जमशेदपुर: ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन पूर्वी भारत के प्रधान सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है. यह वह महिला है तो उसके प्रति आदर के साथ सिर झुक जाता है. उस पर भी यदि कोई 73 साल की बुजुर्ग महिला किसान है तो वह पूजनीय है. 73 साल की बुजुर्ग किसान महिला की शान के खिलाफ कोई गलत सुनना पसंद नहीं करेगा. लेकिन अभिनेत्री कंगना रनौत को आखिर ताकत कौन दे रहा है कि वह इस देश में किसानों और खासकर बुजुर्ग महिला का अपमान कर रही है.
जहर उगलता है कंगना है ट्वीट
सतनाम सिंह गंभीर ने आगे कहा कि पंजाब के भटिंडा जिले के बहादुरगढ़ जांडियन गांव की 73 वर्षीय किसान महिला महेंद्र कौर को शायद कंगना रनौत ने अपनी तरह कलाकार समझ रखा है. जो पैसे लेकर काम करते हैं. क्योंकि कलाकार कोई भी किरदार में नजर आता है तो वह बिना पैसा लिए बिना एग्रीमेंट कराए काम नहीं करता है. वास्तव में कंगना रनौत के विरासत में ही कुछ गलत है. वो पावर के बिना नहीं रह सकते है. कंगना असल में तो इस देश के खिलाफ है. उसके ट्वीट बताते हैं कि उसके दिल में कितना नफरत और जहर है. यही जहर हमारे पंजाब की बुजुर्ग महिला के प्रति उसने उगला है. इस बार कंगना ने गलती कर दी है. यह शिवसेना और उद्धव ठाकरे नहीं है, जिसके खिलाफ कंगना बोल रही थी.
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मानसिक आरोग्यशाला में हो इलाज
ऐसे में ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन कंगना रनौत को मानसिक आरोग्यशाला में भेज रहा है. जहां वह अपना इलाज कराएं. देश की बहुलवादी संस्कृति बहुलवादी भाषा विरासत परंपरा का वहां वह सम्मान करना सीखें. इसके लिए विद्वान भी वहां भेजे जाएंगे.