले रहा है.
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जेल में शास्त्रीनगर हिंसा में गिरफ्तार किए गए नेताओं से मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि छोटी सी घटना को प्रशासन ने जानबूझकर को विकराल रूप बनाया. उन्होंने कहा कि पूरी घटना के लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार है. प्रशासन वैसे कार्यकर्ताओं को जेल भेजा जिसका इससे कोई लेना देना नहीं है. इस तरह की घटना की जांच होनी चाहिए.
क्या हुआ था शास्त्रीनगर हिंसा में: रामनवमी के बाद रविवार को झंडे की रस्सी से छेड़छाड़ की गई थी. इस मामले के सामने आते ही पूरे इलाके में तनाव फैल गया. देखते ही देखते दो गुटों के बीच पथरबाजी होने लगी. इसके बाद कुछ असमाजिक तत्वों ने वहां पर दुकानों और वाहनों में आग लगी दी थी. जिसके बाद पुलिस और प्रशासन वहां पहुंची. लोगों को काबू करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की वहीं रैफ के जवानों ने आंसू गैसे के गोले भी छोड़े. मामले की गंभीरता को देखते हुए, इलाके में धारा 144 लगा दिया था.